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भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट
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फ़रवरी 05, 2021
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य
5 फरवरी 2021 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों (i) चलनिधि प्रबंधन और लक्षित क्षेत्रों के लिए समर्थन (ii) विनियमन और पर्यवेक्षण (iii) वित्तीय बाजारों को व्यापक बनाना; (iv) भुगतान और निपटान प्रणाली को उन्नत करना और (v) उपभोक्ता संरक्षण, को निर्धारित करता है। I. चलनिधि उपाय 1. मांग पर टीएलटीआरओ - एनबीएफसी का समावेश विशिष्ट क्षेत्रों, जिनका पिछले और आगे दोनों से जुड़ाव और वृद्धि पर बहुस्तरीय प्रभाव हैं, में ग
5 फरवरी 2021 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति उपायों (i) चलनिधि प्रबंधन और लक्षित क्षेत्रों के लिए समर्थन (ii) विनियमन और पर्यवेक्षण (iii) वित्तीय बाजारों को व्यापक बनाना; (iv) भुगतान और निपटान प्रणाली को उन्नत करना और (v) उपभोक्ता संरक्षण, को निर्धारित करता है। I. चलनिधि उपाय 1. मांग पर टीएलटीआरओ - एनबीएफसी का समावेश विशिष्ट क्षेत्रों, जिनका पिछले और आगे दोनों से जुड़ाव और वृद्धि पर बहुस्तरीय प्रभाव हैं, में ग
फ़रवरी 05, 2021
गवर्नर का वक्तव्य, 5 फरवरी 2021
5 फरवरी 2021 गवर्नर का वक्तव्य, 5 फरवरी 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 3, 4 और 5 फरवरी 2021 को हुई और घरेलू और वैश्विक दोनों स्तर पर, वर्तमान आर्थिक और वित्तीय विकासों पर विचार-विमर्श किया गया। एमपीसी ने सर्वसम्मति से नीतिगत रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के लिए वोट किया। इसने आगामी लक्ष्य के भीतर मुद्रास्फीति को भी बनाए रखने की सुनिश्चितता से सर्वसम्मति से मौद्रिक नीति के निभावकारी रूख को जितना आवश्यक हो - कम से कम चालू वित्त वर्ष और अगले वर्ष में
5 फरवरी 2021 गवर्नर का वक्तव्य, 5 फरवरी 2021 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 3, 4 और 5 फरवरी 2021 को हुई और घरेलू और वैश्विक दोनों स्तर पर, वर्तमान आर्थिक और वित्तीय विकासों पर विचार-विमर्श किया गया। एमपीसी ने सर्वसम्मति से नीतिगत रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के लिए वोट किया। इसने आगामी लक्ष्य के भीतर मुद्रास्फीति को भी बनाए रखने की सुनिश्चितता से सर्वसम्मति से मौद्रिक नीति के निभावकारी रूख को जितना आवश्यक हो - कम से कम चालू वित्त वर्ष और अगले वर्ष में
जनवरी 08, 2021
सामान्य चलनिधि प्रबंधन परिचालन की बहाली
8 जनवरी 2021 सामान्य चलनिधि प्रबंधन परिचालन की बहाली 06 फरवरी 2020 को रिज़र्व बैंक ने एक संशोधित चलनिधि प्रबंधन ढांचे की घोषणा की थी, जिसमें चलनिधि प्रबंधन के लिए उद्देश्यों और टूलकिट को सरल और स्पष्ट रूप से सूचित किया गया था। 2. COVID-19 के प्रकोप के मद्देनजर, तेजी से विकसित हो रही वित्तीय स्थितियों तथा लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के कारण व्यवधानों के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, संशोधित चलनिधि प्रबंधन ढांचे को अस्थायी रूप से निलंबित करने का निर्णय लिया गया था और स्थायी
8 जनवरी 2021 सामान्य चलनिधि प्रबंधन परिचालन की बहाली 06 फरवरी 2020 को रिज़र्व बैंक ने एक संशोधित चलनिधि प्रबंधन ढांचे की घोषणा की थी, जिसमें चलनिधि प्रबंधन के लिए उद्देश्यों और टूलकिट को सरल और स्पष्ट रूप से सूचित किया गया था। 2. COVID-19 के प्रकोप के मद्देनजर, तेजी से विकसित हो रही वित्तीय स्थितियों तथा लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के कारण व्यवधानों के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, संशोधित चलनिधि प्रबंधन ढांचे को अस्थायी रूप से निलंबित करने का निर्णय लिया गया था और स्थायी
दिसंबर 23, 2020
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के एमडी और सीईओ के साथ रिज़र्व बैंक के गवर्नर की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक
23 दिसंबर 2020 सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के एमडी और सीईओ के साथ रिज़र्व बैंक के गवर्नर की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर, ने क्रमश: 22 और 23 दिसंबर 2020 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और चुनिंदा निजी क्षेत्र के बैंकों के एमडी / सीईओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठकें कीं। रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नरों ने बैठकों में भाग लिया। अपने प्रारंभिक भाषण में, गवर्नर ने वर्तमान आर्थिक स्थिति पर बात की और आर्थिक गतिविध
