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भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट
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अगस्त 02, 2017
बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 (सहकारी समितियों पर यथाप्रयोज्य) की धारा 35ए के अंतर्गत निदेश- दि भोपाल नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, भोपाल - अवधि विस्तार
02 अगस्त 2017 बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 (सहकारी समितियों पर यथाप्रयोज्य) की धारा 35ए के अंतर्गत निदेश- दि भोपाल नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, भोपाल - अवधि विस्तार आम जनता की जानकारी के लिए एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक संतुष्ट है कि दि भोपाल नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, भोपाल (मध्य प्रदेश) को जनहित में जारी दिनांक 29 अक्तूबर 2012 के निदेश के साथ पठित अनुवर्ती निदेशों, जिन्हें दिनांक 25 जनवरी 2017 के निदेश के अनुसार 31 जुलाई 2017 तक बढ
02 अगस्त 2017 बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 (सहकारी समितियों पर यथाप्रयोज्य) की धारा 35ए के अंतर्गत निदेश- दि भोपाल नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, भोपाल - अवधि विस्तार आम जनता की जानकारी के लिए एतद्द्वारा यह अधिसूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक संतुष्ट है कि दि भोपाल नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, भोपाल (मध्य प्रदेश) को जनहित में जारी दिनांक 29 अक्तूबर 2012 के निदेश के साथ पठित अनुवर्ती निदेशों, जिन्हें दिनांक 25 जनवरी 2017 के निदेश के अनुसार 31 जुलाई 2017 तक बढ
अगस्त 02, 2017
विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य
2 अगस्त 2017 विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य 1. मौद्रिक नीति अंतर में सुधार करने के लिए उपाय मौद्रिक अंतरण में सुधार करने के लिए अप्रैल 2016 में शुरू की गई सीमांत निधि लागत आधारित उधार दर (एमसीएलआर) का अनुभव पूरी तरह से संतोषजनक नहीं रहा है, हालांकि यह आधार दर प्रणाली की तुलना में प्रगति है। मौद्रिक अंतरण में सुधार करने के दृष्टिकोण और बैंक उधार दरों को सीधे बाजार निर्धारित बेंचमार्कों से जोड़ने के तरीकों को खोजने के लिए एमसीएलआर प्रणाली के विभिन्न पहलुओं
2 अगस्त 2017 विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य 1. मौद्रिक नीति अंतर में सुधार करने के लिए उपाय मौद्रिक अंतरण में सुधार करने के लिए अप्रैल 2016 में शुरू की गई सीमांत निधि लागत आधारित उधार दर (एमसीएलआर) का अनुभव पूरी तरह से संतोषजनक नहीं रहा है, हालांकि यह आधार दर प्रणाली की तुलना में प्रगति है। मौद्रिक अंतरण में सुधार करने के दृष्टिकोण और बैंक उधार दरों को सीधे बाजार निर्धारित बेंचमार्कों से जोड़ने के तरीकों को खोजने के लिए एमसीएलआर प्रणाली के विभिन्न पहलुओं
अगस्त 02, 2017
तिरुमाला को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना पर मौद्रिक दंड लगाया गया
2 अगस्त 2017 तिरुमाला को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना पर मौद्रिक दंड लगाया गया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46(4) के साथ पठित धारा 47ए(1)(बी) के प्रावधानों द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तिरुमाला को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना पर भारतीय रिज़र्व बैंक के निम्नलिखित निदेशों और दिशानिर्देशों का उल्ल्घंन करने के लिए ₹ 2.00 लाख (रुपये दो लाख मात्र) का मौद्रिक दंड
2 अगस्त 2017 तिरुमाला को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना पर मौद्रिक दंड लगाया गया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम,1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46(4) के साथ पठित धारा 47ए(1)(बी) के प्रावधानों द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तिरुमाला को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद, तेलंगाना पर भारतीय रिज़र्व बैंक के निम्नलिखित निदेशों और दिशानिर्देशों का उल्ल्घंन करने के लिए ₹ 2.00 लाख (रुपये दो लाख मात्र) का मौद्रिक दंड
अगस्त 02, 2017
तीसरा द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2017-18 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी), भारतीय रिज़र्व बैंक का संकल्प
2 अगस्त 2017 तीसरा द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2017-18 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी), भारतीय रिज़र्व बैंक का संकल्प मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज आयोजित अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टि आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) की नीति रेपो को 6.25 से 25 आधार अंक कम करके दर 6.00 प्रतिशत किया जाए। इसके परिणामस्वरूप चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत प्रतिवर्ती रेपो दर 5.75 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसए
2 अगस्त 2017 तीसरा द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2017-18 मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी), भारतीय रिज़र्व बैंक का संकल्प मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज आयोजित अपनी बैठक में वर्तमान और उभरती समष्टि आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर निर्णय लिया है कि: चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) की नीति रेपो को 6.25 से 25 आधार अंक कम करके दर 6.00 प्रतिशत किया जाए। इसके परिणामस्वरूप चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत प्रतिवर्ती रेपो दर 5.75 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसए
अगस्त 01, 2017
नगर सहकारी बैंक लिमिटेड, इटावा - पर आर्थिक दंड लगाया गया
1 अगस्त 2017 नगर सहकारी बैंक लिमिटेड, इटावा - पर आर्थिक दंड लगाया गया भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर लागू) की धारा 46 (4) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) और बैंककारी विनियमन अधिनियम (एएसीएस)1949 की धारा 26ए के उपबंधों के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के अनुदेशों/ केवाईसी दिशानिर्देशों /एएलएल उपायों का उल्लंघन करने पर नगर सहकारी बैंक लिमिटेड, इटावा पर ₹ 20,000/-(बीस हजार रूपए मात्र) का आर्थिक दंड लगा
1 अगस्त 2017 नगर सहकारी बैंक लिमिटेड, इटावा - पर आर्थिक दंड लगाया गया भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर लागू) की धारा 46 (4) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) और बैंककारी विनियमन अधिनियम (एएसीएस)1949 की धारा 26ए के उपबंधों के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के अनुदेशों/ केवाईसी दिशानिर्देशों /एएलएल उपायों का उल्लंघन करने पर नगर सहकारी बैंक लिमिटेड, इटावा पर ₹ 20,000/-(बीस हजार रूपए मात्र) का आर्थिक दंड लगा
जुलाई 31, 2017
बैंकिंग लोकपाल का वार्षिक सम्मेलन 2017 – 25 जुलाई 2017
31 जुलाई 2017 बैंकिंग लोकपाल का वार्षिक सम्मेलन 2017 – 25 जुलाई 2017 बैंकिंग लोकपाल का वार्षिक सम्मेलन 25 जुलाई 2017 को मुंबई में आयोजित किया गया। श्री एस.एस. मूंदड़ा, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। बैंकिंग लोकपाल के अतिरिक्त, इस सम्मेलन में एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, पीएनबी, भारतीय बैंक संघ (आईबीए), भारतीय बैंकिंग कोड और मानक बोर्ड (बीसीएसबीआई) के मुख्य कार्यपालक और भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित विनियामक और पर्यवेक्ष
31 जुलाई 2017 बैंकिंग लोकपाल का वार्षिक सम्मेलन 2017 – 25 जुलाई 2017 बैंकिंग लोकपाल का वार्षिक सम्मेलन 25 जुलाई 2017 को मुंबई में आयोजित किया गया। श्री एस.एस. मूंदड़ा, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। बैंकिंग लोकपाल के अतिरिक्त, इस सम्मेलन में एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, पीएनबी, भारतीय बैंक संघ (आईबीए), भारतीय बैंकिंग कोड और मानक बोर्ड (बीसीएसबीआई) के मुख्य कार्यपालक और भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित विनियामक और पर्यवेक्ष
जुलाई 31, 2017
भारतीय रिज़र्व बैंक ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर आर्थिक दंड लगाया
31 जुलाई 2017 भारतीय रिज़र्व बैंक ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर आर्थिक दंड लगाया भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 26 जुलाई 2017 को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अपने ग्राहक को जानिए (केवायसी) मानदंडों पर जारी दिशानिर्देशों का गैर-अनुपालन करने के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर ₹ 20 मिलियन का आर्थिक दंड लगाया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए कुछ दिशानिर्देशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 46 (4)(i) के साथ पठि
