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मई 15, 2014
अपरिचालित खातों में न्‍यूनतम शेष नहीं बनाए रखने पर दंडात्‍मक प्रभार लगाना
भारिबैं/2013-14/592 शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी) परि. सं. 62/13.03.000/2013-14 15 मई 2014 मुख्‍य कार्यपालक अधिकारीसभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदया/ महोदय, अपरिचालित खातों में न्‍यूनतम शेष नहीं बनाए रखने पर दंडात्‍मक प्रभार लगाना कृपया 01 अप्रैल 2014 को घोषित प्रथम द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य, 2014-15 का भाग 'ख' देखें जिसमें ग्राहक सुरक्षा के लिए कतिपय उपायों का प्रस्‍ताव किया गया है, जैसे किसी अपरिचालित खाते में न्‍यूनतम शेष नहीं बनाए रखने के लिए दंडात्‍मक प्रभार
भारिबैं/2013-14/592 शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी) परि. सं. 62/13.03.000/2013-14 15 मई 2014 मुख्‍य कार्यपालक अधिकारीसभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदया/ महोदय, अपरिचालित खातों में न्‍यूनतम शेष नहीं बनाए रखने पर दंडात्‍मक प्रभार लगाना कृपया 01 अप्रैल 2014 को घोषित प्रथम द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य, 2014-15 का भाग 'ख' देखें जिसमें ग्राहक सुरक्षा के लिए कतिपय उपायों का प्रस्‍ताव किया गया है, जैसे किसी अपरिचालित खाते में न्‍यूनतम शेष नहीं बनाए रखने के लिए दंडात्‍मक प्रभार
मई 13, 2014
भारत में प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करना और उनका परिचालन - संशोधित समेकित नीतिगत दिशानिर्देश
आरबीआई 2013-14/590 डीपीएसएस सीओ पीडी सं 2366/02.14.006/2013-14 13 मई 2014 सभी प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता, प्रणाली प्रदाता, सिस्टम सहभागी और अन्य सभी भावी प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता महोदय / महोदया भारत में प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करना और उनका परिचालन - संशोधित समेकित नीतिगत दिशानिर्देश उपर्युक्त विषय पर हमारे दिनांक 28 मार्च 2014 के दिशानिर्देश डीपीएसएस सीओ पीडी सं.2074/02.14.006 /2013-14 का संदर्भ लें। 2. समीक्षा करने पर यह पाया गया है कि, दिनांक 28 मार्च
आरबीआई 2013-14/590 डीपीएसएस सीओ पीडी सं 2366/02.14.006/2013-14 13 मई 2014 सभी प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता, प्रणाली प्रदाता, सिस्टम सहभागी और अन्य सभी भावी प्रीपेड भुगतान लिखत जारीकर्ता महोदय / महोदया भारत में प्रीपेड भुगतान लिखतों को जारी करना और उनका परिचालन - संशोधित समेकित नीतिगत दिशानिर्देश उपर्युक्त विषय पर हमारे दिनांक 28 मार्च 2014 के दिशानिर्देश डीपीएसएस सीओ पीडी सं.2074/02.14.006 /2013-14 का संदर्भ लें। 2. समीक्षा करने पर यह पाया गया है कि, दिनांक 28 मार्च
मई 12, 2014
भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं और सहायक कंपनियों के परिचालन - सांविधिक / विनियामक / प्रशासनिक निषेधों / प्रतिबंधों का अनुपालन
आरबीआई/2013-14/588 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 111/21.04.157/2013-14 12 मई 2014 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) अखि‍ल भारतीय मीयादी ऋण और पुनर्वित्त प्रदान करने वाली संस्थाएं महोदय/महोदया, भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं और सहायक कंपनियों के परिचालन -सांविधिक / विनियामक / प्रशासनिक निषेधों / प्रतिबंधों का अनुपालन कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 1 दिसंबर 2008 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 89/21.04.141/2008
आरबीआई/2013-14/588 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 111/21.04.157/2013-14 12 मई 2014 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) अखि‍ल भारतीय मीयादी ऋण और पुनर्वित्त प्रदान करने वाली संस्थाएं महोदय/महोदया, भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं और सहायक कंपनियों के परिचालन -सांविधिक / विनियामक / प्रशासनिक निषेधों / प्रतिबंधों का अनुपालन कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 1 दिसंबर 2008 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 89/21.04.141/2008
मई 12, 2014
नाबालिगों के नाम पर बैंक खाते खोलना
