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भारत में विदेशी निवेश

उत्तर : सभी विदेशी निवेश प्रत्यावर्तनीय (यथालागू करों को घटाकर) हैं, केवल उन मामलों को छोड़कर जहां निवेश अप्रत्यावर्तनीय आधार पर किया अथवा धारित किया गया है।

भारतीय मुद्रा

ख) बैंकनोट

बैंक नोटों के मुद्रण में परिचालन क्षमता तथा लागत प्रभावशीलता को बढ़ाने के उद्देश्य से, अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप, 2011 में गैर-अनुक्रमिक संख्यांकन शुरू किया गया था । गैर-अनुक्रमिक संख्यांकन वाले बैंक नोटों के पैकेट में 100 नोट होते हैं, जो क्रमानुसार नहीं होते हैं ।

आवास ऋण

  1. ऋण की सोर्सिंग के समय, बैंकों के लिए आवश्यक है कि वे लागू ब्याज दर, शुल्क/प्रभार और आपके हित को प्रभावित करने वाले किसी अन्य मामले के बारे में जानकारी प्रदान करें और इन्हें आमतौर पर बैंकों के उत्पाद विवरणिका में प्रस्तुत किया जाता है। पूर्ण पारदर्शिता अनिवार्य है।

  2. अनुरोध किए जाने पर बैंक आपको आपके द्वारा निष्पादित सभी ऋण दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियों के साथ-साथ ऋण दस्तावेज में उद्धृत सभी अनुलग्नकों की एक-एक प्रति प्रदान करेंगे।

कोई बैंक वैध कारण बताए बिना आपके ऋण आवेदन को अस्वीकार नहीं कर सकता है।

लक्षित दीर्घकालिक रिपो परिचालन (टीएलटीआरओ)

ऑन टैप टीएलटीआरओ / प्रत्यावर्तित टीएलटीआरओ / टीएलटीआरओ 2.0 के लेनदेन से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर: बैंक विकल्पों में से किसी एक का उपयोग कर सकते हैं। हालाँकि, बैंक का अनुरोध आवेदन की तारीख के अनुसार धन की उपलब्धता के अधीन होगा, अर्थात, रू.1,00,000 करोड़ की कुल राशि का लाभ पहले से ही प्राप्त कर किया होगा, तो ऐसी स्थिति में धन की गारंटी नहीं दी जा सकती है।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

16.1. प्राथमिक नीलामी में एक बार आबंटन प्रक्रिया पूरी होने पर सफल सहभागियों को सरकार को अदा करने के लिए निमित्त राशि सूचित की जाती है जो उन्हें समायोजन के दिन देनी होती है ।दिनांकित प्रतिभूति नीलामी के लिए समायोजन चक्र टी+1 है जबकि खजाना बिलों के लिए टी+2 है ।समायोजन के दिन सहभागियों के निधि खाते उनकी निमित्त राशि से नामे डाले जाते हैं तथा उन्हें आबंटित की गई प्रतिभूतियों की राशि उनके प्रतिभूति खाते (एसजीएल खाते) में जमा कर दी जाती है।द्वितीयक बाजार16.2. सरकारी प्रतिभूतियों से संबंधित लेन-देन भारतीय रिज़र्व बैंक के पास अनुरक्षित सदस्य के प्रतिभूति/चालू खातों के माध्यम से प्रतिभूतियों की सुपुर्दगी और भुगतान निवल आधार पर किया जाता है। भारतीय समाशोधन निगम लिमि. (सीसीआइएल) निपटान की तारीख को दायित्व नवीयन की प्रक्रिया से प्रत्येक कारोबार के लिए केद्रीय प्रति पक्ष बन कर कारोबार का समायोजन करता है अर्थात वह क्रेता के लिए विक्रेता और विक्रेता के लिए क्रेता बन जाता है।16.3 सरकारी प्रतिभूतियों में प्रत्यक्ष रूप से द्वितीयक बाजार लेन-देन टी+1 आधार पर समायोजित किए जाते हैं । तथापि सरकारी प्रतिभूतियों में रिपो लेन-देन के संबंध में बाजार सहभागियों के पास पहला चरण टी+0 अथवा टी+1 पर, उनकी आवश्यकता के अनुसार, समायोजित करने का विकल्प रहेगा।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Ceiling on deposits

A. A company not complying with prudential norms cannot accept public deposits.

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

एफएलए रिटर्न जमा करने के लिए पात्र संस्थाएं और आवश्यकताएं

उत्तर: नहीं, तुलन पत्र या लाभ और हानि खातों को एफएलए रिटर्न के साथ जमा करने की आवश्यकता नहीं है।

देशी जमा

II. अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की जमाराशियाँ

एफसीएनआर (बी) जमाराशियों की प्रतिभूति पर जमाकर्ताओं को दिए गए ऋणों एवं अग्रिमों पर लगायी जानेवाली ब्याज दर तय करने के लिए बैंक स्वतंत्र हैं। वे यह दर अपनी बेंचमार्क मूल उधार दर से असंबद्ध रखकर निर्धारित कर सकते हैं, चाहे चुकौती रुपये में हो या विदेशी मुद्रा में।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: 100 करोड़ रुपये से कम की आस्ति वाले सीआईसी को रिजर्व बैंक से पंजीकरण और विनियमन से छूट दी गई है, बशर्ते कि वे वित्तीय क्षेत्र में विदेशी निवेश करना चाहते हैं।

समन्वित पोर्टफोलियो निवेश सर्वेक्षण - भारत

कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ और अवधारणाएँ

उत्तर: इक्विटी में सभी उपकरण और रिकॉर्ड होते हैं जो सभी लेनदारों के दावों को पूरा करने के बाद एक निगम या अर्ध-निगम के अवशिष्ट मूल्य पर दावों को स्वीकार करते हैं। इक्विटी को सूचीबद्ध शेयरों, असूचीबद्ध शेयरों और अन्य इक्विटी में विभाजित किया जा सकता है। सूचीबद्ध और असूचीबद्ध दोनों शेयर इक्विटी प्रतिभूतियां हैं। इक्विटी प्रतिभूतियां को आमतौर पर शेयर या स्टॉक कहा जाता है। अन्य इक्विटी इक्विटी है जो प्रतिभूतियों के रूप में नहीं है।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: प्रत्यावर्तनीय आधार पर निवेश का अर्थ है कोई निवेश जिसकी बिक्री/ परिपक्वता पर प्राप्त आय, यथालागू करों को घटाकर भारत के बाहर प्रत्यावर्तित किए जाने के लिए पात्र है। अप्रत्यावर्तनीय आधार पर निवेश इस वाक्यांश का अर्थ तदनुसार लगाया जाए।

कोर निवेश कंपनियां

कोर निवेश कंपनियां (सीआईसी)

उत्तर: सीआईसी को किसी भी साझेदारी फर्म में पूंजी का योगदान करने या सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) या साझेदारी फर्मों के समान प्रकृति के किसी भी व्यक्ति सहित साझेदारी फर्मों में भागीदार बनने से प्रतिबंधित किया गया है।

आवास ऋण

यदि आपको उपरोक्त में से किसी भी आधार पर केवल अनुसूचित बैंक के विरुद्ध शिकायत है, आप गोइपोरिया समिति की सिफारिश के अनुसार शाखाओं में उपलब्ध कराए गए एक विशिष्ट शिकायत रजिस्टर में या कागज के एक टुकड़े पर लिखित रूप में संबंधित बैंक के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अपनी शिकायत की रसीद मांगें। आपकी शिकायत प्राप्त करने वाले अधिकारी का विवरण विशेष रूप से मांगा जा सकता है। यदि बैंक 30 दिनों के भीतर जवाब देने में विफल रहता है, तो आप बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं। (कृपया ध्यान दें कि किसी अन्य न्यायिक फोरम में लंबित शिकायतों पर बैंकिंग लोकपाल द्वारा विचार नहीं किया जाएगा)। ग्राहक की शिकायत के समाधान के लिए बैंकिंग लोकपाल कार्यालय द्वारा कोई शुल्क नहीं लगाया जाता है। ट्रैकिंग के उद्देश्य से आपको एक विशिष्ट शिकायत पहचान संख्या दी जाएगी। (बैंकिंग लोकपालों की सूची उनके संपर्क विवरण के साथ भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है)।

शिकायतों को उस बैंकिंग लोकपाल को संबोधित किया जाना चाहिए जिसके अधिकार क्षेत्र में बैंक की वह शाखा या कार्यालय स्थित है जिसके विरुद्ध शिकायत की गई है। शिकायत सादे कागज पर लिखकर अथवा www.bankingombudsman.rbi.org.in पर ऑनलाइन या बैंकिंग लोकपाल को ई-मेल भेजकर दर्ज कराई जा सकती है। शिकायत प्रपत्र सभी बैंक शाखाओं में भी उपलब्ध हैं।