23 दिसंबर 2020 सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के एमडी और सीईओ के साथ रिज़र्व बैंक के गवर्नर की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर, ने क्रमश: 22 और 23 दिसंबर 2020 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और चुनिंदा निजी क्षेत्र के बैंकों के एमडी / सीईओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठकें कीं। रिज़र्व बैंक के उप-गवर्नरों ने बैठकों में भाग लिया। अपने प्रारंभिक भाषण में, गवर्नर ने वर्तमान आर्थिक स्थिति पर बात की और आर्थिक गतिविध
दिसंबर 18, 2020
मौद्रिक नीति समिति की 2 से 4 दिसंबर 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त
18 दिसंबर 2020 मौद्रिक नीति समिति की 2 से 4 दिसंबर 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की छब्बीसवीं बैठक 2 से 4 दिसंबर 2020 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिडे, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेव
18 दिसंबर 2020 मौद्रिक नीति समिति की 2 से 4 दिसंबर 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की छब्बीसवीं बैठक 2 से 4 दिसंबर 2020 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिडे, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेव
दिसंबर 15, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लि., पनवेल - रायगढ़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार
15 दिसंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लि., पनवेल - रायगढ़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लि., पनवेल - रायगढ़, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 15 जून 2020 के निदेश सं. DoS.CO.UCBs-West/D-1/12.07.157/2019-20 के माध्यम से 15 जून 2020 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि
15 दिसंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लि., पनवेल - रायगढ़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार कर्नाला नागरी सहकारी बैंक लि., पनवेल - रायगढ़, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 15 जून 2020 के निदेश सं. DoS.CO.UCBs-West/D-1/12.07.157/2019-20 के माध्यम से 15 जून 2020 की कारोबार की समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि
दिसंबर 04, 2020
मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 2-4 दिसंबर 2020
4 दिसंबर 2020 मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 2-4 दिसंबर 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (4 दिसंबर 2020) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए; नतीजतन, एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्ति
4 दिसंबर 2020 मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 2-4 दिसंबर 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (4 दिसंबर 2020) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए; नतीजतन, एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरिवर्ति
दिसंबर 04, 2020
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य
4 दिसंबर 2020 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति के उपायों i) अर्थव्यवस्था के लक्षित क्षेत्रों के लिए चलनिधि समर्थन को अन्य क्षेत्रों से जोड़ना; (ii) वित्तीय बाजारों को व्यापक बनाना; (iii) विनियामक पहलों के माध्यम से बैंकों और एनबीएफसी के बीच पूंजी का संरक्षण; (iv) लेखा परीक्षा कार्यों के माध्यम से पर्यवेक्षण को मजबूत करना; (v) निर्यातकों के लिए कारोबार करने में आसानी के लिए बाहरी व्यापार को सुविधाजनक बनाना; और (v
4 दिसंबर 2020 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य यह वक्तव्य विभिन्न विकासात्मक और विनियामक नीति के उपायों i) अर्थव्यवस्था के लक्षित क्षेत्रों के लिए चलनिधि समर्थन को अन्य क्षेत्रों से जोड़ना; (ii) वित्तीय बाजारों को व्यापक बनाना; (iii) विनियामक पहलों के माध्यम से बैंकों और एनबीएफसी के बीच पूंजी का संरक्षण; (iv) लेखा परीक्षा कार्यों के माध्यम से पर्यवेक्षण को मजबूत करना; (v) निर्यातकों के लिए कारोबार करने में आसानी के लिए बाहरी व्यापार को सुविधाजनक बनाना; और (v
दिसंबर 04, 2020
गवर्नर का वक्तव्य, 4 दिसंबर 2020
