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उद्देश्य , मूल्य और विजन

प्राक्कथन

कार्यनीति (strategy) शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द "स्ट्रेटेगोस" (strategos) से हुई है, जिसका अर्थ “जनरल” है। जिस प्रकार एक जनरल अपनी सेना के संसाधनों एवं शक्तियों में अनुकूलता स्थापित कर जीत की राह बुनने की योजना बनाता है, ठीक उसी प्रकार उत्कर्ष का अभीष्ट ऐसे क्रियाशील दस्तावेज से है जो बैंक द्वारा अपने कार्यों में उत्कृष्टता लाने हेतु अपनाए जाने वाले मार्ग का निर्धारण करता है।

उत्कर्ष 2.0 में मूल्यों, मिशन, विजन एवं संबंधित बिल्डिंग ब्लॉक्स (उपलब्धियां) के रूप में इस यात्रा की विशिष्ट विशेषताओं को प्रस्तुत किया गया है। इसे बैंक के अतिमहत्वपूर्ण लक्ष्यों के अनुकरण हेतु प्रत्येक विभाग द्वारा एवं प्रत्येक विभाग के लिए निर्मित किया गया है। यह उपलब्धियों के समूह पर ऊर्ध्वगामी रूप से निर्मित है एवं इसमें 2023-25 की समयावधि शामिल है।

चुनौतीपूर्ण वैश्विक एवं आंतरिक परिदृश्यों की पृष्ठभूमि में, उत्कर्ष 2.0 का शुभारंभ 2023 में किया जा रहा है, जब भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता की जाएगी।

2.0 तैयार की गई कार्यनीतियों एवं छ: विजन मदों के अंतर्गत उल्लिखित उपलब्धियों के माध्यम से अपने रोडमैप के अनुसार बैंक को लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु मार्गदर्शन प्रदान करेगा। महात्मा गांधी के यह शब्द हमारे प्रयासों में हमारा मार्गदर्शन करेंगे: साधन लक्ष्य से अधिक महत्वपूर्ण है, केवल सही साधनों के प्रयोग से ही हमें वांछित लक्ष्य प्राप्त होगा। 1

शक्तिकान्त दास

गवर्नर

भारतीय रिज़र्व बैंक

दिसंबर 30, 2022

विषय
प्रस्तावना
I. उत्कर्ष 2022 का परिचय एवं संरचना
1.1 परिचय
1.2 उत्कर्ष 2.0 की संरचना
उत्कर्ष 2.0
विजन 1: अपने कार्यों के निष्पादन में उत्कृष्टताटिा
विजन 2: भारतीय रिज़र्व बैंक में नागरिकों एवं संस्थानों का सुदृढ़ विश्वास
विजन 3: राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय भूमिकाओं में संवर्धित प्रासंगिकता एवं महत्व
विजन 4: पारदर्शी, उत्तरदायी एवं आचारनीति संचालित आंतरिक शासन
विजन 5: सर्वोकृष्ट एवं पर्यावरण अनुकूल डिजिटल एवं भौतिक आधारभूत संरचनाा
विजन 6: नवोन्मेषी, क्रियाशील एवं कुशल मानव संसाधन
निष्कर्ष
 

प्रस्तावना

उत्कर्ष प्रगति का प्रतीक है। उत्कर्ष 2022, जिसका शुभारंभ वर्ष 2019 में हुआ, मध्यम-अवधि कार्यनीति दस्तावेज़ के रूप में कोविड - 19 महामारी एवं भू-राजनीतिक तनावों के परिणामस्वरूप निर्मित विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए अभिनिर्धारित उपलब्धियों को प्राप्त करने की दिशा में बैंक की प्रगति का मार्गदर्शक बना। यह बैंक में पूर्व में क्रियान्वित वार्षिक कार्य योजनाओं को तीन वर्षों की लंबी समयावधि तक विस्तारित करने का एक व्यापक प्रयास था।

उत्कर्ष 2.0 में 2023-25 की समयावधि शामिल है। इसमें उत्कर्ष 2022 के मूल उद्देश्यों, मूल्यों एवं मिशन सहित छ: विजन विवरणों को बनाए रखते हुए इनकी विशिष्टताओं का प्रयोग किया गया है, जो सामूहिक रूप से कार्यनीतिक मार्गदर्शन पथ का निर्माण करते हैं। उत्कर्ष 2.0 में 60 कार्यनीतियां हैं, जो वांछित परिणामों को प्राप्त करेंगी।

उत्कर्ष 2.0 का उद्देश्य जनता का बैंक में विश्वास एवं बैंक की विश्वसनीयता को संवर्धित करना है। कार्यनीति रूपरेखा में लोकसंपर्क के नए तरीके एवं स्पर्श-बिन्दु, प्रभावी उपयोगकर्ता इंटरफेस के माध्यम से सूचना प्रसारण को सरल बनाना, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर महत्व संवर्धन, आंतरिक शासन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही को सुदृढ़ बनाना शामिल है। इससे परिकल्पित लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु बैंक के भीतर एक सक्षम डिजिटल, भौतिक, नैतिक एवं सुशासित आधारभूत संरचना का निर्माण होगा।

जहां भी आवश्यक हो, नियमित अंतराल में समीक्षा एवं संशोधनों के साथ कुशल अनुश्रवण उत्कर्ष 2.0 की विशिष्टता होगी एवं यह उत्कृष्टता की ओर अपनी यात्रा जारी रखने हेतु बैंक का कार्यनीतिक मार्ग होगा। जॉर्ज बर्नाड शॉ के शब्दों में " परिवर्तन के बिना प्रगति असंभव है, और जो अपने मन को नहीं बदल सकते हैं वे कुछ भी नहीं बदल सकते। "2


