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भारतीय रिज़र्व बैंक ने अक्टूबर 2015 का मासिक बुलेटिन जारी किया

10 अक्टूबर 2015

भारतीय रिज़र्व बैंक ने अक्टूबर 2015 का मासिक बुलेटिन जारी किया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपने मासिक बुलेटिन का अक्टूबर 2015 अंक जारी किया। इस बुलेटिन में वर्ष 2015-16 के लिए चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, मौद्रिक नीति रिपोर्ट-सितंबर 2015, शीर्ष प्रबंधन के भाषण और वर्तमान सांख्यिकी शामिल है। इस अंक में दो आलेख भी शामिल हैं जैसे (i) वर्ष 2014-15 के दौरान निजी कॉर्पोरेट कारोबारी क्षेत्र का कार्यनिष्पादन और (ii) गैर-सरकारी गैर-वित्तीय तथा निवेश (एनजीएनबीएफ एंड आई) कंपनियों का वर्ष 2013-14 के दौरान कार्यनिष्पादन।

1. वर्ष 2014-15 के दौरान निजी कॉर्पोरेट कारोबारी क्षेत्र का कार्यनिष्पादन

यह आलेख 2,925 सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) कंपनियों के संक्षिप्त वित्तीय परिणामों के आधार पर तैयार किया गया है। बिक्री, व्यय, वृद्धि और लाभ मार्जिनों में उभरती प्रवृत्तियों पर अंतर्दृष्टि डालने के अतिरिक्त यह आलेख आकार और प्रमुख उद्योग समूहों के आधार पर कार्यनिष्पादन का संक्षिप्त विश्लेषण उपलब्ध कराता है। व्याख्यात्मक टिप्पणियां और शब्दावली अंत में दिए गए हैं। व्याख्यात्मक टिप्पणियों में आंकड़ों के संकलन में अपनाई जाने वाली संक्षिप्त पद्धति निहित है।

मुख्य अंश:

बिक्री वृद्धि:

  • निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र (वर्ष-दर-वर्ष) की बिक्री वृद्धि में वर्ष 2014-15 में लगातार चौथे वर्ष नरमी रही। विनिर्माण क्षेत्र स्थिर हो गया और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बिक्री के मामले में तेजी से गिरावट आई।

  • मुख्य रूप से तेल की कीमतों में तेज गिरावट के कारण बिक्री वृद्धि में कमी आई।

  • पेट्रोलियम उत्पाद कंपनियों को छोड़कर कुल बिक्री वृद्धि में पांच वर्षों में पहली बार थोड़ा सुधार हुआ।

व्यय:

  • वर्ष 2014-15 के दौरान, अंतरराष्ट्रीय पण्य-वस्तुओं की कीमतें नीचे की ओर जा रही थी जिससे बिक्री अनुपात की तुलना में कच्चे माल की लागत कम हो रही थी।

  • परिणामस्वरूप, समग्र व्यय वृद्धि में तेज गिरावट देखी गई।

ब्याज, कर, अवमूल्यन और परिशोधन पूर्व अर्जन (ईबीआईटीडीए):

  • व्यय में कम वृद्धि के कारण वर्ष 2014-15 के दौरान ईबीआईटीडीए वृद्धि में सुधार हुआ।

  • ईबीआईटीडीए और गैर-सूचना प्रौद्योगिकी सेवा क्षेत्र की निवल लाभ वृद्धि के मामले में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

  • विनिर्माण और गैर-सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के ईबीआईटीडीए मार्जिन में सुधार हुआ किंतु सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के मार्जिन में थोड़ी गिरावट हुई।

उद्योग निष्पादन:

  • उच्च ब्याज भार तथा निवल लाभ में कमी के कारण वस्त्र और लोहा तथा इस्पात उद्योगों की जोखिम प्रोफाइल बदतर हो गई। प्रमुख उद्योगों में, सीमेंट, मोटर वाहन और मशीनरी ने सुधार के कमजोर संकेत दर्शाए।

तिमाही कार्यनिष्पादन:

  • पिछली आठ तिमाहियों में एकसमान कंपनियों के विश्लेषण ने बिक्री और निवल लाभ में कमी दर्शाई।

