भारतीय रिज़र्व बैंक ने अमानत को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, बंगलूरु पर जारी निदेशों की अवधि 04 जुलाई 2015 तक बढ़ाई
21 जनवरी 2015 भारतीय रिज़र्व बैंक ने अमानत को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, बंगलूरु भारतीय रिज़र्व बैंक ने अमानत को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, बंगलूरु को जारी किए गए निदेश समीक्षाधीन 5 जनवरी 2015 से 4 जुलाई 2015 तक और छह महीनों की अवधि के लिए बढ़ा दिए हैं। यह बैंक 5 अप्रैल 2013 से निदेशाधीन था। निदेशों के अनुसार 05 अप्रैल 2013 को कारोबार की समाप्ति से, अमानत को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, बंगलूरु भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्वानुमति लिए बिना, भारतीय रिज़र्व बैंक के 01 अप्रैल 2013 में अधिसूचित निदेशों के अलावा किसी भी ऋण और अग्रिम को मंजूर या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही, भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा से संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्य किसी रीति से उसका निपटान करेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते में या किसी भी अन्य जमा खाते में, कुल शेष में से प्रत्येक जमाकर्ता को ₹1,000/- (एक हज़ार रुपए मात्र) से अधिक राशि आहरित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निदेश 30 सितंबर 2013 के निर्देश के अनुसार 4 अप्रैल 2014 तक बढ़ा दिए गए थे, इन्हें 27 मार्च 2014 के निदेशानुसार और छह महीनों की अवधि के लिए बढ़ाया गया और फिर 23 सितंबर 2014 के निदेशानुसार 4 जनवरी 2015 तक बढ़ाया गया। ये निदेश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसाइटियों पर यथालागू) की धारा 35 क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लागू किए गए थे। निदेश की प्रतिलिपि इच्छुक जन सदस्यों के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। संगीता दास प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/1538 |
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