"सिर्फ खड़े होकर, पानी को देखते रहने से आप समुद्र पार नहीं कर सकते" ~ रवीन्द्रनाथ टैगोर 3

अध्याय 1

उत्कर्ष का परिचय एवं संरचनाा

1.1 परिचय

I.1 कार्यनीति किसी संगठन के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करती है। यह संगठन के मिशन एवं विजन को प्राप्त करने में सहायता प्रदान करती है, जिससे समग्र रूप से संगठनात्मक विकास एवं प्रगति होती है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा मध्यम-अवधि कार्यनीति रूपरेखा तैयार की गई है।

I.2 पूर्व में, बैंक में वार्षिक कार्ययोजना का निष्पादन किया जाता था, जिसके अंतर्गत वर्ष के दौरान किए जाने वाले कार्यों का अभिनिर्धारण कर उन्हें प्राप्त करने हेतु उनका अनुश्रवण किया जाता था। तथापि, इस प्रक्रिया में बैंक के कामकाजों के संबंध में विशालदर्शिता प्रस्तुत करने हेतु किसी एकल संदर्भ बिंदु की सुविधा नहीं थी। इसके अतिरिक्त, कार्यनीतिक उद्देश्यों के अनुकरण हेतु वार्षिक कार्ययोजना की अवधि बहुत कम प्रतीत होती थी।

I.3 तदनुसार, एक ऐसे दीर्घावधि क्रियाशील कार्यनीति रूपरेखा को तैयार करने का निर्णय लिया गया जो मौजूदा आर्थिक, सामाजिक एवं तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र की तेजी से उभरती विशिष्टताओं को समझे एवं तदनुसार कार्य कर सके। उत्कर्ष 2022, बैंक की मध्यम अवधि कार्यनीतिक रूपरेखा, को केंद्रीय निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित कर जुलाई 2019 में लाँच किया गया। उत्कर्ष 2022 का कार्यान्वयन बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की उच्च स्तरीय समिति द्वारा संचालित किया गया।

उत्कर्ष 2.0 की संरचनाा

उत्कर्ष 2.0, वर्ष 2023-25 की अवधि हेतु क्रियान्वित की जाने वाली कार्यनीति रूपरेखा, 2023-25 के बीच की समयावधि हेतु बैंक के उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए प्राथमिकताओं, गतिविधियों एवं अपेक्षित निष्कर्षों को निर्धारित करता है । उत्कर्ष 2.0 की रूपरेखा को प्रभावी एवं अधिक केंद्रित करने हेतु पुन:निर्मित किया गया है एवं यह सुनिश्चित किया गया है कि इसमें कोई अतिव्यापी परिभाषा नहीं है। इसे उत्कर्ष 2022 की भांति निर्मित किया गया है एवं यह भविष्य की चुनौतियों का सक्रियता से समाधान करते हुए वर्तमान योजनाओं को आगे बढ़ाएगा। अतिरिक्तता से बचते हुए संरचना को सरल बनाने के लिए, संशोधित रूपरेखा में तीन परतों यथा विजन, कार्यनीति एवं उपलब्धियों को शामिल किया गया है जो केंद्रित निगरानी में सहायता प्रदान करेंगे (चार्ट II. 1)

चार्ट ॥. 1 संशोधित रूपरेखा

 
Revised Structure
 

मिशन, मूल उद्देश्य एवं मूल्य

I.5 उत्कर्ष का मिशन निम्नलिखित को प्रोत्साहित करना है:

  • मूल्य एवं वित्तीय स्थिरता के संदर्भ में भारतीय नागरिकों का आर्थिक एवं वित्तीय कल्याण;
  • वित्तीय सेवाओं की निष्पक्ष एवं सार्वभौमिक पहुंच एवं
  • एक सुदृढ़, गतिशील एवं संवेदी वित्तीय मध्यस्थता आधारभूत संरचना।

I.6 उत्कर्ष का मूल उद्देश्य विकास के ध्येय को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक व वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देना एवं प्रभावी व समावेशी वित्तीय प्रणाली का विकास सुनिश्चित करना है। यह मूल उद्देश्य राष्ट्र के प्रति बैंक की निम्नलिखित प्रतिबद्धताओं को दर्शाते हैं:

  • रुपए के आंतरिक एवं बाह्य मूल्य में विश्वास को बढ़ावा देना एवं समष्टि-आर्थिक स्थिरता में योगदानः
  • वित्तीय प्रणाली में स्थिरता एवं उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करने हेतु इसके कार्यक्षेत्र के अंतर्गत बाज़ारों एवं संस्थाओं को विनियमित करना
  • वित्तीय एवं भुगतान प्रणाली की सत्यनिष्ठा, कार्यक्षमता, समावेशन एवं प्रतिस्पर्धात्मक गुणों को प्रोत्साहित करना;
  • मुद्रा प्रबंधन एवं सरकार व बैंकों के लिए बैंकिंग सेवाओं का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करना; और
  • राष्ट्र के संतुलित एवं साम्यिक आर्थिक विकास को सहारा देना।

