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विप्रेषण (धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) तथा रुपया आहरण व्यवस्था (आरडीए))

रुपया आहरण व्यवस्था(आरडीए)

जी हां, अनिवासी विनिमय गृह के साथ आरडीए होने वाले एडी श्रेणी-I के बैंक द्वारा प्राप्त विदेशी आवक विप्रेषणों को हिताधिकारी के एडी श्रेणी –I के बैंक से अन्य बैंक में धारित खाते में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम, जैसे कि एनईएफ़टी, आईएमपीएस, से सीधे जमा कर सकते हैं।धन अंतरण सेवा योजना(एमटीएसएस)

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Definition of public deposits

A. Optionally Fully Convertible Debentures (OFCDs), which were brought within the purview of Regulations in the year 1996, have now (in 1998) been taken out of the Regulations. Any money raised by issue of OFCDs is not to be treated as public deposit.

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

एफएलए रिटर्न जमा करने के लिए पात्र संस्थाएं और आवश्यकताएं

उत्तर: हां, इकाईयां आरबीआई से मंजूरी लेकर, नियत तारीख के बाद भी एफएलए रिटर्न भर सकती हैं। लेकिन उस मामले में, देर से जमा करने के लिए इकाई पर जुर्माना खंड लागू किया जा सकता है।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: पूर्णतः डाइल्यूटेड आधार पर का अर्थ है परिवर्तन के सभी संभाव्य स्रोतों को निष्पादित करने की स्थिति में बकाया रहने वाले शेयरों की कुल संख्या।

देशी जमा

I . देशी जमा

आम तौर पर बैंक व्यक्ति और संयुक्त हिंदू परिवार (एचयूएफ) की बड़ी या छोटी किसी भी मीयादी जमाराशि के समयपूर्व आहरण के लिए मना नहीं करेंगे। फिर भी, बैंक अपने विवेकानुसार से व्यक्ति या संयुक्त हिंदू परिवारों से इतर कंपनियों द्वारा धारित बड़ी जमाराशियों के समयपूर्व आहरण को अस्वीकृत कर सकते हैं । बैंकों को ऐसे जमाकर्ताओं को समयपूर्व आहरण की नीति के संबंध में पहले ही यानी जमा स्वीकार करते समय सूचित करना चाहिए ।

समझौता निपटान और तकनीकी रूप से बट्टे खाते डालने (राइट-ऑफ) के लिए रूपरेखा

बी. तकनीकी रूप से बट्टे खाते डालना

नहीं। जैसा कि परिपत्र में परिभाषित किया गया है, तकनीकी रूप से बट्टे खाते डालना उन मामलों को संदर्भित करता है जहां एनपीए उधारकर्ताओं के ऋण खाते के स्तर पर बकाया रहता है, लेकिन ऋणदाताओं द्वारा केवल लेखांकन उद्देश्यों के लिए अमान्य कर दिया जाता है। तकनीकी रूप से बट्टे खाते एक सामान्य बैंकिंग प्रथा है जो ऋणदाताओं द्वारा अशोध्य ऋणों की बैलेंस शीट को साफ करने के लिए की जाती है, जिन्हें या तो अप्राप्य माना जाता है या जिनकी वसूली में ऋणदाताओं के अनुपातहीन संसाधनों का उपभोग होने की संभावना होती है। हालाँकि, इस तरह के तकनीकी रूप से बट्टे खाते में उधारकर्ता के खिलाफ दावों की कोई छूट नहीं होती है और इस प्रकार उधारदाताओं के वसूली के अधिकार को किसी भी तरह से कम नहीं किया जाता है। इसलिए, डिफॉल्ट करने वाले उधारकर्ताओं को किसी भी तरह से लाभ नहीं होता है और उनके कानूनी दायित्व के साथ-साथ उनके लिए ऐसे डिफॉल्ट की लागत तकनीकी रूप से बट्टे खाते से पहले की स्थिति के मुकाबले अपरिवर्तित रहती है।

यह परिपत्र केवल तकनीकी रूप से बट्टे खाते की परिभाषा पर स्पष्टता प्रदान करता है और तकनीकी रूप से बट्टे खाते के लिए ऋणदाताओं द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया पर एक व्यापक मार्गदर्शन प्रदान करता है, जो विभिन्न उधारदाताओं द्वारा अपनाए जाने वाले दृष्टिकोण में स्थिरता सुनिश्चित करेगा।

समन्वित पोर्टफोलियो निवेश सर्वेक्षण - भारत

सर्वेक्षण शुरू करने का विवरण

उत्तर: सामान्य तौर पर, मार्च अंत और सितंबर अंत की स्थिति के लिए सीपीआईएस में भाग लेने की नियत तारीख क्रमशः उस वर्ष की 15 जुलाई और 31 दिसंबर है।

