भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंटिग्रल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जयपुर पर दंड लगाया
09 जून 2015 भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंटिग्रल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जयपुर पर दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 46 (4) के साथ पठित धारा 47-ए (1)(बी) के उपबंधों के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी)/धन शोधन निवारण (एएमएल) से संबंधित निम्नलिखित दिशा-निर्देशों/निदेशों के उल्लंघन अर्थात (i) खातों में नकदी लेनदेन रिपोर्ट (सीटीआर)/संदेहास्पद (एसटीआर) अलर्ट रिपोर्ट जेनरेशन सुविधा के अभाव, (ii) खातों में जोखिम श्रेणीकरण की प्रणाली नहीं होने तथा शुरुआती सीमा तय नहीं करने, (iii) निदेशक से संबंधित खातों सहित वित्तीय आसूचना इकाई-भारत (एफआईयू- इंडिया) को नकदी लेनदेनों की सूचना प्रेषित नहीं करने तथा (iv) नकदी लेनदेनों की निगरानी नहीं करने पर इंटिग्रल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जयपुर पर ₹ 20.00 लाख (रुपए बीस लाख मात्र) का अर्थ दण्ड लगाया है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने उक्त बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसका बैंक ने लिखित उत्तर प्रस्तुत किया था एवं बैंक के संचालक मण्डल के सदस्य व्यक्तिश: उपस्थित भी हुए। बैंक के उत्तर की सावधानीपूर्वक जांच करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उल्लंघन साबित हो गए हैं तथा अर्थ दण्ड लगाना आवश्यक है। तदनुसार भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त बैंक पर अर्थ दण्ड लगाया है। संगीता दास प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/2602 |
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