I.7 उत्कर्ष में निहित मूल्यों के माध्यम से, संगठनात्मक निर्णयों एवं स्टाफ सदस्यों के कार्यों का मार्गदर्शन करने वाले निम्नलिखित साझा मूल्यों के प्रति बैंक प्रतिबद्ध है (तालिका 1.1):

तालिका 1.1 बैंक के मूल्य एवं कार्य
मूल्य कार्य
सार्वजनिक हित बैंक अपने कार्यों और नीतियों में जनहित एवं सर्वकल्याण को बढ़ावा देना चाहता है।
सत्यनिष्ठा एवं स्वतंत्रता बैंक स्पष्टता, विश्वास एवं जवाबदेही के माध्यम से सत्यनिष्ठता एवं स्वतंत्रता के उच्चतम मानकों को बनाए रखना चाहता है।
संवेदनात्मकता एवं नवोन्मेषण नवोन्मेषण व अन्वेषण की भावना को प्रोत्साहित करते हुए बैंक एक गतिशील संगठन के रूप में जनता की अपेक्षाओं के प्रति संवेदनशीलता रखना चाहता है।
वविविधता एवं समावेशन बैंक विविधता एवं समावेशिता का संवर्धन व समर्थन करता है।
आत्मनिरीक्षण एवं उत्कृष्टता का अनुकरण बैंक आत्म-मूल्यांकन, आत्मनिरीक्षण एवं व्यावसायिक उत्कृष्टता हेतु प्रतिबद्ध है।
 

विजन विवरण

I.8 कार्यनीति रूपरेखा के विजन निम्नलिखित प्रस्तुत हैं: (तालिका 1.2)

ताविका I.2 विजन विवरण विवरण
विवरण
विजन 1 अपने कार्यों के निष्पादन में उत्कृष्टता
विजन 2 भारतीय रिज़र्व बैंक में नागरिकों एवं संस्थानों का सुदृढ़ विश्वास
विजन 3 राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय भूमिकाओं में संवर्धित प्रासंगिकता एवं महत्व
विजन 4 पारदर्शी, उत्तरदायी एवं आचारनीति संचालित आंतरिक शासन
विजन 5 सर्वोकृष्ट व पर्यावरण अनुकूल डिजिटल एवं भौतिक आधारभूत संरचना
विजन 6 नवोन्मेषी, क्रियाशील एवं कुशल मानव संसाधन
 

"अपनी पहली जीत के बाद आराम मत करो क्योंकि यदि आप दूसरी जीत में असफल हो जाते हैं, तो काफी लोग यह कहने का इंतजार कर रहे हैं कि आप पहली बार सिर्फ भाग्य की वजह से जीते थे" - ए.पी.जे. अब्दुल कलाम 4

अध्याय 2

उत्कषष 2.0

II.1 पूर्व की भांति, उत्कर्ष 2.0 को निर्मित करने के समय बॉटम-अप दृष्टिकोण का अनुसरण किया गया। विजन-वार कार्यनीतियों का सारांश निम्नलिखित है (चार्ट II.1 एवं तालिका ॥.1):

 
चार्ट II.1: उत्कर्य 2.0 के अंतर्गत कार्यनीतियों का विजन-वार विभाजन
Revised Structure

स्रोत: भारतीय रिज़र्व बैंक

प्रत्येक विजन के अंतर्गत कार्यनीतियों की संख्या
विजन 1 विजन 2 विजन 3 विजन 4 विजन 5 विजन 6 कुल
कार्यनीतियों की संख्याया 24 8 3 13 4 8 60
 

विजन 1:अपने कायों के वनष्पादन में उत्कृष्टता

II.2 बैंक के विजन का उद्देश्य मौद्रिक नीति के निर्माण, वित्तीय प्रणाली के विनियमन एवं पर्यवेक्षण, विदेशी मुद्रा का प्रबंधन, मुद्रा जारी करने एवं भुगतान एवं निपटान प्रणालियों को विनयमित एवं पर्यवेक्षित करने सहित दायित्वों के निष्पादन में उत्कृष्टता प्राप्त करना है। इन कार्यों के निष्पादनों में निरंतर सुधार एवं नवोन्मेष के स्थायी प्रयासों के द्वारा यह "पूर्ण सेवा केंद्रीय बैंक" के रूप में विकसित हुआ है। बैंक की प्रतिष्ठा अपने कार्यों के यथासमय एवं उत्कृष्ट निर्वहन पर गंभीरता से निर्भर है।5 के रूप में तवकतसि हुआ है। बैंक की प्रतिष्ठा अपने कार्ों के र्र्ासमर् एवं उत्कृष्ट तनवयहन पर गंभीरिा से तनभयर है।

II.3 अतएव, कार्यनीतिक रूपरेखा के अंतर्गत विजन 1 महत्वपूर्ण है। इसमें 24 कार्यनीतियां शामिल हैं। इस विजन का केंद्र न सिर्फ बैंक को सौंपे गए सभी कार्यों को निष्पादित करना है, बल्कि सतत रूप से बेहतर तरीके से उन्हें पूर्ण करना भी है। विजन 1 के अंतर्गत कार्यनीतियां निम्नलिखित है (तालिका II.2):