वर्ष 2014-15 के दौरान गैर-वित्तीय निजी कॉर्पोरेट कारोबार क्षेत्र के कार्यनिष्पादन से संबंधित आंकड़े पहले ही भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर 1 सितंबर 2015 की प्रेस प्रकाशनी सं. 552 के तहत जारी किए गए थे। (PressReleases.aspx?Id=26662 &Mode=0)

2. गैर-सरकारी गैर-वित्तीय तथा निवेश (एनजीएनबीएफ एंड आई) कंपनियों का वर्ष 2013-14 के दौरान कार्यनिष्पादन

यह आलेख 18,225 कंपनियों के लेखापरीक्षित वार्षिक लेखा आंकड़ों के आधार पर वर्ष 2013-14 के दौरान गैर-सरकारी गैर-वित्तीय और निवेश (एनजीएनबीएफ एंड आई) कंपनियों के कार्यनिष्पादन का विश्लेषण प्रस्तुत करता है। यह अध्ययन वर्ष 2011-12 से 2013-14 तक तीन वर्ष की अवधि की तुलनात्मक तस्वीर प्रस्तुत करता है।

प्रमुख निष्कर्ष:

  • मुख्य रूप से ब्याज आय में नरम वृद्धि के कारण वर्ष 2013-14 के दौरान वित्तीय आय की वृद्धि में कमी आई।

  • परिचालन लाभ में वृद्धि अर्थात अवमूल्यन और कर पूर्व अर्जन (ईबीडीटी) तथा निवल लाभ में वर्ष 2013-14 के दौरान काफी गिरावट आई। तथापि, परिचालनात्मक लाभ मार्जिन, आस्तियों पर प्रतिफल और शेयरधारकों की इक्विटी पर प्रतिफल में वर्ष 2013-14 में थोड़ी सी वृद्धि हुई। परिचालनात्मक लाभ मार्जिन, आस्तियों पर प्रतिफल और चिट फंड और म्यूचुअल फंड कंपनियों की इक्विटी पर प्रतिफल में पिछले तीन वर्षों (अर्थात् 2011-12 से 2013-14) में धीरे-धीरे गिरावट आई।

  • चयनित एनजीएनबीएफ एंड आई कंपनियों की कुल देयताओं में दीर्घावधि उधारों की हिस्सेदारी में वर्ष 2013-14 के दौरान वृद्धि हुई। शेयरधारकों की निधियों की हिस्सेदारी में पिछले तीन वर्षों की अवधि में धीरे-धीरे गिरावट होती रही।

  • आस्ति पक्ष पर, कुल आस्तियों में दीर्घावधि ऋण और अग्रिमों में वर्ष 2013-14 के दौरान सुधार हुआ। कुल आस्तियों में गैर-मौजूदा निवेशों की हिस्सेदारी में गिरावट हुई जबकि मौजूदा निवेश की हिस्सेदारी में वर्ष 2013-14 में थोड़ा सुधार हुआ।

  • एनजीएनबीएफ एंड आई कंपनियां अपने कारोबार विस्तार के लिए मुख्य रूप से बाह्य स्रोतों पर निर्भर रहीं। तथापि, निधियों के कुल स्रोतों में उनकी हिस्सेदारी वर्ष 2013-14 में थोड़ी कम हुई। ऋण वित्त के माध्यम से जुटाई गई निधियों (अल्पकालिक उधारों सहित) में वर्ष 2013-14 में थोड़ी कमी आई। चयनित एनजीएनबीएफ एंड आई कंपनियों ने अपने दीर्घकालिक ऋण पोर्टफोलियों के विस्तार के लिए मुख्यतः अपनी निधियों का उपयोग किया।

वर्ष 2013-14 के लिए गैर-सरकारी गैर-बैंकिंग वित्तीय और निवेश कंपनियों (एनजीएनबीएफ एंड आई) के कार्यनिष्पादन से संबंधित आंकड़े भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर 9 सितंबर 2015 की प्रेस प्रकाशनी सं. 625 के तहत जारी किए गए। /hi/web/rbi/-/press-releases/performance-of-non-government-non-banking-financial-and-investment-ngnbf-amp-i-companies-2013-14-data-release-34942

संगीता दास
निदेशक

प्रेस प्रकाशनी : 2015-2016/875

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