04 दिसंबर 2020 गवर्नर का वक्तव्य, 4 दिसंबर 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 2, 3 और 4 दिसंबर 2020 को हुई थी। इसने घरेलू और वैश्विक दोनों के वर्तमान समष्टि आर्थिक और वित्तीय विकास तथा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उन्नत संभावनाओं की समीक्षा की। अपने विचार-विमर्श के अंत में, एमपीसी ने सर्वसम्मति से पॉलिसी रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित छोड़ने के लिए मतदान किया। यह भी निर्णय लिया गया कि जब तक आवश्यक हो तब तक मौद्रिक नीति के निभावकारी रुख को जारी रखा जाए - कम से
04 दिसंबर 2020 गवर्नर का वक्तव्य, 4 दिसंबर 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 2, 3 और 4 दिसंबर 2020 को हुई थी। इसने घरेलू और वैश्विक दोनों के वर्तमान समष्टि आर्थिक और वित्तीय विकास तथा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए उन्नत संभावनाओं की समीक्षा की। अपने विचार-विमर्श के अंत में, एमपीसी ने सर्वसम्मति से पॉलिसी रेपो दर को 4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित छोड़ने के लिए मतदान किया। यह भी निर्णय लिया गया कि जब तक आवश्यक हो तब तक मौद्रिक नीति के निभावकारी रुख को जारी रखा जाए - कम से
दिसंबर 04, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार
04 दिसंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को 3 मई 2019 के निदेश सं DCBS.CO.BSD-I/D-14/12.22.254/2018-19 के माध्यम से 4 मई 2019 की कारोबार समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को पिछली बार इन निदेशों की अवधि को 30 सितंबर 2020 के आदेश सं. DOR.CO.AID/.No.D-24/12.22.254/2020-2
04 दिसंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को 3 मई 2019 के निदेश सं DCBS.CO.BSD-I/D-14/12.22.254/2018-19 के माध्यम से 4 मई 2019 की कारोबार समाप्ति से छह महीनो तक निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को पिछली बार इन निदेशों की अवधि को 30 सितंबर 2020 के आदेश सं. DOR.CO.AID/.No.D-24/12.22.254/2020-2
नवंबर 26, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार
26 नवंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 फरवरी 2013 के निदेश सं. UBD.CO.BSD I/D-28/12.22.218/2012-13 के माध्यम से 22 फरवरी 2013 की कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का समय 30 नवंबर 2020 तक बढ़ाया था। 2.
26 नवंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस्) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 21 फरवरी 2013 के निदेश सं. UBD.CO.BSD I/D-28/12.22.218/2012-13 के माध्यम से 22 फरवरी 2013 की कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। इन निदेशों की वैधता को समय-समय पर बढ़ाया गया और आखिरी बार वैधता का समय 30 नवंबर 2020 तक बढ़ाया था। 2.
नवंबर 02, 2020
रिज़र्व बैंक द्वारा बाजार ट्रेडिंग घंटे को बढ़ाया गया
2 नवंबर 2020 रिज़र्व बैंक द्वारा बाजार ट्रेडिंग घंटे को बढ़ाया गया रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित विभिन्न बाजारों के लिए 7 अप्रैल 2020 से प्रभावी ट्रेडिंग घंटे को कोविड-19 के कारण होने वाली परिचालनात्मक अव्यवस्था तथा स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों के बढ़ते स्तर को ध्यान में रखते हुए संशोधित किया गया था। लॉकडाउन को क्रमिक रूप से समाप्त करने और लोगों के आवागमन और कार्यालयों के कामकाज पर प्रतिबंधों में ढील के साथ, चरणबद्ध तरीके से विनियमित बाजारों के लिए ट्रेडिंग घंटे को पुनः प्रचल
2 नवंबर 2020 रिज़र्व बैंक द्वारा बाजार ट्रेडिंग घंटे को बढ़ाया गया रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित विभिन्न बाजारों के लिए 7 अप्रैल 2020 से प्रभावी ट्रेडिंग घंटे को कोविड-19 के कारण होने वाली परिचालनात्मक अव्यवस्था तथा स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों के बढ़ते स्तर को ध्यान में रखते हुए संशोधित किया गया था। लॉकडाउन को क्रमिक रूप से समाप्त करने और लोगों के आवागमन और कार्यालयों के कामकाज पर प्रतिबंधों में ढील के साथ, चरणबद्ध तरीके से विनियमित बाजारों के लिए ट्रेडिंग घंटे को पुनः प्रचल
अक्तूबर 23, 2020
मौद्रिक नीति समिति की 7 से 9 अक्तूबर 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त
23 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति की 7 से 9 अक्तूबर 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पच्चीसवीं बैठक 7 से 9 अक्तूबर 2020 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिडे, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ ड