तालिका 11.2: विजन 1 - अपने कार्यों के निष्पादन में उत्कृष्टता
क्र. कायषनीवतयां
1 (i) अधिग्रहण एवं संवितरण में दक्षता; (ii) उच्च गुणवत्ता वाले मुद्रा नोट; (ii) अनुसंधान एवं विकास के माध्यम से मुद्रा प्रबंधन में सुधार।
2 प्रारक्षित निधि संबंधी प्रबंधन कार्यों का कुशल निष्पादन।
3 नीतिगत प्रयोजनों हेतु अनुसन्धानों एवं प्रकाशनों के मानकों में संवृद्धि ।
4 'बैंकर टू गवर्नमेंट' कार्य की प्रभाविता एवं स्वचालन में संवृद्धि।
5 आघात सह वित्तीय मध्यस्थता - पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण एवं विनियामक रूपरेखा को और परिष्कृत करना ।
6 बैंकों एवं गैर-बैंकों से संबन्धित विनियमों को युक्तिसंगत एवं सरल बनाना।
7 अभिसरण - अंतर्राष्ट्रीय मानकों के साथ विवेकपूर्ण विनियमन।
8 संरेखण - वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स के साथ अपने ग्राहक को जानिए अनुदेशों का।
9 आघात-सह वित्तीय मध्यस्थता पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना; विनियामक व पर्यवेक्षी रूपरेखा को सुदृढ़ एवं ठोस निर्वाह हेतु परिष्कृत करना ।
10 डिजिटल भुगतानों को अधिक प्रबल बनाने में ध्यान केन्द्रित करने के साथ वित्तीय बाजार की आधारभूत रूपरेखा के आघात सहता, सत्यनिष्ठा एवं दक्षता को सुदृढ़ करना ।
11 ससांख्यिकीय विश्लेषण, अग्रगामी सर्वेक्षण, सूचना प्रबंधन एवं अत्याधुनिक' डेटा गहन नीति अनुसंधान के माध्यम से बैंक की नीतियों एवं कार्यों को संवर्धित करना ।
12 विनियामक अनुपालन के सरलीकरण एवं कारोबार करने में सरलता प्रदान करने हेतु फेमा, 1999 के अंतर्गत विनियामक संरचना की समीक्षा |
13 विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के अंतर्गत विनियमों की समीक्षा के माध्यम से रुपए के अंतर्राष्ट्रीयकरण को प्रोत्साहित करना ।
14 आघात-सह वित्तीय मध्यस्थता परिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना; वित्तीय समावेशन रूपरेखा को सुदृढ़ एवं ठोस निर्वाह हेतु परिष्कृत करना ।
15 देश में फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र के प्रबंधन हेतु उपयुक्त रूपरेखा का विकास।
16 केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) की चरणबद्ध शुरुआत।
17 विनियमनों के प्रभावी पर्यवेक्षण एवं कुशल क्रियान्वयन हेतु उभरते हुए सुपटेक समाधानों को अपनाना।
18 विनियमित संस्थाओं हेतु रेगटेक समाधानों के विकास की सुविधा देना ।
19 बैंक विनियमित वित्तीय बाज़ारों एवं बैंक के तरलता प्रबंधन रूपरेखा की सुदृढ़ता एवं आघात सहता सुनिश्चित करना।
20 वित्तीय बाज़ारों एवं बाजार के आधारभूत संरचना की आघात सहता एवं दक्षता सुदृढ़ करना।|
21 वित्तीय स्थिरता हेतु आघात सह पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करना एवं उसकी निगरानी करना ।
22 सार्वजनिक ऋण प्रबंधन की प्रभावशीलता में संवृद्धि।
23 भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार का विस्तारण एवं फैलाव ।
24 मौद्रिक नीति रूपरेखा एवं प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाना।
 

विजन 2: भारतीय रिज़र्व बैंक में नागरिकों एवं संस्थानों का सुदृढ़ विश्वास

II.4 रिज़र्व बैंक के कार्यों के प्रभावी संवितरण हेतु सभी हितधारकों का विश्वास एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। सार्वजनिक संस्था के रूप में बैंक की प्रतिष्ठा संवर्धित करने हेतु नागरिकों एवं अन्य बाजार प्रतिभागियों की यह समझ कि बैंक सही समय पर, सही तरीके से सही काम करने हेतु सक्षम है, महत्वपूर्ण है। इस संदर्भ में अपने कार्यों में बेहतर पारदर्शिता, बेहतर व प्रभावी संचार व पहुंच के साथ सभी प्रासंगिक हितधारकों के साथ निरंतर जुड़ाव, बेहतर उपभोक्ता जागरूकता तथा कुशल शिकायत निवारण तंत्र से नागरिकों एवं अन्य संस्थानों के विश्वास को सुदृढ़ करने के निरंतर प्रयास किए जाते हैं।

II.5 इस प्रयोजन हेतु, बैंक सभी राज्यों में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने; विनियमित संस्थाओं के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों को सुनकर समयबद्ध रूप से उनका समाधान करने एवं प्रवर्तन कार्य के शीघ्र निर्वहन से विनियमित संस्थाओं के बीच अनुपालन संस्कृति में सुधार प्रस्तावित करता है।

II.6 जनता हेतु सूचनाओं का प्रसारण विश्वास को और मजबूत करने एवं आशंकाओं को दूर करने का एक सशक्त माध्यम है। बैंक के पास एक सूचनात्मक, अच्छे से डिजाइन की गई एवं निरंतर रूप से विकसित होने वाली वेबसाइट होगी। प्रतिक्रिया को प्राप्त कर बैंक के सार्वजनिक जागरूकता वाले पहलों के प्रभावों का मूल्यांकन किया जाएगा। इस विजन में 8 कार्यनीतियां शामिल हैं। विजन 2 के अंतर्गत कार्यनीतियां निम्नलिखित है (तालिका 11.3):

तालिका 11.3: विजन 2 - भारतीय रिज़र्व बैंक में नागरिकों एवं संस्थानों का सुदृढ़ विश्वास
क्र. कार्यनीतियां
1 देश भर में बैंक की उपस्थिति सुनिश्चित करना ।
2 उपभोक्ता अनुकूल वित्तीय सेवाओं की निरंतर उपलब्धता बनाए रखना, कुशल वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र एवं उपभोक्ताओं के जागरूकता को बढ़ाना।
3 बैंक द्वारा जनता की जागरूकता हेतु शुरू किए गए पहलों पर प्रतिक्रिया व प्रभाव मूल्यांकन प्राप्त करना।
4 भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट को समकालीन एवं सुगम बनाना और इसके माध्यम से जनता को बेहतर जानकारी प्रदान करना।
5 जनता की जागरूकता एवं जुड़ाव को बढ़ाना।
6 बाह्य हितधारकों हेतु 'लेस पेपर' एवं वर्चुयल वर्कफ़्लो को अपनाना।
7 विनियमित संस्थाओं में बेहतर अनुपालन संस्कृति को आगे बढ़ाना।
8 भारतीय रिज़र्व बैंक की आंतरिक व बाह्य नीतियां को प्रबल एवं व्यापक बनाना सुनिश्चित करना। स्रोत: भारतीय रिज़र्व बैंक
 

विजन 3: राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय भूमिकाओं में संवर्धित प्रासंगिकता एवं महत्व

II.7 अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स, वित्तीय स्थिरता बोर्ड, जी-20 आदि जैसे राष्ट्रीय एवं वैश्विक मंच के स्तरों पर बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका है। विजन 3 सक्रिय रूप से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय डिप्लोमेसी एवं वैश्विक नियामक मानकों के निर्माण में सहभागिता पर बैंक के ध्यान को बढ़ाता एवं प्रभावी बनाता है। बैंक प्रमुख वैश्विक आर्थिक एवं विनियामक नीतिगत मुद्दों पर अपने रुख एवं विचारों को व्यक्त कर विशिष्ट भारतीय विशेषताओं को सामने लाने में अपनी पहल जारी रखेगा।

II.8 बैंक बेसल प्रक्रिया एवं भुगतान प्रणाली पहलों के संदर्भ में बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स की समितियों एवं मेजबान संस्थाओं के साथ मजबूत जुड़ाव बनाए रखेगा। यह नए विषय-वस्तुओं को सम्मिलित करने हेतु अपने आर्थिक विश्लेषण एवं अनुसंधान को व्यापक बनाएगा। बैंक नए तकनीकी रुझानों के व्यावहारिक प्रभावों का पता लगाने हेतु नवोन्मेषी क्षेत्र में अन्य केंद्रीय बैंकों के साथ जुड़ेगा। सभी आयामों में बैंक के भुगतान स्टैक के अंतर्राष्ट्रीयकरण द्वारा बैंक के ब्रांड इक्विटी में संवृद्धि की जाएगी।

II.19 विजन 6 के अंतर्गत कार्यनीतियां निम्नलिखित है (तालिका ll.7):

तालिका II.4: विजन 3 - राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय भूमिकाओं में संवर्धित प्रासंगिकता एवं महत्व
क्र. कार्यनीतियां
1 एशियाई समाशोधन संघ तंत्र के माध्यम से भारतीय रूपए के अंतर्राष्ट्रीयकरण को संवर्धित करना।
2 अन्य अधिकार क्षेत्र में बैंक की ब्रांड इक्तिटी को बढ़ाना।
3 बैंक के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय जुड़ावों को अधिक गहन करना ।
 

विजन 4: : पारदर्शी, उत्तरदायी एवं आचारनीति संचालित आंतरिक शासन

II.10 आंतरिक शासन में संगठन की संरचना, संचार रेखा, प्रक्रियाओं एवं नियमों के विधिवत समूह शामिल होते हैं जो संगठन में आचार नीति संहिता का पालन सुनिश्चित करते हैं। इसमें मूल्य, विश्वास एवं प्रथाएं शामिल हैं जो संगठन के सभी कर्मचारियों के कार्यों को मार्गदर्शित एवं सूचित करते हैं। एक सुदृढ़ आंतरिक शासन के प्रमुख स्तंभ सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता, विश्वास, जवाबदेही तंत्र, नैतिक आचरण एवं सशक्त प्रक्रियाएं एवं प्रथाएं हैं। सशक्त आंतरिक शासन में प्रतिभा को आकर्षित करने एवं कर्मचारियों को अपना सर्वश्रेष्ठ देने हेतु प्रेरित करने की क्षमता है।

II.11 स्पष्टता एवं जवाबदेही को सुशासन के मौलिक गुणों के रूप में अधिकाधिक रूप से पहचाना जाता है। बैंक कार्यनीति रूपरेखा एवं कारोबार निरंतरता प्रबंधन को सशक्त कर, आंतरिक नियंत्रण उपायों को उन्नत कर, उभरते जोखिमों का आकलन करके एवं उद्यम जोखिम प्रबंधन की अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाकर पारदर्शी, जवाबदेही एवं आचारनीति संचालित आंतरिक शासन प्राप्त करने के प्रयास जारी रखेगा।