भारिबैं/2013-14/587 शबैंवि.बीपीडी(पीसीबी).परि.सं.61/13.01.000/2013-14 12 मई 2014 मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदया/ महोदय, नाबालिगों के नाम पर बैंक खाते खोलना कृपया 22 फरवरी 1985 का हमारा परिपत्र शबैंवि.(डीसी).1148/ वी.1-84/85 देखें जिसके अनुसार बैंकों को सूचित किया गया था कि वे अभिभावक के रूप में माता के साथ नाबालिग खाते (सावधि और बचत जमा खाते) खोलने की अनुमति दें, बशर्ते ऐसे खातों के परिचालन में सुरक्षा के लिए यह सुनिश्चित किया जाए कि अ
भारिबैं/2013-14/587 शबैंवि.बीपीडी(पीसीबी).परि.सं.61/13.01.000/2013-14 12 मई 2014 मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदया/ महोदय, नाबालिगों के नाम पर बैंक खाते खोलना कृपया 22 फरवरी 1985 का हमारा परिपत्र शबैंवि.(डीसी).1148/ वी.1-84/85 देखें जिसके अनुसार बैंकों को सूचित किया गया था कि वे अभिभावक के रूप में माता के साथ नाबालिग खाते (सावधि और बचत जमा खाते) खोलने की अनुमति दें, बशर्ते ऐसे खातों के परिचालन में सुरक्षा के लिए यह सुनिश्चित किया जाए कि अ
मई 09, 2014
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति–घरेलू बैंकिंग प्रणाली सेलिए गएरुपया ऋणों का पुनर्वित्तपोषण/अदायगी
भारिबैंक/2013-14/585ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 129 9 मई 2014 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति–घरेलू बैंकिंग प्रणालीसेलिए गएरुपया ऋणों का पुनर्वित्तपोषण/अदायगी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान 25 जनवरी 2010 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 28, 22 जुलाई 2010 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 4, 23 सितंबर 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 25, 20 अप्रैल 2012 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.111,
भारिबैंक/2013-14/585ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 129 9 मई 2014 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति–घरेलू बैंकिंग प्रणालीसेलिए गएरुपया ऋणों का पुनर्वित्तपोषण/अदायगी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान 25 जनवरी 2010 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 28, 22 जुलाई 2010 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 4, 23 सितंबर 2011 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 25, 20 अप्रैल 2012 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.111,
मई 09, 2014
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति - ईसीबी का पुनर्निर्धारण (Re-schedulement of ECB) - क्रियाविधि का सरलीकरण
भारिबैंक/2013-14/584ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.128 9 मई 2014 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति - ईसीबी का पुनर्निर्धारण (Re-schedulement of ECB) - क्रियाविधि का सरलीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 9 फरवरी 2010 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.33 में अंतर्विष्ट अनुदेशों की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों को, अनुमोदन और स्वचालित दोनों मार्गों के तहत पहले लिये गये बाह्
भारिबैंक/2013-14/584ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.128 9 मई 2014 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति - ईसीबी का पुनर्निर्धारण (Re-schedulement of ECB) - क्रियाविधि का सरलीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 9 फरवरी 2010 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.33 में अंतर्विष्ट अनुदेशों की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों को, अनुमोदन और स्वचालित दोनों मार्गों के तहत पहले लिये गये बाह्
मई 09, 2014
स्वर्ण/चांदी आभूषणों की जमानत पर ऋण
आरबीआई/2013-14/586शबैंवि.केंका.बीपीडी. पीसीबी.परि. सं.60/13.05.001/2013-14 9 मई 2014 मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय/ महोदया, स्वर्ण/चांदी आभूषणों की जमानत पर ऋण कृपया 10 नवंबर 2008 का परिपत्र सं.शबैंवि.पीसीबी.परि.सं.24/13.05.001/08-09 देखें जिसमें शहरी सहकारी बैंकों को यह सूचित किया गया था कि वे स्वर्ण / चांदी आभूषणों के जमानत पर मंज़ूर किए गए ऋणों से संबद्ध अंतर्निहित जोखिमों को कम करने की दृष्टि से सुरक्षा उपायों को अपनाएं। 2. एक विवे
आरबीआई/2013-14/586शबैंवि.केंका.बीपीडी. पीसीबी.परि. सं.60/13.05.001/2013-14 9 मई 2014 मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदय/ महोदया, स्वर्ण/चांदी आभूषणों की जमानत पर ऋण कृपया 10 नवंबर 2008 का परिपत्र सं.शबैंवि.पीसीबी.परि.सं.24/13.05.001/08-09 देखें जिसमें शहरी सहकारी बैंकों को यह सूचित किया गया था कि वे स्वर्ण / चांदी आभूषणों के जमानत पर मंज़ूर किए गए ऋणों से संबद्ध अंतर्निहित जोखिमों को कम करने की दृष्टि से सुरक्षा उपायों को अपनाएं। 2. एक विवे
मई 07, 2014
बाज़ार अवसंरचना (मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर) कंपनियों में प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा निवेश
आरबीआई/2013-14/583 शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी) परि. सं. 58/16.20.000/2013-14 07 मई 2014 मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी   सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदया/ महोदय, बाज़ार अवसंरचना (मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर) कंपनियों में प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा निवेश कृपया उपर्युक्‍त विषय पर 30 जनवरी 2008 का हमारा परिपत्र सं शबैंवि.(पीसीबी)बीपीडी परि.सं.46/16.20. 000/2008-09 देखें, जिसके अनुसार गैर एसएलआर प्रतिभूतियों में निवेश के लिए शहरी सहकारी बैंकों को दिशानिर्देश जारी कि
आरबीआई/2013-14/583 शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी) परि. सं. 58/16.20.000/2013-14 07 मई 2014 मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी   सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक महोदया/ महोदय, बाज़ार अवसंरचना (मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर) कंपनियों में प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा निवेश कृपया उपर्युक्‍त विषय पर 30 जनवरी 2008 का हमारा परिपत्र सं शबैंवि.(पीसीबी)बीपीडी परि.सं.46/16.20. 000/2008-09 देखें, जिसके अनुसार गैर एसएलआर प्रतिभूतियों में निवेश के लिए शहरी सहकारी बैंकों को दिशानिर्देश जारी कि
मई 07, 2014
अस्थिर दर वाले मीयादी ऋणों पर फोरक्‍लोजर प्रभार की वसूली/अवधिपूर्व भुगतान अर्थदंड का लगाया जाना
आरबीआई/2013-14/582 बैंपविवि. डीआईआर. बीसी. सं. 110/13.03.00/2013-14 7 मई 2014 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय /महोदया अस्थिर दर वाले मीयादी ऋणों पर फोरक्‍लोजर प्रभार की वसूली/अवधिपूर्व भुगतान अर्थदंड का लगाया जाना कृपया 'आवास ऋण – फोरक्‍लोजर प्रभार/अवधिपूर्व भुगतान अर्थदंड का लगाया जाना' विषय पर 05 जून 2012 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआईआर. बीसी. 107/13.03.00/2011-12 देखें। 2. दिनांक 01 अप्रैल 2014 को घोषित पहले द्विमासिक मौ
आरबीआई/2013-14/582 बैंपविवि. डीआईआर. बीसी. सं. 110/13.03.00/2013-14 7 मई 2014 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय /महोदया अस्थिर दर वाले मीयादी ऋणों पर फोरक्‍लोजर प्रभार की वसूली/अवधिपूर्व भुगतान अर्थदंड का लगाया जाना कृपया 'आवास ऋण – फोरक्‍लोजर प्रभार/अवधिपूर्व भुगतान अर्थदंड का लगाया जाना' विषय पर 05 जून 2012 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआईआर. बीसी. 107/13.03.00/2011-12 देखें। 2. दिनांक 01 अप्रैल 2014 को घोषित पहले द्विमासिक मौ
मई 06, 2014
अपरिचालित खातों में न्‍यूनतम शेष नहीं बनाए रखने पर दंडात्‍मक प्रभार लगाना
आरबीआई/2013-14/580 बैंपविवि. डीआईआर. बीसी. सं. 109/13.03.00/2013-14 6 मई 2014 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय /महोदया अपरिचालित खातों में न्‍यूनतम शेष नहीं बनाए रखने पर दंडात्‍मक प्रभार लगाना कृपया 01 अप्रैल 2014 को घोषित प्रथम द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य, 2014-15 का भाग 'ख' देखें जिसमें ग्राहक सुरक्षा के लिए कतिपय उपायों का प्रस्‍ताव किया गया है, जैसे किसी अपरिचालित खाते में न्‍यूनतम शेष नहीं बनाए रखने के लिए दंडात्‍मक प्रभ
आरबीआई/2013-14/580 बैंपविवि. डीआईआर. बीसी. सं. 109/13.03.00/2013-14 6 मई 2014 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय /महोदया अपरिचालित खातों में न्‍यूनतम शेष नहीं बनाए रखने पर दंडात्‍मक प्रभार लगाना कृपया 01 अप्रैल 2014 को घोषित प्रथम द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्‍तव्‍य, 2014-15 का भाग 'ख' देखें जिसमें ग्राहक सुरक्षा के लिए कतिपय उपायों का प्रस्‍ताव किया गया है, जैसे किसी अपरिचालित खाते में न्‍यूनतम शेष नहीं बनाए रखने के लिए दंडात्‍मक प्रभ

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022

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