भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सीकेपी कॉ-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर जारी निदेशों की अवधि बढ़ाई
31 जनवरी 2017 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सीकेपी कॉ-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, दी सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 अप्रैल 2014 के निदेश के माध्यम से 2 मई 2014 की कारोबार की समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था। निदेशों की वैधता को समय समय पर बढाया गया और पिछली बार इन निदेशों की अवधी को समीक्षा के अधीन 28 जुलाई 2016 के आदेश के माध्यम से 31 जनवरी 2017 तक बढाया गया। आम जनता की जानकारी के लिए एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि उपर्युक्त निदेश की अवधी को दिनांक 27 जनवरी 2017 के संशोधित निदेश द्वारा 1 फरवरी 2017 से 31 जुलाई 2017 तक बढा दिया गया है जो समिक्षाधीन है और दिनांक 30 अप्रैल 2014 के निदेश में निम्नानुसार आंशिक संशोधन किए गए है: (i) बैंक को निम्नलिखित अतिरिक्त शर्तों के आधार पर मीयादी जमा के ज़रिए ऋण के समंजन की अनुमति दी जाती है कि यदि उधारकर्ता के ऋण करार में यह प्रावधान है कि विशिष्ट जमा खाते में उपलब्ध राशि (चाहे नाम जो भी हो) की सहायता से बैंक द्वारा उसके ऋण खाते का समायोजन किया जा सकता है, तो ऐसे समायोजन ऋण खाते में उपलब्ध बकाया शेष राशि के लिए किया जा सकता है:
(ii) बैंक को नियमित और जमानती सीसी खातों को मानक अग्रिम मानने की अनुमति है। यद्यपि, आहरण के प्रयोजनार्थ से सीसी खातों का नवीकरण करने की अनुमति नहीं है। संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम और शर्ते अपरिवर्तित रहेगी। उपरोक्त वैधता को सूचित करनेवाले दि. 27 जनवरी 2017 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर मे जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढाने या/ और संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है। अनिरुद्ध डी. जाधव प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/2040 |
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