II.12 इस विजन के माध्यम से, बैंक अपने मूल्यों को दर्ज करता है, जिसमें सत्यनिष्ठता, निष्पक्षता, पारदर्शिता एवं नैतिक आचरण के प्रति बैंक की प्रतिबद्धता शामिल है। बैंक नीतियों का आवधिक मूल्यांकन भी करता है एवं प्राप्त प्रतिक्रियाओं एवं विकासशील परिदृश्यों के परिप्रेक्ष्य में उन्हें अद्यतन करता है। जवाबदेही तंत्र के पालन की नियमित अंतराल पर समीक्षा की जाएगी।

II.13 विजन 4 के अंतर्गत कार्यनीतियां निम्नलिखित है (तालिका 11.5):

तालिका 11.5: विजन 4- पारदर्शी, उत्तरदायी एवं आचारनीति संचालित आंतरिक शासन
क्र. कार्यनीतियां
1 कॉर्पोरेट कार्यनीति, बजट प्रबंधन एवं कारोबार निरंतरता रूपरेखा को सुदृढ़ करना ।
2 अनुपालन में सुधार हेतु नियमों एवं विनियमनों की समान समझ को सक्रिय करना ।
3 लेखापरीक्षा एवं जोखिम प्रकार्यों द्वारा किए गए जोखिम मूल्यांकन का अधिक अभिसरण |
4 प्रभावी जोखिम आश्वासनों हेतु लेखापरीक्षा प्रबंधन एवं जोखिम निगरानी प्रणाली एप्लिकेशन का लाभ उठाना।
5 व्यापक एवं सुदृढ़ रिज़र्व बैंक आंतरिक लेखापरीक्षा ।
6 लेखापरीक्षा प्रबंधन एवं जोखिम निगरानी प्रणाली में विभिन्न लेखापरीक्षाओं का व्यापक कवरेज।
7 निर्माण परियोजनाओं से संबन्धित आंतरिक प्रक्रियाओं की पूर्ण समीक्षा एवं सुधार।
8 वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ साइबर सुरक्षा नियंत्रण को सरेखित करना ।
9 बैंक के चलनिधि जोखिमों का आकलन करना ।
10 बैंक में उभरते जोखिमों का आकलन करना ।
11 बैंक में जोखिम संस्कृति को बढ़ावा देना ।
12 उद्यम जोखिम प्रबंधन की सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं को अपनाना।
13 आंतरिक शासन के पहलुओं की आवधिक समीक्षा |
 

विजन 5: सर्वोकृष्ट एवं पर्यावरण अनुकूल डिजिटल एवं भौतिक आधारभूत संरचना

II.14 भौतिक एवं डिजिटल वातावरण वित्तीय प्रणाली के उपयुक्त क्रियान्वयन एवं कर्मचारियों को उनके कर्तव्यों के निर्वहन हेतु आवश्यक है। वित्तीय क्षेत्र के दृष्टिकोण से, बाजार को आसानी से एवं निर्बाध रूप से संचालित करने हेतु सुदृढ़ आधारभूत संरचना शामिल है। कर्मचारी के दृष्टिकोण से, इसमें न सिर्फ कार्यालय परिसर बल्कि आईटी ढांचा, आवासीय व्यवस्था, आदि सुविधा भी शामिल है।

II.15 बैंक उच्चतम स्तर की स्वच्छता व भौतिक सुरक्षा एवं प्रक्रियाओं के स्वचालन द्वारा बैंक परिसर में ग्रीन रेटिंग के साथ वास्तुकला उत्कृष्टता एवं सौंदर्यता के एकीकरण, सूचना एकीकरण को प्राप्त करने एवं सुदृढ़ सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रणाली के माध्यम से प्रसारण द्वारा सर्वश्रेष्ठ एवं पर्यावरण अनुकूल डिजिटल संरचना के साथ-साथ भौतिक आधारभूत संरचना की ओर आगे बढ़ने में सक्षम होगा।

II.16 विजन 5 के अंतर्गत कार्यनीतियां निम्नलिखित है (तालिका 1.6):

तालिका 11.6: विजन 5 - सर्वोकृष्ट एवं पर्यावरण हितैषी डिजिटल एवं भौतिक आधारभूत संरचना
क्र. कायषनीवतयां
1 संवहनीय आईटी आधारभूत संरचना का निर्माण, आघात - सहता, विश्वसनीयता, सुरक्षा पर केंद्रित नवीन एप्लीकेशनों के क्रियान्वयन के माध्यम से उभरते प्रौद्योगिकियों को अपनाना; अभिगम्यता; प्रयोज्यता व समावेशन को बढ़ाने के लिए प्रचलित एप्लीकेशनों / आधारभूत संरचना को उन्नत करना ।
2 मानव संसाधन (एचआर) प्रक्रियाओं के संबंध में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को सक्रिय करना।
3 स्वचालित प्रक्रियाओं, सूचनाओं का एकीकरण प्राप्त करना एवं सर्वोत्तम पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं के आधार पर सुदृढ़ सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) प्रणाली के माध्यम से प्रसारण सुनिश्चित करना।
4 स्वच्छता एवं भौतिक सुरक्षा के उच्चतम स्तर को सुनिश्चित करते हुए बैंक परिसर में ग्रीन रेटिंग के साथ | आर्किटेक्चर उत्कृष्टता एवं सौंदर्यता का एकीकरण।
 

विजन 6: नवोन्मेषी, क्रियाशील एवं कुशल मानव संसाधन

II.17 मानव संसाधन संगठन के प्रमुख चालक है एवं वे बैंक की सफलता को परिभाषित करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। निरंतर परिवर्तनशील परिवेश जिसमें बैंक परिचालन करता है एवं अर्थव्यवस्था की बदलती अपेक्षाओं हेतु कर्मचारियों को सक्षम एवं अत्याधुनिक कौशल से लैस होने की आवश्यकता है। कुशल एवं क्रियाशील मानव संसाधन वे नींव व स्तंभ हैं जो बैंक को अपनी भूमिका के प्रदर्शन में प्रभावी ढंग से उत्कृष्टता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे।

II.18 मानव संसाधन प्रबंधन की दुनिया जनसांख्यिकी परिवर्तन, परिवर्तनशील परिस्थितियों में वर्क फ्रॉम होम संस्कृति, जिसमें सतत रूप से नवोन्मेषण अपेक्षित है, के परिप्रेक्ष्य में बदल रही है। कार्यनीति रूपरेखा एक नवोन्मेषी, गतिशील एवं कुशल मानव संसाधन निर्मित करने हेतु प्रयासरत रहती हैं; शोध आधारित निर्णय लेने को प्रोत्साहित करने हेतु प्रौद्योगिकी व डेटा विश्लेषिकी का प्रयोग; प्रभावी संचार हेतु एक कुशल एवं सुविधाजनक कर्मचारी इंटरफेस का निर्माण; सकारात्मक कार्यस्थल अनुभव एवं कर्मचारियों का अधिक जुड़ाव; बेहतर नियोक्ता-कर्मचारी संबन्धों को बढ़ावा देने के प्रयोजन से श्रवण उन्मुख संगठन संस्कृति की स्थापना एवं निरंतर प्रशिक्षण पर केंद्रित सशक्त ऑनलाइन प्रशिक्षण तंत्र के माध्यम से क्षमता निर्माण शामिल हैं।

II.19 विजन 6 के अंतर्गत कार्यनीतियां निम्नलिखित है (तालिका ll.7):

तालिका 11.7: विजन 6 नवोन्मेषी, क्रियाशील एवं कुशल मानव संसाधन
क्र. कार्यनीतियां
1 क्रियाशील मानव संसाधन के निर्माण हेतु पुनःकुशलता एवं प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना।
2 कार्यबल द्वारा शोध-आधारित निर्णय लेने को बढ़ावा देने हेतु प्रौद्योगिकी एवं डेटा विश्लेषिकी का प्रयोग करना।
3 प्रभावी संचार, सकारात्मक कार्यस्थल अनुभव एवं कर्मचारियों की सहभागिता को बढ़ाने के लिए एक कुशल एवं सुविधाजनक कर्मचारी इंटरफेस विकसित करना।
4 बेहतर नियोक्ता कर्मचारी संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक श्रवण-उन्मुख संगठनात्मक संस्कृति की स्थापना।
5 कर्मचारियों हेतु इन-हाउस काउंसलिंग की सुविधा ।
6 बैंक के प्रशिक्षण संस्थानों की सहायता से एवं निरंतर शिक्षण पर केंद्रित सुदृढ़ ऑनलाइन प्रशिक्षण तंत्र के माध्यम से क्षमता निर्माण ।
7 उभरते नए युग के बैंकिंग पारिस्थितिकी तंत्र को ध्यान में रखते हुए बैंकिंग शब्दावली के उपयोगकर्ताओं हेतु शब्दावली को संवर्धित एवं अद्यतन करना।
8 राजभाषा के प्रयोग को प्रोत्साहित करना ।
 

"कल केवल उन्हीं लोगों का होता है जो आज इसके लिए तैयारी करते हैं" - मैल्कम एक्सस6

अध्याय III

निष्कर्ष

III.1 जैसे कि हम उत्कर्ष 2.0 एवं जिसके चलते बैंक की मध्यम अवधि कार्यनीतियों एवं उपलब्धियों की प्राप्ति को साकार करने की यात्रा शुरू कर रहे हैं, इसके लिए निरंतर मूल्यांकन एवं प्रासंगिक हितधारकों के साथ सतत रूप से जुड़ाव की आवश्यकता होगी। उत्कर्ष 2.0 को मौजूदा मध्यम अवधि कार्यनीति रूपरेखा से मिली सीखों का लाभ उठाकर बनाया गया है एवं इसमें सरल संरचना व अच्छी तरह से परिभाषित लक्ष्यों को शामिल किया गया है। उत्कर्ष 2.0 न सिर्फ बैंक को बदलते सामाजिक-आर्थिक परिवेश में चुनौतियों का तत्पर रूप से सामना करने में सहायता देगा, बल्कि यह सक्रिय रूप से पूर्वानुमित कर बैंक को कार्य करने हेतु सक्षम करेगा।

III.2 अपने कार्यों के निष्पादन में उत्कृष्टता का विजन वित्तीय क्षेत्र के कल्याण हेतु विनियामक परिदृश्य को सुदृढ़ करने की परिकल्पना का कार्य करता है जबकि पारदर्शी, उत्तरदायी एवं आचारनीति संचालित आंतरिक शासन के साथ-साथ बैंकों में नागरिकों के सुदृढ़ विश्वास का विजन बैंक के भीतर उत्कृष्टता के निर्वहन हेतु उपाय प्रदान करते हैं।

