भारत में विदेशी मुद्रा के भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत : अप्रैल-दिसंबर 2006 - पृष्ठभूमि
30 मार्च 2007
भारत में विदेशी मुद्रा के भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत : अप्रैल-दिसंबर 2006 - पृष्ठभूमि
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआइ) ने अपने आर्थिक विश्लेषण और नीति विभाग (डीइएपी) द्वारा विदेशी मुद्रा के भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत के बारे में अप्रैल-नवंबर 2002 के दौरान किए गए अध्ययन के निष्कर्ष संबंधी प्रेस टिप्पणी 31 जनवरी 2003 को जारी की थी। उसके बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ‘विदेशी मुद्रा के भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत’ के बारे में नियमित रूप से प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से अद्यतन जानकारी जारी करता रहता है। वह जानकारी भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर उपलब्ध है।
अब अप्रैल-दिसंबर 2006 की अवधि के भुगतान संतुलन के आंकड़े उपलब्ध हैं। ये आँकड़े भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर 30 मार्च 2007 को जारी किए गए हैं।
विदेशी मुद्रा के भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत : अप्रैल-दिसंबर 2006
अप्रैल-दिसंबर 2006 के दौरान विदेशी मुद्रा के भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत के प्रमुख घटकों को निम्नलिखित सारणी में दर्शाया गया है :
सारणी 1: विदेशी मुद्रा के भंडार में अभिवृद्धि के स्रोत (बिलियन अमरीकी डॉलर)
मदें |
अप्रैल-दिसंबर 2006 |
अप्रैल-दिसंबर 2005 |
||
I. |
चालू खाता जमाशेष |
-11.8 |
-11.9 |
|
II. |
पूँजी खाता (निवल) (क से च) |
28.0 |
13.7 |
|
क |
विदेशी निवेश |
11.0 |
11.5 |
|
ख |
बैंकिंग पूँजी |
1.1 |
1.8 |
|
जिनमें से : अनिवासी भारतीयों के जमा |
3.2 |
1.1 |
||
ग |
अल्पाविध ऋण |
1.3 |
1.7 |
|
घ |
विदेशी सहायता |
0.9 |
1.1 |
|
V |
बाह्य वाणिज्यिक उधार |
9.1 |
-1.2 |
|
च |
पूँजी खाते की अन्य मदें |
4.6* |
-1.2 |
|
III. |
मूल्यांकन प्रभार |
9.4 |
-6.1 |
|
कुल (I+II+III) |
25.6 |
-4.3 |
* इसमें मुख्यतः 3.9 बिलियन अमरीकी डॉलर की ‘अन्य पूंजी’ (इसमें समाविष्ट हैं अग्रिम और विलंबित निर्यात प्राप्तियाँ, विदेश में रखी गई निधियाँ, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को भारत का अभिदान, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को कोटा भुगतान, शाखाओं / सहायक संस्थाओं की हानियों को पूरा करने के लिए किए गए प्रेषण और अन्यत्र शामिल न किए गए अन्य पूंजी लेनदेन) शामिल है।
अप्रैल-दिसंबर 2006 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि के मुख्य स्रोत विदेशी निवेश और बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) रहे हैं। अप्रैल-दिसंबर 2006 के दौरान भुगतान संतुलन आधार पर (मूल्यन प्रभाव को छोड़कर) विदेशी मुद्रा भंडार में अभिवृद्धि 16.2 बिलियन अमरीकी डॉलर थी। अप्रैल-दिसंबर 2006 के दौरान मूल्यन लाभ के कारण कुल भंडारों में 9.4 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई जो अमरीकी डॉलर की तुलना में प्रमुख मुद्राओं की मूल्य वृद्धि को प्रतिबिंबित करती है, जबकि पिछले वर्ष की तदनुरूपी अवधि के दौरान मूल्यन हानि 6.1 बिलियन अमरीकी डॉलर थी । 9.4 बिलियन अमरीकी डॉलर के मूल्यन लाभ को ध्यान में रखते हुए, अप्रैल-दिसंबर 2006-07 के दौरान विदेशी मुद्रा भंडारों में 25.6 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई (अप्रैल-दिसंबर 2005-06 के दौरान 4.3 बिलियन अमरीकी डॉलर की गिरावट हुई थी)।
अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2006-2007/1323
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