बैंक ऋण का क्षेत्रवार नियोजन - मई 2012
29 जून 2012 बैंक ऋण का क्षेत्रवार नियोजन - मई 2012 चयनित 47 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से मासिक आधार पर संग्रह किए गए मई 2012 महीने के लिए सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा नियोजित कुल गैर-खाद्य ऋण के लगभग 95 प्रतिशत की गणना वाले ऋण के क्षेत्रवार नियोजन पर आंकड़े विवरण I और II में दिए गए हैं। ये ऑंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था पर सांख्यिकी की तत्काल पुस्तिका (http://dbie.rbi.org.in). पर भी उपलब्ध हैं। इन ऑंकड़ों की मुख्य-मुख्य बातें नीचे प्रस्तुत हैं :
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गैर-खाद्य बैंक ऋण में मई 2011 के 21.9 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में मई 2012 में 16.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
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कृषि के लिए ऋण में मई 2012 के दौरान 14.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो मई 2011 में वृद्धि से 12.8 प्रतिशत अधिक है।
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उद्योग के लिए ऋण में मई 2012 में 18.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो मई 2011 में 26.7 प्रतिशत से कम है। उद्योग के लिए ऋण वृद्धि में गिरावट मुख्यत: मूलभूत सुविधा और वस्त्रोद्योग के कारण हुई।
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सेवा क्षेत्र के लिए ऋण मई 2011 में 21.8 प्रतिशत की तुलना में मई 2012 में 15.7 प्रतिशत तक बढ़ा।
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गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में ऋण वृद्धि मई 2012 में 41.0 प्रतिशत हुई जो मई 2011 में 54.4 प्रतिशत से कम है।
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वाणिज्यिक भूसंपदा (सीआरई) क्षेत्र ऋण में मई 2012 के दौरान 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो मई 2011 में 19.9 प्रतिशत से कम है।
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वैयक्तिक ऋणों में मई 2011 में 17.7 प्रतिशत की तुलना में मई 2012 में 13.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
अजीत प्रसाद सहायक महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/2105 |