भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक, महाराष्ट्र को निदेशाधीन रखा
3 अप्रैल 2013 भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक, महाराष्ट्र भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड, नासिक, महाराष्ट्र को निदेशाधीन रखा है। निदेशों के अनुसार जमाकर्ता को भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों में दी गई शर्तों के अधीन प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाता या किसी अन्य जमा खाता, चाहे कोई भी नाम हो, में कुल शेष राशि में से ₹1000/- (मात्र एक हजार रुपये) से अधिक राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी। श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड भी रिज़र्व बैंक से लिखित में पूर्व अनुमोदन के बिना कोई ऋण और अग्रिम प्रदान करने या उनका नवीकरण करने, कोई निवेश करने, निधि उधार लेने और नई जमा स्वीकार करने, अपनी देयता अथवा बाध्यता या अन्य किसी और देयता का भुगतान करने या भुगतान करने के लिए सहमत होने, कोई समझौता या प्रबंध करने और भारतीय रिज़र्व बैंक के 1 अप्रैल 2013 के निदेशों में अधिसूचित अपनी संपत्तियों या आस्तियों की बिक्री, उनके हस्तांतरण या अन्य किसी तरीके से निपटान करने में समर्थ नहीं होगा। निदेश 2 अप्रैल 2013 को कारोबार की समाप्ति से जारी किए गए हैं। तथापि, भारतीय रिज़र्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि रिज़र्व बैंक द्वारा निदेश जारी करने को अपने आप में बैंकिंग लाइसेंस का निरसन नहीं समझा जाए। श्री गणेश सहकारी बैंक लिमिटेड अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार जारी रख सकेगा। रिज़र्व बैंक परिस्थितियों को देखते हुए इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। रिज़र्व बैंक ने ये निदेश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उपधारा (1) में प्रदत्त शक्तियों (सहकारी समितियों पर यथा लागू) का उपयोग करते हुए जारी किए हैं। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2012-2013/1664 |
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