रिज़र्व बैंक ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा निवेश के लिए संशोधित स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग अधिसूचित किया और टैप पर आवंटन खुला किया
24 मई 2019 रिज़र्व बैंक ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा निवेश के लिए संशोधित स्वैच्छिक भारतीय रिज़र्व बैंक ने 01 मार्च, 2019 को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा निवेश के लिए स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग की शुरुआत की। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा ऋण में निवेश की सीमाएं 11 मार्च - 30 अप्रैल 2019 के दौरान 'टैप पर' आवंटन के लिए पेश की गईं। प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर और सरकार के परामर्श से, बैंक ने अपने परिचालनगत लचीलेपन को बढ़ाने के लिए योजना में कुछ बदलाव किए हैं। संशोधित योजना को आज ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र संख्या 34 दिनांक 24 मई, 2019 द्वारा अधिसूचित किया गया है। संशोधित वीआरआर योजना निम्नलिखित विवरणों के अनुसार 27 मई, 2019 से आवंटन के लिए खुली होगी: - क. वीआरआर - कंबाइंड श्रेणी के तहत निवेश की सीमा 54,606.55 करोड़ होगी, तथा सरकारी प्रतिभूतियों और कॉर्पोरेट ऋण दोनों में निवेश की अनुमति होगी। ख. न्यूनतम प्रतिधारण अवधि तीन वर्ष होगी। इस अवधि के दौरान, एफपीआई भारत में आवंटित राशि का न्यूनतम 75% बनाए रखेगा। ग. निवेश सीमाएं ’टैप’ पर उपलब्ध होंगी और इन्हें पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर आवंटित किया जाएगा। घ. योजना के पूरी तरह से आवंटित हो जाने तक या 31 दिसंबर, 2019 तक, जो भी पहले हो, तक ‘टैप’ खुला रखा जाएगा। च. एफपीआई अपने संबंधित संरक्षकों के माध्यम से क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआइएल) में निवेश की सीमा के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। छ. सीसीआइएल आवेदन और आवंटन के परिचालन विवरण को अलग से सूचित करेगा। ज. 11 मार्च से 30 अप्रैल, 2019 के दौरान खुले रहने वाले टैप के तहत जिन एफपीआई को निवेश की सीमाएँ आवंटित की गईं हैं, वे अपने विवेक से अपने संबंधित संरक्षकों के माध्यम से सीसीआइएल को सूचना देते हुए अपने पूर्ण आवंटन को 'वीआरआर - कंबाइंड' में बदलने के लिए विकल्प चुन सकते हैं। इस तरह के रूपांतरण उपरोक्त पैरा (क) में दर्शाए गए 54,606.55 करोड़ रुपये की निवेश सीमा का उपयोग नहीं करेंगे। योगेश दयाल प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/2760 |
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