भारतीय रिज़र्व बैंक ने संशोधित चलनिधि प्रबंध ढांचे की घोषणा की
22 अगस्त 2014 भारतीय रिज़र्व बैंक ने संशोधित चलनिधि प्रबंध ढांचे की घोषणा की 5 अगस्त 2014 को जारी तीसरे द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2014-15 के अनुसरण में रिज़र्व बैंक ने निर्णय लिया है कि विद्यमान चलनिधि व्यवस्था की समीक्षा की जाए। विद्यमान व्यवस्था के अंतर्गत दिन-प्रति-दिन चलनिधि जरूरतों की पूर्ति बैंकिंग प्रणाली की निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के 0.75 प्रतिशत के समतुल्य परिवर्तनीय दर 14-दिवसीय/7-दिवसीय रिपो नीलामियों के माध्यम से की जाती है जिसके संपूरक बैंक-वार एनडीटीएल के 0.25 प्रतिशत के समतुल्य दैनिक ओवरनाइट नियत दर (रिपो दर पर) रिपो और बैंक-वार बकाया पात्र निर्यात ऋण बिल (एनडीटीएल का लगभग 0.4 प्रतिशत) के 32 प्रतिशत के निर्यात ऋण पुनर्वित्त (रिपो दर पर) हैं। इसके अतिरिक्त रिज़र्व बैंक अप्रत्याशित अवरोधक कारकों से उत्पन्न अस्थायी चलनिधि दबावों का प्रबंध करने के लिए विभिन्न परिपक्वता के विशेष रिपो संचालित करता है। चलनिधि प्रबंध परिचालनों में लचीलापन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दृष्टि से 5 सितंबर 2014 (शुक्रवार) से चलनिधि प्रबंध के लिए एक संशोधित ढांचा नीचे वर्णित स्वरूप में लागू किया जा रहा है। संशोधित चलनिधि प्रबंध ढांचा
सारणी में निर्धारित ढांचे के अतिरिक्त रिज़र्व बैंक दिवस के दौरान किसी समय तेज़ी से बदलती हुई चलनिधि स्थितियों पर ध्यान रखते हुए अल्पकालीक सूचना पर विशेष परिवर्तनीय दर अल्पावधि मीयादी रिपो/प्रत्यावर्तनीय रिपो नीलामियां घोषित कर सकता है। इसके अतिरिक्त अवरोधक कारकों से उत्पन्न दिन-प्रति-दिन की चलनिधि जरूरतों के समाधान के अलावा रिज़र्व बैंक खुले बाजार परिचालनों (एनडीएस-ओएम प्लैटफार्म पर संचालित परिचालनों सहित) तथा विदेशी मुद्रा परिचालनों के माध्यम से अधिक स्थायी प्रकृति की चलनिधि गतिविधियों का प्रबंध भी करेगा। रिज़र्व बैंक जारी आधार पर संशोधित चलनिधि प्रबंध ढांचे के परिचालन की समीक्षा करेगा तथा आवश्यक समझे जाने पर अतिरिक्त संशोधन लागू करेगा।
अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/381 |
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: