भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कराड अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर मौद्रिक दंड लगाया
1 दिसंबर 2020 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कराड अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने दिनांक 1 दिसंबर 2020 के आदेश द्वारा दि कराड अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचा के तहत रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए कुछ निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹10.00 लाख (दस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर प्रश्न उठाना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर सांविधिक निरीक्षण के रिपोर्ट से अन्य बातों के साथ-साथ यह पता चला कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन हुआ है। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उसे यह सूचित किया गया था कि वह कारण बताएं कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों का अनुपालन करने में विफल होने पर उस पर दंड क्यों नहीं लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के जवाब तथा व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान प्रस्तुत मौखिक प्रस्तुतियों की जांच पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के उक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाना अनिवार्य है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/707 |
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