प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी दिशानिर्देशों के मास्टर निदेशों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

छ) सामाजिक बुनियादी संरचना

उत्तर: उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल - एनआईसी कोड के अनुसार, सेवाओं के तहत 'प्रमुख गतिविधि', 'शिक्षा' और 'स्वास्थ्य गतिविधियां' एमएसएमई (सेवाओं) के तहत वर्गीकरण के लिए पात्र गतिविधियां हैं। अतः उपरोक्त उद्देश्यों के लिए बैंक ऋणों को एमएसएमई (सेवा) के तहत वर्गीकृत किया जा सकता है, जिसमें ऋण पर कोई उच्चतम सीमा निर्धारित नहीं की गई है। हालांकि, बैंक ऐसी गतिविधियों को एमएसएमई (सेवा) या सामाजिक बुनियादी संरचना के तहत वर्गीकृत कर सकते हैं, पर दोनों के तहत नहीं। इसे नोट किया जाए कि सामाजिक बुनियादी संरचना के तहत वर्गीकरण के लिए, ऋण पर संबद्ध उच्चतम सीमा लागू होगी।ज) कमजोर वर्ग

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: एफ़डीआई तथा एफ़पीआई जिस अनुसूची के अंतर्गत निवेश किया गया है उसकी दृष्टि से agnostic है। निवेश प्रत्यक्ष है अथवा पोर्टफोलियो, को निवेश के प्रतिशत के अनुसार तय किया जाता है।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: चूंकि सीआईसी-एनडी-एसआई के लिए एक अलग आवेदन पत्र होगा, उन्हें नए सिरे से आवेदन करना होगा।

भारतीय मुद्रा

क) मुद्रा प्रबंधन की मूल बातें

वर्तमान में रिज़र्व बैंक अहमदाबाद, बेंगलुरू, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना और तिरूवनंतपुरम स्थित 19 निर्गम कार्यालयों तथा कोच्चि स्थित एक मुद्रा तिजोरी के माध्यम से मुद्रा परिचालनों का प्रबंधन करता है । इसके अलावा, अनुसूचित बैंकों की देखरेख और प्रबंधन के अंतर्गत आने वाली मुद्रा तिजोरियों का विस्तृत नेटवर्क मुद्रा प्रबंधन संरचना का एक भाग है । निर्गम कार्यालय मुद्रा प्रिंटिंग प्रेसों से नए नोट प्राप्त करता है, और बारी-बारी से मुद्रा तिजोरियों को नए बैंकनोट विप्रेषित करता है । मुद्रा तिजोरियों को प्रेसों से सीधे विप्रेषण भी किया जाता है।

रिज़र्व बैंक के हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई तथा नई दिल्ली स्थित कार्यालय (टकसाल से संबद्ध कार्यालय) टकसालों से सिक्के प्राप्त करते हैं । इसके पश्चात ये कार्यालय सिक्कों को रिज़र्व बैंक के अन्य कार्यालयों को भेजते हैं जो इन सिक्कों को मुद्रा तिजोरियों तथा छोटे सिक्का डिपो में भेजते हैं । बैंकनोट तथा सिक्कों का भंडारण मुद्रा तिजोरियों में तथा छोटे सिक्कों का भंडारण छोटे सिक्का डिपो में किया जाता है । बैंक शाखाएँ मुद्रा तिजोरियों तथा छोटे सिक्का डिपो से बैंकनोट तथा सिक्के प्राप्त करती हैं, जिनका वितरण आम जनता को किया जाता है ।

आवास ऋण

यह एक तालिका है जो ऋण पर आवधिक मूलधन और ब्याज भुगतान और किसी भी समय बकाया राशि का विवरण देती यह शून्य तक पहुंचने तक ऋण शेष की क्रमिक कमी को भी दर्शाता है। (अनुबंध देखें)

