श्री सिद्धिविनायक नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, रायगड़ पर दण्ड लगाया गया
8 नवंबर 2012 श्री सिद्धिविनायक नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, रायगड़ पर दण्ड लगाया गया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46 (4) के साथ पठित धारा 47(ए)(1)(बी) के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रत्यायोजन करते हुए श्री सिद्धिविनायक नगरी सहकारी बैंक लिमिटेड, रायगड़ पर निदेशकों / उनके संबंधियों तथा उन फर्मों को जिसमें उनका हित है एकल पार्टी उधार जोखिम ऋण देने, धोखे से जमाराशियों का सृजन करने, एचओ खातों से जाली उधारों को ऋण खातों में डालना तथा देयताओं को कम दिखाना और केवाईसी मानदण्डों का अनुपालन नहीं करने एवं अपने ग्राहकों का जोखिम अनुरूप श्रेणीकरण करने में विफल होने के कारण भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों / दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए ₹1.00 लाख (एक लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दण्ड लगाया गया है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब में बैंक ने को लिखित उत्तर प्रेषित किया। मामले के तथ्यों तथा इस संबंध में बैंक से प्राप्त उत्तर पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुँचा है कि उक्त उल्लंघन साबित हो गया है और बैंक पर दण्ड लगाना आवश्यक हो गया। आर. आर. सिन्हा प्रेस प्रकाशनी : 2012-2013/786 |
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