भारतीय रिज़र्व बैंक पेपर सं. 1/2018 भारत में निर्गम के बाद प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) फर्मों का परिचालनात्मक कार्यनिष्पादन
6 मार्च 2018 भारतीय रिज़र्व बैंक पेपर सं. 1/2018 भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर “भारत में निर्गम के बाद प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) फर्मों का परिचालनात्मक कार्यनिष्पादनः पुनर्विचार” शीर्षक से वर्किंग पेपर उपलब्ध कराया है। यह पेपर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला के अंतर्गत अवधेश कुमार शुक्ला और तारा शंकर शाव द्वारा लिखा गया है। यह पेपर जांच करता है कि किस प्रकार प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) के बाद भारतीय फर्मों के परिचालनात्मक कार्यनिष्पादन में परिवर्तन आया। यह पाया गया है कि आईपीओ के बाद परिचालनात्मक कार्यनिष्पादन में कम नहीं होता है यदि लाभ जैसे कार्यनिष्पादन सूचक को परिसंपत्तियों (अर्थात परिसंपत्तियों पर प्रतिफल) की अपेक्षा बिक्री मात्रा (अर्थात बिक्री पर प्रतिफल) द्वारा सामान्यीकृत किया जाता है। ऐसे ही अन्य अध्ययनों में रिपोर्ट किए गए परिसंपत्ति पर प्रतिफल में विशिष्ट गिरावट से अलग इस अध्ययन में बिक्रियों पर स्थायी प्रतिफल पाया गया है। यह पेपर मिलान और सामान्यीकरण प्रयोजनों के लिए सही चरों की पसंद के महत्व पर प्रकाश डालता है। * रिज़र्व बैंक ने आरबीआई वर्किंग पेपर श्रृंखला की शुरुआत मार्च 2011 में की थी। ये पेपर रिज़र्व बैंक के स्टाफ सदस्यों द्वारा किए जा रहे अनुसंधान प्रस्तुत करते हैं और अभिमत प्राप्त करने और चर्चा के लिए इन्हें प्रसारित किया जाता है। इन पेपरों में व्यक्त विचार लेखकों के होते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक के नहीं होते हैं। अभिमत और टिप्पणियां कृपया लेखकों को भेजी जाएं। इन पेपरों के उद्धरण और उपयोग में इनके अनंतिम स्वरूप का ध्यान रखा जाए। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2017-2018/2369 |
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