रिज़र्व बैंक ने इचलकरंजी अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., इचलकरंजी, कोल्हापुर, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया
23 फरवरी 2010 रिज़र्व बैंक ने इचलकरंजी अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि इचलकरंजी अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., इचलकरंजी, कोल्हापुर, महाराष्ट्र के अर्थक्षम नहीं रह जाने और महाराष्ट्र सरकार के परामर्श से बैंक को पुनरुज्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में भारतीय रिज़र्व बैंक ने 11 फरवरी 2010 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निपेक्ष बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से सामान्य शर्तों और नियमों के अधीन 1,00,000 (एक लाख रुपये मात्र) रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है। 31 अक्तूबर 1987 को रिज़र्व बैंक ने सहकारी बैंक के रूप में कार्य करने के लिए बैंक को लाईसेंस प्रदान किया था। 31 मार्च 2006 की स्थिति के लिए बैंक के सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक कि आर्थिक स्थिति नाजुक है। उसके बाद 31 मार्च 2007 की स्थिति के लिए किए गए निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक की स्थिति अत्यधिक खराब हो गयी है। 31 मार्च 2008 की वित्तीय स्थिति के लिए बैंक के सांविधिक निरीक्षण के निष्कर्षो से यह पता चला कि बैंक की वित्तीय स्थिति और अधिक खराब हुई है। नकदी की समस्या के लिए बैंक के लेखों की 15 अप्रैल 2009 को संवीक्षा की गयी जिससे यह पता चला की बैंक की स्थिति अनिश्चित हो गयी है। अत: भारतीय रिज़र्व बैंक ने 20 अप्रैल 2009 के निदेश शबैंवि, केंका. एनएसबी.सं. डी 38 /12.22.082 / 2009 -10 के द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949(सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35 क के अंतर्गत उक्त बैंक को निदेश जारी किए गए जिसके द्वारा उसके बैंकिग परिचालनों पर प्रतिबंध लगाये गए थे। इसके बाद 31 मार्च 2009 की वित्तीय स्थिति के लिए किए गए निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक की स्थिति अत्यधिक खराब हो गयी है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 30 अक्तूबर 2009 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसमें यह कहा गया था कि उन्हें बैंकिंग कारोबार करने के लिए जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द किया जाए। कारण बताओ नोटिस पर बैंक द्वारा दिए गए उत्तर की जांच की गयी ।बैंक के पास पुनर्जीवन की कोई सक्षम कार्ययोजना नहीं थी। विलयन के लिए भी बैंक कोई प्रस्ताव नहीं दे पाया। अपेक्षित विनियामक निर्धारण प्राप्त करने के लिए सक्षम कार्य योजना के अभाव में बैंक का पुनर्जीवन किए जाने की कोई आशा नही थी। अत : भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से इचलकरंजी अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., इचलकरंजी, कोल्हापुर, महाराष्ट्र के जमाकर्ताओं को निपेक्ष बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में इचलकरंजी अर्बन को-आपरेटिव बैंक लि., इचलकरंजी, कोल्हापुर, महाराष्ट्र पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित बैंकिंग कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री पी.के.अरोड़ा, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है: डाक पता : शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, दूसरी मंज़िल, गारमेंट हाउस, मुंबई 400018; टेलीफोन नंबरः (022) 24939930-49 सीधी लाईन: (022)2493 5348; फैक्स नंबरः (022) 2493 5495; ई-मेल अजीत प्रसाद |
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