प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कंपनियों के वित्त, 2014-15 के आंकड़े जारी
03 मई 2016 प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कंपनियों के वित्त, 2014-15 के आंकड़े जारी भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) कंपनियों के वित्त, 2014-15’ से संबंधित आंकड़े जारी किए। उक्त आंकड़े उन 3,320 चयनित गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कंपनियों के लेखापरीक्षित वार्षिक लेखों के आधार पर संकलित किए गए हैं जिन्होंन अप्रैल 2014 से मार्च 2015 की अवधि के दौरान अपने लेखे बंद किए थे। ये आंकड़े कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) सिस्टम्स (एक्सटेंसिबल बिजनस रिपोर्टिंग लैंग्वेज (एक्सबीआरएल) और फार्म एओसी-4 (गैर-एक्सबीआरएल) मंच) पर आधारित हैं। ये आंकड़े एक समान स्वरूप वाली कंपनियों के आधार पर वर्ष 2012-13 से 2014-15 की तीन वर्षों की अवधि की तुलनात्मक तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। विवरणों से संबंधित ‘व्याख्यात्मक टिप्पणियां’ अंत में दी गई हैं। प्रमुख निष्कर्ष:
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एनजीएनएफ एफडीआई कंपनियों के कार्यनिष्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2014-15 में सुधार हुआ। चयनित एफडीआई कंपनियों की बिक्री वृद्धि और उत्पादन मूल्य वर्ष 2014-15 में उच्चतर स्तर पर रहा। वर्ष 2013-14 में दर्ज 11.0 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि की तुलना में वर्ष 2014-15 में यह 13.0 प्रतिशत रही।
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मुख्य रूप से विनिर्माण और अन्य परिचालन खर्चों के बढ़ने के कारण परिचालन लाभ वृद्धि वर्ष 2013-14 के 16.2 प्रतिशत से घटकर 14.6 प्रतिशत तक हो गई। तथापि, निवल लाभ वृद्धि पिछले वर्ष के 11.8 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2014-15 में बढ़कर 19.7 प्रतिशत हो गई।
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व्यापारिक वस्तुओं के निर्यात में पिछले वर्ष की भांति कमी जारी रही। आयात में भी वर्ष 2014-15 में 9.2 प्रतिशत तक की कमी आई जबकि वर्ष 2013-14 में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
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‘कुल उधारों’ की वृद्धि दर वर्ष 2013-14 के 23.1 प्रतिशत से काफी घटकर वर्ष 2014-15 में 3.7 प्रतिशत हो गई। इसी प्रकार, ‘बैंकों से उधार’ में भी पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2014-15 में 2.4 प्रतिशत की काफी निम्न दर से वृद्धि हुई।
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अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) में व्यय वृद्धि वर्ष 2013-14 में 27.1 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2014-15 में 11.9 प्रतिशत रही। तथापि, रॉयल्टी भुगतान वर्ष 2013-14 के 13.1 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2014-15 में 29.6 प्रतिशत की उच्च दर से बढ़ा।
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सकल स्थिर आस्तियां और निवल स्थिर आस्तियां पिछले वर्ष के 18.0 प्रतिशत और 15.3 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में वर्ष 2014-15 में क्रमशः 10.2 प्रतिशत और 8.6 प्रतिशत की कम दर से बढ़ी।
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परिचालन लाभ मार्जिन और आरओई (इक्विटी पर प्रतिफल जिसे निवल मालियत की तुलना में कर पश्चात के लाभ अनुपात द्वारा परिकलित किया गया है) द्वारा परिकलित लाभप्रदता अनुपात में पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2014-15 में सीमांत रूप से वृद्धि हुई।
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चयनित एफडीआई कंपनियां अपने कारोबार के विस्तार के लिए मुख्यत: निधियों के बाह्य स्रोतों पर निर्भर रही और उनकी हिस्सेदारी पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2014-15 में बढ़ गई। इन निधियों का उपयोग प्रमुख रूप से स्थिर आस्ति निर्माण और गैर-चालू निवेश के लिए किया गया। तथापि, निधियों के कुल उपयोग में नकदी और नकदी के समकक्ष की हिस्सेदारी पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2014-15 में काफी बढ़ गई।
समग्र स्तर और एफडीआई की हिस्सेदारी, एफडीआई और उद्योग की उत्पत्ति वाले देश के आधार पर चयनित गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) कंपनियों के वित्त का विश्लेषण करने वाला एक आलेख भारतीय रिज़र्व बैंक बुलेटिन के जून 2016 अंक में प्रकाशित किया जा रहा है। संगीता दास निदेशक प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2559 |