शिकायत आपके अधिकृत प्रतिनिधि (वकील के अलावा) अथवा आपकी ओर से कार्य करने वाले किसी उपभोक्ता संघ/मंच द्वारा भी दर्ज कराई जा सकती है।

यदि आप बैंकिंग लोकपाल के निर्णय से खुश नहीं हैं, तो आप भारतीय रिज़र्व बैंक में अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील कर सकते हैं।

भारतीय मुद्रा

ख) बैंकनोट

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अगस्त 2006 तक जारी बैंक नोटों में क्रमांक दिए जाते थे। इसमें से प्रत्येक बैंकनोट में एक संख्या अथवा अक्षर/रों से प्रारंभ होने वाला विशिष्ट क्रमांक दिया जाता था। इन बैंक नोटों को 100 नगों के पैकेट के रूप में जारी किया जाता है।

क्रमांक दर्शाने वाले 100 नगों वाले पैकेट में दोषपूर्ण मुद्रण वाले बैंकनोटों को प्रतिस्‍थापित करने के लिए बैंक ने “सितारा शृंखला/स्‍टार सीरीज” वाली संख्‍यांकन प्रणाली को अपनाया । सितारा शृंखला/स्‍टार सीरीज वाले बैंकनोट अन्य बैंक नोटों के एकदम समान होते हैं, लेकिन एक अतिरिक्त संकेताक्षर, नामत: शुरुआती अक्षर के बीच के स्थान में संख्या पैनल में एक *(सितारा/स्टार) अंकित होता है।

भारत में सरकारी प्रतिभूति बाजार – एक प्रवेशिका

"कामबंदी अवधि" का तात्पर्य उस अवधि से है जब प्रतिभूतियों की सुपुर्दगी नहीं होती । इस अवधि के दौरान उन प्रतिभूतियों के समायोजन/सुपुर्दगी की अनुमति नहीं होगी जो "कामबंदी" में है । कामबंदी अवधि का मुख्य प्रयोजन प्रतिभूतियों की सर्विसिंग करना है जैसे कूपन के भुगतान और शोधन आय को अंतिम रूप देना तथा इस प्रक्रिया के दौरान प्रतिभूतियों के स्वामित्व में किसी परिवर्तन को रोकना है । वर्तमान में एसजीएल में धारित प्रतिभूतियों के लिए कामबंदी अवधि एक दिन है । उदाहरणार्थ प्रतिभूति 6.49% जीएस 2015 के लिए कूपन भुगतान की तारीख प्रत्येक वर्ष 8 जून और 8 दिसंबर है । इस प्रतिभूति के संबंध में कामबंदी अवधि 7 जून और 7 दिसंबर होगी तथा इस प्रतिभूति के संबंध में समायोजन के लिए कारोबार की इन दो तारीखों को अनुमति नहीं होगी ।

FAQs on Non-Banking Financial Companies

Inter-corporate deposits (ICDs)

The objective of exempting the intercorporate deposits from the purview of Non-Banking Financial Companies Acceptance of Public Deposits (Reserve Bank) Directions, 1998 is that the corporate bodies whether a shareholder or a non-shareholder should be able to appraise the loan proposals and ensure the safety of the funds lent. Hence, such loans will be treated as ICDs.

फेमा 1999 के तहत विदेशी देयताओं और परिसंपत्तियों (एफएलए) पर वार्षिक रिटर्न

एफएलए रिटर्न जमा करने की प्रक्रिया

उत्तर: ऑनलाइन वेब-आधारित पोर्टल विदेशी देयताएं और संपत्ति सूचना रिपोर्टिंग (फ्लेयर) प्रणाली जिसका पता https://flair.rbi.org.in/fla/faces/pages/login.xhtml है, के माध्यम से इकाईयां एफएलए रिटर्न जमा कर सकती हैं।

  • URL https://flair.rbi.org.in/fla/faces/pages/login.xhtml तक पहुँचने के लिए, किसी भी ब्राउज़र जैसे इंटरनेट एक्सप्लोरर, गूगल क्रोम, फायरफॉक्स आदि का उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि ये सभी ब्राउज़र इस एप्लिकेशन को सपोर्ट करते हैं।