23 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति की 7 से 9 अक्तूबर 2020 के दौरान हुई बैठक के कार्यवृत्त [भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडएल के अंतर्गत] भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 ज़ेडबी के अंतर्गत गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पच्चीसवीं बैठक 7 से 9 अक्तूबर 2020 के दौरान आयोजित की गई। 2. बैठक में सभी सदस्य – डॉ. शशांक भिडे, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली; डॉ. आशिमा गोयल, प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ ड
अक्तूबर 09, 2020
विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य
09 अक्तूबर 2020 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य चूंकि COVID-19 का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है, लोगों की आवाजाही पर क्रमिक रुप से प्रतिबंध उठाकर और देश भर में व्यावसायिक प्रतिष्ठान खोलने से आर्थिक गतिविधियों की बहाली फिर से हो रही है। वापसी के इस चरण के दौरान वित्तीय क्षेत्र की भूमिका आर्थिक गतिविधियों के पूर्व-कोविड स्तरों तक पहुंचने के लिए कारोबारों को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण बनी रहेगी। पिछले कुछ महीनों में रिज़र्व बैंक की विनियामक कार्रवाइयों का फोकस पह
09 अक्तूबर 2020 विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य चूंकि COVID-19 का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है, लोगों की आवाजाही पर क्रमिक रुप से प्रतिबंध उठाकर और देश भर में व्यावसायिक प्रतिष्ठान खोलने से आर्थिक गतिविधियों की बहाली फिर से हो रही है। वापसी के इस चरण के दौरान वित्तीय क्षेत्र की भूमिका आर्थिक गतिविधियों के पूर्व-कोविड स्तरों तक पहुंचने के लिए कारोबारों को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण बनी रहेगी। पिछले कुछ महीनों में रिज़र्व बैंक की विनियामक कार्रवाइयों का फोकस पह
अक्तूबर 09, 2020
मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 7 से 9 अक्तूबर 2020
9 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 7 से 9 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (9 अक्तूबर 2020) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए; नतीजतन, एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरि
9 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति वक्तव्य, 2020-21 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का संकल्प 7 से 9 अक्तूबर 2020 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज (9 अक्तूबर 2020) अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टिगत आर्थिक परिस्थिति के आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत नीतिगत रेपो दर को 4.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा जाए; नतीजतन, एलएएफ के तहत प्रतिवर्ती रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर अपरि
अक्तूबर 09, 2020
गवर्नर का वक्तव्य – 9 अक्तूबर 2020
गवर्नर का वक्तव्य – 9 अक्तूबर 2020 बाहरी सदस्यों के रूप में डॉ. अशिमा गोयल, प्रो. जयंत आर. वर्मा और डॉ. शशांका भिडे के साथ नव नियुक्त मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 7, 8 और 9 अक्टूबर 2020 को मिले जो उनकी पहली बैठक और मौद्रिक नीति ढांचे जिसे जून 2016 में स्थापित किया गया था, के तहत 25 वीं थीं। मैं नए सदस्यों का स्वागत करता हूं और भारत में मौद्रिक नीति की स्थापना और संचालन में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं। मैं इस अवसर पर भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) म
गवर्नर का वक्तव्य – 9 अक्तूबर 2020 बाहरी सदस्यों के रूप में डॉ. अशिमा गोयल, प्रो. जयंत आर. वर्मा और डॉ. शशांका भिडे के साथ नव नियुक्त मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 7, 8 और 9 अक्टूबर 2020 को मिले जो उनकी पहली बैठक और मौद्रिक नीति ढांचे जिसे जून 2016 में स्थापित किया गया था, के तहत 25 वीं थीं। मैं नए सदस्यों का स्वागत करता हूं और भारत में मौद्रिक नीति की स्थापना और संचालन में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं। मैं इस अवसर पर भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) म
अक्तूबर 03, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश–शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार
03 अक्टूबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को दिनांक 03 मई 2019 के निदेश सं DCBS.CO.BSD-I/D-14/12.22.254/2018-19 के माध्यम से दिनांक 04 मई 2019 की कारोबार समाप्ति से छह महीनों तक निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता अवधि को दिनांक 31 जुलाई 2020 के आदेश सं.DOR.CO.AID./No.D-10/12.22.254/2020-21 के