III.3 क्षेत्रीय कार्यालयों का दृष्टिकोण छः विजनों का अभिन्न अंग है। यह बैंक की कार्यनीतिक दृष्टिकोण की समावेशिता को दर्शाता है, जिसमें राज्यों के अनुभव एवं बाजार आसूचना एकत्रित करने हेतु क्षेत्रीय वास्तविकताओं का ज्ञान, स्थानीय पर्यवेक्षण सुनिश्चित करना व अंतिम छोर तक ग्राहक सेवा प्रदान करना शामिल है। क्षेत्रीय कार्यालय समष्टि कार्यनीतिक दृष्टिकोण में सूक्ष्म पहलुओं को परिभाषित करने में सार्थक इनपुट्स प्रदान करते हैं।'7

III.4 डिजिटल भुगतान में भारत की सफलता की कहानी की वैश्विक स्तर पर सराहना की गई है। एक विश्वस्तरीय डिजिटल आधारभूत संरचना निर्मित करने की दिशा में उठाए गए कदम एवं बैंक के भुगतान स्टैक के वैश्विक प्रसार को सक्षम करना इस विजन का भाग है, जो भारत को इस क्षेत्र में एक अग्रणी के रूप में स्थापित करेगा।

III.5 उत्कर्ष 2.0 की समयावधि के दौरान भारत की जी-20 अध्यक्षता के साथ, यह डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में हमारी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने एवं द्विपक्षीय व बहुपक्षीय कारोबार में भारतीय रुपए की स्वीकृति के व्यापक आधार की दिशा में प्रयास करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य ने ऐसे अवसर बनाए है जहां आर्थिक और वित्तीय क्षेत्र से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारी क्षमता को साकार करने की दिशा में सहवर्ती प्रयास लाभकारी होगा एवं इसीलिए यह हमारी कार्यनीतिक रूपरेखा का भाग है।

III.6 डेटा के इस दौर में बैंक अपने दायित्वों के निर्वहन हेतु डेटा संग्रहण के साथ-साथ सूचना प्रसारण की दोहरी भूमिका का निष्पादन करता है। इसके साथ सार्थक एवं सटीक जानकारी की विश्वसनीयता का उत्तरदायित्व भी आता है। अतएव, डेटा विश्लेषण एवं सूचना निर्माण हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एवं मशीन लर्निंग (एमएल) संचालित टूल का प्रयोग उत्कर्ष 2.0 का अभिन्न अंग है।

III.7 उत्कर्ष 2.0 के अंतर्गत उपलब्धियों को प्राप्त करने की सफलता वित्तीय क्षेत्र के कल्याण हेतु विनियामक परिदृश्य को सुदृढ़ करेगी एवं बैंक में नागरिकों के विश्वास को और भी सुद्रुढ करेगी। कार्यनीति रूपरेखा बैंक को सर्वोत्कृष्ट एवं पर्यावरण अनुकूल डिजिटल एवं भौतिक आधारभूत संरचना के साथ एक श्रवण उन्मुख, पारदर्शी संगठन बनाएगा। यह बेहतर नियोक्ता कर्मचारी संबंध में भी योगदान देगा। सुदृढ़ आंतरिक शासन, प्रभावी जोखिम आश्वासन, जोखिम संस्कृति को बढ़ावा देना बैंक की उत्कृष्टता के साथ भेंट की आधारशिला होगी। इस प्रकार, उत्कर्ष 2.0 ध्रुव तारे के रूप में कार्य करेगा एवं बैंक को निरंतर बदलती दुनिया के साथ लगातार विकसित होने में सहायता करेगा। महात्मा गांधी के शब्दों में, "आपको वह बदलाव बनना पड़ेगा जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं|8


1"लक्ष्य की ओर हमारी प्रगति हमारे साधनों की शुद्धता के सटीक अनुपात में होगी"। सेलेक्शन्स फ्रॉम गांधी, (1957), पीपी. 36-7

2एवरीबडिस पॉलिटिकल वाट्स वाट (1944)

3दि किंग ऑफ दि डार्क चैबर रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा नाटक, 20 अगस्त, 20131 मूल बंगाली शीर्षक राजा, रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा अंग्रेजी में अनूदित।

4आईआईएम शिलॉन्ग में भाषण, 27 जुलाई 2015

5"इसे मूल रूप से एक शेयरधारक बैक के रूप में स्थापित किया गया था, जिसे बाद में 1949 में राष्ट्रीयकृत किया गया। तब से इसकी भूमिका, समय के साथ, अर्थव्यवस्था के नियोजित विकास को सहारा देने से एक संपूर्ण सेवा केंद्रीय बैंक में विकसित हुई है।" श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक जून, 2019 में केंद्रीय बैंको की उभरती भूमिका पर।

6एफ्रो-अमेरिकन यूनिटी फाउंडिंग फोरम के संगठन में भाषण ऑडोबॉन बॉलरूम, 28 जून 1964

7जो सामान्य और अलग दोनों है, जब हम उनको सुनते हैं एवं स्वीकार करते हैं तो हम समझदार, अधिक समावेशी और एक संगठन के रूप में बेहतर बनते हैं पेट वाडर्स

8“यदि हम स्वयं को बदल सके, तो संसार की प्रवृत्तियाँ भी बदल जाएँगी। जैसे मनुष्य अपना स्वभाव बदलता है, उसी तरह दुनिया का नज़रिया भी उसक प्रति बदलता है।" द कलेक्टेड वर्क्स ऑफ महात्मा गांधी, खंड 13 अध्याय 153, पृष्ठ 241, 1913 में प्रकाशित

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: फ़रवरी 15, 2024

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