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

8.1. सरकारी प्रतिभूतियों में एक सक्रिय द्वितीयक बाजार है । द्वितीय बाजार में प्रतिभूतियों की खरीद/बिक्री (i) काउंटर पर (ओटीसी) अथवा (ii) तयशुदा लेन-देन प्रणाली (एनडीएस) अथवा (iii) तयशुदा लेन-देन प्रणाली - आदेश मैंचिंग (एनडीएस-ओएम) पर की जा सकती है ।(i) काउंटर पर (ओटीसी)/टेलीफोन बाजार8.2. इस बाजार में, कोई सहभागी, जो सरकारी प्रतिभूति खरीदने अथवा बेचने का इच्छुक है, किसी बैंक/प्राथमिक व्यापारी/वित्तीय संस्थान से सीधे ही अथवा सेबी के पास पंजीकृत किसी ब्रोकर से संपर्क करके किसी मूल्य पर एक विशेष प्रतिभूति की किसी राशि तक मोल-भाव कर सकता है । ये मोलभाव अधिकांशत: फोन पर होते हैं और किसी दर पर दोनों पक्षों के तैयार होने पर सौदा तय हो जाता है । क्रेता के मामले में, यथा एक शहरी सहकारी बैंक प्रतिभूति खरीदना चाहता है तो बैंक का व्यापारी (जे बैंक द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों के लेन-देन के लिए प्राधिकृत है) अन्य बाजार सहभागियों से फोन पर संपर्क करेगा तथा दरें प्राप्त करेगा । यदि कोई सौदा तय होता हे तो बैंक इस व्यापार का ब्योरा सौदा पर्ची में दर्ज करेगा (नमूना परिशिष्ट 3 में दिया गया है ।) तथा प्रतिपक्ष को व्यापार की पुष्टि करेगा । व्यापारी को उद्धृत मूल्य के संबंध में उपलब्ध स्रोतों से मूल्य की पुष्टि करनी चाहिए (सरकारी प्रतिभूतियों का मूल्य सुनिश्चित करने के संबंध में प्रश्न सं.14 देखें) । ओटीसी बाजार में किए गए सभी कारोबार एनडीएस के द्वितीयक बाजार मॉड्यूल में रिपोर्ट किए जाते हैं जिनका ब्योरा प्रश्न सं.15 में दिया गया है ।(ii) तयशुदा लेन-देन प्रणाली8.3. इलैक्ट्रॉनिक कारोबार तथा सरकारी प्रतिभूतियों में लेन-देन की रिपोर्टिंग के लिए तयशुदा लेन-देन प्रणाली (एनडीएस) फरवरी 2002 में लागू हुई थी । नीलामी होने पर इससे सदस्यों को अपनी बोली इलैक्ट्रानिक रूप से प्रस्तुत करने अथवा सरकारी प्रतिभूतियों के प्राथमिक निर्गम के लिए बोलियाँ अथवा आवेदन करने में सुविधा होती है । एनडीएस से लोक ऋण कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई की प्रतिभूति समायोजन प्रणाली के समक्ष आकर द्वितीयक बाजार में आयोजित सरकारी प्रतिभूतियों (दोनों सीधे और रिपो) में लेन-देन के समायोजन को सुविधाजनक बनाता है । एनडीएस की सदस्यता केवल उन सदस्यों तक सीमित है जिनके एसजीएल तथा/अथवा चालू खाते भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई में हैं ।8.4. अगस्त 2005 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने एनडीएस मॉड्यूल में "ऑर्डर मैचिंग" आधारित नामरहित क्रीन लागू की जिसका नाम एनडीएस-ओएम है । यह एक आदेश से चलने वाली इलैक्ट्रॉनिक प्रणाली है जहाँ सहभागी बिना नाम बताए सिस्टम पर आदेश दे सकते हैं अथवा अन्य सहभागियों के आदेश स्वीकार कर सकते हैं । एनडीएस-ओएम का परिचालन भारतीय रिज़र्व बैंक की ओर से भारतीय समाशोधन निगम लिमि. (सीसीआइएल) द्वारा किया जाता है (कृपया सीसीआइएल के बारे में प्रश्न सं.19 का उत्तर देखें) । वर्तमान में एनडीएस-ओएम प्रणाली तक केवल चयनित वित्तीय संस्थाओं की पहुँच है, यथा वाणिज्य बैंक, प्राथमिक व्यापारी, बीमा कंपनियाँ, पारस्परिक निधियाँ इत्यादि । अन्य सहभागी अपने अभिरक्षक, अर्थात जिसके पास उनका गिल्ट खाता है, के माध्यम से इस प्रणाली तक पहुँच सकते हैं । अभिरक्षक अपने ग्राहकों, जैसे शहरी सहकारी बैंकों की ओर से आदेश दे सकते हैं । एनडीएस-ओएम का लाभ मूल्य पारदर्शिता के साथ-साथ बेहतर मूल्य मिलना है ।8.5. गिल्ट खाता धारकों को अपने अभिरक्षक संस्थान के माध्यम से एनडीएस तक अप्रत्यक्ष पहुँच प्रदान की गई है । कोई सदस्य (जिसकी सीधी पहुँच है) एनडीएस पर सरकारी प्रतिभूतियों में गिल्ट खाताधारक के लेन-देन रिपोर्ट कर सकता है । इसी प्रकार, गिल्ट खाताधारकों को एनडीएस-ओएम तक अप्रत्यक्ष रूप से पहुँच उनके अभिरक्षकों के माध्यम से दी गई है । तथापि, एक ही अभिरक्षक के दो गिल्ट खाताधारकों को आपस में रिपो लेन-देन की अनुमति नहीं हैं ।(iii) स्टॉक एक्सचेंज8.6. सरकारी प्रतिभूतियों में कारोबार की सुविधा स्टॉक एक्सचेंजों (एनएसई और बीएसई) में भी उपलब्ध है जो खुदरा निवेशकों की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं ।