  • इकाई को Registration (for New Entity Users) पर क्लिक करके पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।

  • इकाई को एफएलए उपयोगकर्ता पंजीकरण फॉर्म में विवरण भरना होगा, उल्लिखित दस्तावेजों (Authority letter, Verification letter) को अपलोड करना होगा और पंजीकरण पूरा करने के लिए सबमिट बटन पर क्लिक करना होगा।

  • सफल पंजीकरण के बाद, यूजर आईडी और डिफ़ॉल्ट पासवर्ड अधिकृत व्यक्ति की मेल आईडी पर भेजा जाएगा। इस यूजर आईडी और पासवर्ड का उपयोग करके, इकाईयां फ्लेयर पोर्टल पर लॉग इन कर सकती हैं और एफ़एलए रिटर्न फाइल कर सकती हैं।

  • कृपया ध्यान दें: वार्षिक एफएलए रिटर्न जमा करने के लिए एक्सेल-आधारित प्रारूप और ईमेल-आधारित रिपोर्टिंग प्रणाली को जून 2019 से वेब-आधारित प्रारूप में बदल दिया गया है।

देशी जमा

II. अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की जमाराशियाँ

नहीं । बैंक एफसीएनआर (बी) योजना के अंतर्गत आवर्ती जमाराशियाँ स्वीकार नहीं कर सकते।

समन्वित पोर्टफोलियो निवेश सर्वेक्षण - भारत

कुछ महत्वपूर्ण परिभाषाएँ और अवधारणाएँ

उत्तर: निम्नलिखित इक्विटी प्रतिभूतियों के अंतर्गत शामिल हैं:

  • साधारण शेयर।

  • स्टॉक्स।

  • भाग लेने वाले वरीयता शेयर।

  • म्युचुअल फंड और निवेश ट्रस्ट में शेयर/इकाइयां।

  • निक्षेपागार रसीदें (उदाहरण के लिए, अमेरिकी निक्षेपागार रसीदें) अनिवासियों द्वारा जारी इक्विटी प्रतिभूतियों के स्वामित्व को दर्शाती हैं।

  • प्रतिभूतियों को रेपो के तहत बेचा जाता है या प्रतिभूति उधार व्यवस्था के तहत "उधार" दिया जाता है।

  • रिवर्स रेपो या प्रतिभूति उधार व्यवस्था के तहत अधिग्रहीत और बाद में किसी तीसरे पक्ष को बेची गई प्रतिभूतियों को नकारात्मक होल्डिंग के रूप में रिपोर्ट किया जाना चाहिए।

भारत में विदेशी निवेश

उत्तर: कृपया फेमा 20(आर) का विनियम 11 देखें।

विवरण सूचीबद्ध कंपनी गैर सूचीबद्ध कंपनी
भारतीय कंपनी द्वारा जारी अथवा निवासी द्वारा अनिवासी को अंतरित– कीमत निम्नलिखित से कम नहीं होनी चाहिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के संबंधित दिशानिर्देशों के अनुसार अभिकलित कीमत; आर्म्स लेंथ आधार पर किए गए मूल्यांकन के लिए किसी भी अंतर्राष्ट्रीय रूप से स्वीकृत मूल्य निर्धारण पद्धति के अनुसार पूंजीगत लिखतों का मूल्यांकन जिसे सनदी लेखाकर, अथवा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड में रैजिस्टर्ड मर्चंट बैंकर अथवा व्यावसायिक कॉस्ट अकाउंटेंट द्वारा विधिवत प्रमाणित किया गया है
अनिवासी से निवासी को अंतरण – कीमत निम्नलिखित से अधिक नहीं होनी चाहिए: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के संबंधित दिशानिर्देशों के अनुसार अभिकलित कीमत; आर्म्स लेंथ आधार पर किए गए मूल्यांकन के लिए किसी भी अंतर्राष्ट्रीय रूप से स्वीकृत मूल्य निर्धारण पद्धति के अनुसार पूंजीगत लिखतों का मूल्यांकन जिसे सनदी लेखाकर, अथवा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड में रैजिस्टर्ड मर्चंट बैंकर द्वारा विधिवत प्रमाणित किया गया है

मूल्यनिर्धारण संबंधी दिशानिर्देश भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा अप्रत्यावर्तनीय आधार पर किए गए निवेश पर लागू नहीं होंगे।

श्रेणी पहलू

केटेगरी

कस्टम पहलू

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022

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