31 जुलाई 2017 भारतीय रिज़र्व बैंक ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर आर्थिक दंड लगाया भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 26 जुलाई 2017 को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अपने ग्राहक को जानिए (केवायसी) मानदंडों पर जारी दिशानिर्देशों का गैर-अनुपालन करने के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर ₹ 20 मिलियन का आर्थिक दंड लगाया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए कुछ दिशानिर्देशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 46 (4)(i) के साथ पठि
जुलाई 31, 2017
उप गवर्नरों का पोर्टफोलियो
31 जुलाई 2017 उप गवर्नरों का पोर्टफोलियो 31 जुलाई 2017 से उप गवर्नरों के पोर्टफोलियो का वितरण निम्नानुसार होगा: क्र.सं. नाम विभाग 1. श्री एन. विश्वनाथन 1. समन्वयन 2. बैंकिंग विनियमन विभाग (डीबीआर) 3. संचार विभाग (डीओसी) 4. सहकारी बैंकिंग विनियमन (डीसीबीआर) 5. गैर-बैंकिंग विनियमन विभाग (डीएनबीआर) 6. बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग (डीबीएस) 7. सहकारी बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग (डीसीबीएस) 8. गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग (डीएनबीएस) 9. निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइस
31 जुलाई 2017 उप गवर्नरों का पोर्टफोलियो 31 जुलाई 2017 से उप गवर्नरों के पोर्टफोलियो का वितरण निम्नानुसार होगा: क्र.सं. नाम विभाग 1. श्री एन. विश्वनाथन 1. समन्वयन 2. बैंकिंग विनियमन विभाग (डीबीआर) 3. संचार विभाग (डीओसी) 4. सहकारी बैंकिंग विनियमन (डीसीबीआर) 5. गैर-बैंकिंग विनियमन विभाग (डीएनबीआर) 6. बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग (डीबीएस) 7. सहकारी बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग (डीसीबीएस) 8. गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग (डीएनबीएस) 9. निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइस
जुलाई 31, 2017
भारतीय रिज़र्व बैंक ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर आर्थिक दंड लगाया
31 जुलाई 2017 भारतीय रिज़र्व बैंक ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर आर्थिक दंड लगाया भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 26 जुलाई 2017 को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अपने ग्राहक को जानिए (केवायसी) मानदंडों पर जारी दिशानिर्देशों का गैर-अनुपालन करने के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर ₹ 10 मिलियन का आर्थिक दंड लगाया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए कुछ दिशानिर्देशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 46 (4)(i) के साथ पठि
31 जुलाई 2017 भारतीय रिज़र्व बैंक ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर आर्थिक दंड लगाया भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 26 जुलाई 2017 को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अपने ग्राहक को जानिए (केवायसी) मानदंडों पर जारी दिशानिर्देशों का गैर-अनुपालन करने के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर ₹ 10 मिलियन का आर्थिक दंड लगाया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए कुछ दिशानिर्देशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 46 (4)(i) के साथ पठि
जुलाई 31, 2017
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दी सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र
31 जुलाई 2017 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दी सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र दी सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 अप्रैल 2014 के निदेश के माध्यम से 2 मई, 2014 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधी को 27 जनवरी, 2017 के आदेश के माध्यम से बढाया गया और ये निदेश 31 जुलाई 2017 तक समीक
31 जुलाई 2017 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35क के अंतर्गत निदेश – दी सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र दी सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 अप्रैल 2014 के निदेश के माध्यम से 2 मई, 2014 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधी को 27 जनवरी, 2017 के आदेश के माध्यम से बढाया गया और ये निदेश 31 जुलाई 2017 तक समीक
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: सितंबर 20, 2023