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भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट
देशी जमा
V. दान
हां, बैंकों की विदेशी शाखाएँ विदेश में दान दे सकती हैं, बशर्तें बैंक पिछले वर्ष के प्रकाशित लाभ के एक प्रतिशत की निर्धारित उच्च्तम सीमा का अतिक्रमण नहीं करते।
VI. परिसर ऋण
i. बैंकों के निदेशक मंडल को बैंकों के उपयोग के लिए पट्टा/किराये के आधार पर परिसर लेने के संबंध में सभी पहलुओं को शामिल करते हुए नीति निर्धारित करनी चाहिए और महानगरीय, शहरी, अर्द्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग परिचालनात्मक दिशानिर्देश बनाना चाहिए। इन दिशानिर्देशों में विभिन्न स्तरों पर शक्तियों का प्रत्यायोजन भी शामिल होना चाहिए। ग्रामीण केंद्रों को छोड़कर अन्य केंद्रों पर परिसर छोड़ने या दूसरा परिसर लेने के संबंध में निर्णय केंद्रीय कार्यालय के स्तर पर वरिष्ठ कार्यपालकों की एक समिति द्वारा लिया जाना चाहिए।ii. पट्टा/किराये के आधार पर परिसर देने वाले मकान मालिकों को ऋण मंजूर करने के संबंध में बैंक के निदेशक मंडल को अलग से नीति निर्धारित करनी चाहिए। ऐसे ऋणों पर ब्याज दर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उधार दर संबंधी निदेशों के अनुरूप निर्धारित की जानी चाहिए तथा 2 लाख रुपये से अधिक के ऋण के मामले में न्यूनतम उधार दर बेंचमार्क मूल उधार दर (बीपीएलआर) होनी चाहिए। बैंक की सामान्य प्रथा के अनुरूप ब्याज दर साधारण या चक्रवृद्धि हो सकती है, जैसा कि अन्य मीयादी ऋणों पर लागू हो।iii. मकान मालिकों की वास्तविक शिकायतों को शीघ्रता से दूर करने के लिए बैंकों को एक उपयुक्त पद्धति विकसित करनी चाहिए।iv. सरकारी क्षेत्र के बेंकों द्वारा मकान मालिकों को दिए गए अग्रिमों तथा पट्टे /किराये पर लिए गए परिसरों पर किराये (कर आदि तथा 25 लाख रुपये और उससे अधिक की जमाराशियों सहित) के संबंध में तय की गयी संविदा के ब्यौरे सरकार के विद्यमान निर्देशों के अनुसार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को भेजे जाने चाहिए। यह अपेक्षा निजी क्षेत्र के बैंकों पर लागू नहीं होगी।
VII सेवा प्रभार
भारतीय बैंक संघ ने बैंकों द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं के लिए सेवा प्रभार निर्धारित करने की प्रथा बंद कर दी है। सितंबर 1999 से भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को यह स्वतंत्रता दी है कि वे अपने निदेशक मंडल के अनुमोदन से सेवा प्रभार निर्धारित कर सकते हैं।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022
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