सितंबर 2011 के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला सं. 13
11 अक्टूबर 2011 सितंबर 2011 के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला सं. 13 भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर बिचित्रानंद सेठ द्वारा लिखित ''भारत में दीर्घावधि और अल्पावधि बचत-निवेश संबंध'' नामक वर्किंग पेपर जारी किया। बचत निवेश की रीढ़ की हड्डी होती है जहॉं अनुकूल समष्टि आर्थिक वातावरण और एक विकसित वित्तीय प्रणाली के साथ एक अर्थव्यवस्था में उच्च बचत से उच्च विकास होता है। इस पेपर में 1980 और 2008 के बीच की अवधि के लिए इगल ग्रेन्गर कन्टीग्रशन जॉंच का प्रयोग करते हुए भारत में सकल घरेलू बचत और निवेश तथा कंपनी क्षेत्र बचत और कंपनी क्षेत्र निवेश के बीच का अल्पावधि और दीर्घावधि संबंधों की जॉंच की गई है। अनुभवजन्य मूल्यांकन से पेपर का निष्कर्ष है कि सकल घरेलू बचत और निवेश के बीच सह संबंध है। इससे यह सिद्ध होता है कि घरेलू निवेश अधिकतर घरेलू बचत द्वारा वित्तपोषित होते हैं। अल्पावधि के मामले में घरेलू बचत में परिवर्तन होने से घरेलू निवेश पर प्रभाव पड़ता है। साथ ही, उनकी जॉंच यह दर्शाते हैं कि कंपनियॉं अपनी बचत, बचाकर रखी गई आय से करते हैं। अत: बचाकर रखी गई आय में घट-बढ़ होने पर अल्पावधि में उनकी बचत और निवेश में कमी आ सकती है। पेपर के निष्कर्षों के अनुसार भारत में पूँजी निर्माण को बढ़ाने के लिए परिवारों की बचत को प्रभावी दिशा देने के लिए वित्तीय प्रणाली को मज़बूत करने की आवश्यकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस वर्ष अप्रैल में ''भारतीय रिज़र्व बैंक कार्यकारी पेपर श्रृंखला (आरबीआइ-डब्ल्यूपी) शुरू की ताकि रिज़र्व बैंक के स्टाफ को अपने अनुसंधान अध्ययन को प्रस्तुत करने के लिए एक मंच मिले और जानकार अनुसंधानकर्ताओं से प्रतिसूचना प्राप्त हो सकें। आरबीआइ वर्किंग पेपर श्रृंखला सहित रिज़र्व बैंक के सभी अनुसंधान प्रकाशनों में व्यक्त विचार आवश्यक रूप से रिज़र्व बैंक के विचारों को नहीं दर्शाते हैं और इस प्रकार भारतीय रिज़र्व बैंक के विचारों के प्रतिनिधित्व के रूप में उनकी रिपोर्ट नहीं की जानी चाहिए। इन पेपरों पर प्रतिसूचना यदि है, तो उसे अनुसंधान अध्ययनों के संबंधित लेखकों को भेजी जा सकती है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/ 563 |
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: