भारतीय रिज़र्व बैंक ने जारी की “अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा-राशि और ऋण की तिमाही सांख्यिकी – मार्च 2018”
31 मई 2018 भारतीय रिज़र्व बैंक ने जारी की “अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा-राशि और ऋण की तिमाही सांख्यिकी – मार्च 2018” आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने “अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) की जमा-राशि और ऋण पर तिमाही सांख्यिकी, मार्च 2018” नामक वेब प्रकाशन अपने भारतीय अर्थव्यवस्था पर डाटाबेस (डीबीआईई) नामक पोर्टल पर जारी किया (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3)। मूलभूत सांख्यिकी विवरणियाँ (बीएसआर-7) रिपोर्टिंग प्रणाली के अंतर्गत जमाराशियों के प्रकार से अलग-अलग आंकड़े और राज्य, जिला, केंद्र, जनसंख्या और बैंक-समूहों में वर्गीकृत कुल ऋण राशियों के आंकड़े क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) और लघु वित्त बैंक (एसएफबी) सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से प्राप्त से एकत्र किए जाते हैं। मुख्य बातें:
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दो तिमाहियों में गिरावट के बाद सकल जमा राशियों ने सभी जनसंख्या समूहों (ग्रामीण/ अर्ध-शहरी/ शहरी/ महानगरीय) में चौतरफा वृद्धि (वर्षानुवर्ष) दर्ज की; निजी बैंकों ने जमा राशियों में दुहरे अंकों की वृद्धि दर को बरकरार रखा।
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वर्ष 2017-18 के दौरान कम-लागत मूल्य वाले चालू और बचत खातों की भागीदारी में 1.1 प्रतिशत की वृद्धि हई।
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हालांकि बैंक ऋण वृद्धि (वर्षानुवर्ष) पिछली तिमाही की तुलना में मामूली रूप से कम रही, परंतु पिछले वर्ष की तुलना में 2017-18 के दौरान इसमें सुधार भी हुआ; निजी क्षेत्र के बैंक समूह ने अनुक्रमिक के साथ-साथ वार्षिक रूप से भी उच्चतम ऋण वृद्धि दर्ज की, जबकि यह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए कम रही।
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जनसंख्या समूहों में मेट्रोपोलिटन शहरों में आनेवाली शाखाओं/ कार्यालयों, जिनके पास बैंकिंग कारोबार का सर्वाधिक हिस्सा है, की जमा और ऋण की वृद्धि में न्यूनतम हिस्सेदारी रही।
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वर्ष 2017-18 के दौरान ऋणों की वृद्धि में सुधार के चलते ऋण-जमा अनुपात मार्च 2018 के अंत में बढ़कर 75.6 प्रतिशत हो गया जो कि एक वर्ष पूर्व 73.7 प्रतिशत था।
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आंध्र-प्रदेश, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना के लिए ऋण-जमा अनुपात 100 प्रतिशत से अधिक रहा।
अजीत प्रसाद सहायक परामर्शदाता प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/3143 |