विप्रेषण (धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) तथा रुपया आहरण व्यवस्था (आरडीए))

धन अंतरण सेवा योजना(एमटीएसएस)

धन अंतरण सेवा योजना (MTSS) भारत में निवास करने वाले हिताधिकारियों को विदेश से व्यक्तिगत प्रेषणों के अंतरण का तरीका है। भारत में केवल परिवार के भरण-पोषण के लिए भेजे गए प्रेषण तथा भारत का दौरा करने वाले विदेशी पर्यटकों के पक्ष में भेजे गए प्रेषणों जैसे आवक व्यक्तिगत प्रेषण अनुमत हैं। इस प्रणाली के अंतर्गत विदेशों में स्थित प्रख्यात धन अंतरण कंपनियाँ जिन्हें समुद्रपारीय प्रिंसिपल्स कहा जाता है तथा भारत में स्थित एजेंट जिन्हें भारतीय एजेंट कहा जाता है के बीच एक गठबंधन की परिकल्पना की गई है जो भारत में स्थित हिताधिकारियों को चालू विनिमय दरों पर निधियों का वितरण करेंगे।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Definition of public deposits

For the purpose of exemption from NBFC Directions, (1998) on Acceptance of Public Deposits, the debentures are required to be fully secured on the date of issue and to the fullest satisfaction of the trustees.

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

एफएलए रिटर्न जमा करने के लिए पात्र संस्थाएं और आवश्यकताएं

उत्तर: हां, इकाईयां आरबीआई से मंजूरी लेने के बाद पहले से जमा किए गए एफएलए रिटर्न को संशोधित कर सकती हैं।

देशी जमा

I . देशी जमा

मीयादी जमाराशियों के समयपूर्व आहरण के लिए अपनी दंडात्मक ब्याज दरें तय करने के लिए बैंक स्वतंत्र हैं ।

समन्वित पोर्टफोलियो निवेश सर्वेक्षण - भारत

सर्वेक्षण शुरू करने का विवरण

उत्तर: यदि रिपोर्टिंग इकाई को सर्वेक्षण अनुसूची का सॉफ्ट-फॉर्म प्राप्त नहीं होता है, तो वे इसे आरबीआई की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर ‘विनियामक रिपोर्टिंग’-→ ‘रिटर्न्स की सूची’-→ ‘CPIS – Survey Schedule’ [या 'फॉर्म' (होम पेज के नीचे 'मोर लिंक' के तहत उपलब्ध) और उप-शीर्ष 'सर्वेक्षण'] से डाउनलोड कर सकते हैं या ईमेल पर अनुरोध भेज सकते हैं।

प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी दिशानिर्देशों के मास्टर निदेशों पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

ज) कमजोर वर्ग

उत्तर: मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, एसएमएफ में व्यक्ति, एसएचजी, जेएलजी, फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनियां (एफपीसी) और किसानों की सहकारी समितियां, सदस्यता के मानदंड संख्या और भूमि-जोत के साथ, शामिल है। अतः 2 हेक्टेयर/5 एकड़ तक कृषि भूमि रखने वाले साझेदारी फर्मों/सह-उधारकर्ताओं या कंपनी के किसी निदेशक को दिए गए ऋण पीएसएल की लघु और सीमांत किसान श्रेणी के तहत वर्गीकृत होने के पात्र नहीं हैं।

उत्तर: मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, भारत सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित सूची के अनुसार प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र संबंधी ऋण अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण के रूप में वर्गीकरण के लिए पात्र हैं। इसे 'अल्पसंख्यक समुदायों को ऋण सुविधाएं' पर जारी मास्टर परिपत्र के पैरा 2.2 के साथ पढ़ा जा सकता है जिसमें कहा गया है कि "भागीदारी फर्म के मामले में, यदि भागीदारों में से अधिकांश एक अथवा अधिक विशिष्ट अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित हैं तो, ऐसी भागीदारी फर्मों को दिए गए अग्रिमों को अल्पसंख्यक समुदायों को दिए गए अग्रिमों में गिना जाना चाहिए। साथ ही, यदि भागीदारी फर्म में अधिकांश हिताधिकारी स्‍वामित्‍व अल्पसंख्यक समुदाय का है तो, ऐसे उधार को निर्धारित समुदायों को दिए गए अग्रिमों के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। किसी कम्पनी का कानूनी रूप से पृथक अस्तिव होने के कारण उसे दिए गए अग्रिमों को निर्धारित अल्पसंख्यक समुदायों को दिए गए अग्रिमों के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता।"

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

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