03 अक्टूबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश– शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र- अवधि का विस्तार शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को दिनांक 03 मई 2019 के निदेश सं DCBS.CO.BSD-I/D-14/12.22.254/2018-19 के माध्यम से दिनांक 04 मई 2019 की कारोबार समाप्ति से छह महीनों तक निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता अवधि को दिनांक 31 जुलाई 2020 के आदेश सं.DOR.CO.AID./No.D-10/12.22.254/2020-21 के
सितंबर 29, 2020
अर्थोपाय अग्रिम सीमा और ओवरड्राफ्ट नियमों में अंतरिम छूट का विस्तार
29 सितंबर 2020 अर्थोपाय अग्रिम सीमा और ओवरड्राफ्ट नियमों में अंतरिम छूट का विस्तार राज्य सरकारों को COVID-19 रोकथाम और शमन के उपाय करने में अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करने, और उन्हें बाजार उधार लेने की योजना बनाने में सक्षम बनाने की दृष्टि से, रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 अप्रैल 2020 को जारी अपनी प्रेस प्रकाशनी द्वारा 31 मार्च 2020 तक के स्तर से राज्यों / संघशासित क्षेत्रों की डब्ल्यूएमए सीमा में 60% से अधिक की वृद्धि की घोषणा की थी। इसके अलावा, राज्य सरकारों को अपने नकद
29 सितंबर 2020 अर्थोपाय अग्रिम सीमा और ओवरड्राफ्ट नियमों में अंतरिम छूट का विस्तार राज्य सरकारों को COVID-19 रोकथाम और शमन के उपाय करने में अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करने, और उन्हें बाजार उधार लेने की योजना बनाने में सक्षम बनाने की दृष्टि से, रिज़र्व बैंक ने दिनांक 17 अप्रैल 2020 को जारी अपनी प्रेस प्रकाशनी द्वारा 31 मार्च 2020 तक के स्तर से राज्यों / संघशासित क्षेत्रों की डब्ल्यूएमए सीमा में 60% से अधिक की वृद्धि की घोषणा की थी। इसके अलावा, राज्य सरकारों को अपने नकद
सितंबर 28, 2020
सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) – छूट की अवधि बढ़ाया जाना
28 सितंबर 2020 सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) – छूट की अवधि बढ़ाया जाना 27 मार्च 2020 को बैंकों को निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के एक प्रतिशत तक, अर्थात संचयी रूप से एनडीटीएल के 3 प्रतिशत तक, सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) में छूट देते हुए सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) के तहत धनराशि का लाभ उठाने के लिए अनुमति दी गई थी। यह सुविधा, जो प्रारंभ में 30 जून 2020 तक उपलब्ध थी, को 26 जून 2020 को COVID-19 से उत्पन्न व्यवधानों को देखते हुए 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया ग
28 सितंबर 2020 सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) – छूट की अवधि बढ़ाया जाना 27 मार्च 2020 को बैंकों को निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के एक प्रतिशत तक, अर्थात संचयी रूप से एनडीटीएल के 3 प्रतिशत तक, सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) में छूट देते हुए सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) के तहत धनराशि का लाभ उठाने के लिए अनुमति दी गई थी। यह सुविधा, जो प्रारंभ में 30 जून 2020 तक उपलब्ध थी, को 26 जून 2020 को COVID-19 से उत्पन्न व्यवधानों को देखते हुए 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दिया ग
सितंबर 08, 2020
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार
08 सितंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, को दिनांक 7 नवंबर 2017 के निदेश सं.DCBS.CO.BSD-1/D-4/12.22.126/2017-18 के माध्यम से 9 नवंबर 2017 को कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उक्त निदेश की वैधता समय-समय पर बढ़ाई गई जिसे अंतिम बार दिनांक 3 जून 2020 के
08 सितंबर 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश – द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, महाराष्ट्र - अवधि का विस्तार द कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड., कराड़, को दिनांक 7 नवंबर 2017 के निदेश सं.DCBS.CO.BSD-1/D-4/12.22.126/2017-18 के माध्यम से 9 नवंबर 2017 को कारोबार समाप्ति से छह महीनों के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उक्त निदेश की वैधता समय-समय पर बढ़ाई गई जिसे अंतिम बार दिनांक 3 जून 2020 के
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