भारतीय रिज़र्व बैंक ने मुद्रा दर अस्थिरता के समाधान के लिए उपायों की घोषणा की
15 जुलाई 2013 भारतीय रिज़र्व बैंक ने मुद्रा दर अस्थिरता के समाधान के लिए उपायों की घोषणा की अमेरिकी परिमाणात्मक सुविधा के धीरे-धीरे कम होने की संभावना की बाजार समझ से विशेषकर ऋण खंड से पोर्टफोलियो निवेश का बहिर्वाह शुरू हो गया है। इसके परिणामस्वरूप, पिछले छह सप्ताहों में रुपए का उल्लेखनीय रूप से अवमूल्यन हुआ है। भारत जैसे अधिक चालू खाता घाटे वाले देश उनके तुलनात्मक रूप से आशावान आर्थिक आधारों के बावजूद विशेषरूप से प्रभावित हुए हैं। मुद्रा दर दबाव इस बात का भी प्रमाण है कि विदेशी मुद्रा की तुलना में रुपए की मांग घरेलू चलनिधि स्थिति में सुधार होने के कारण आंशिक रूप से बढ़ गई है। इस पृष्ठभूमि और विदेशी मुद्रा बाजार में पुनः स्थायित्व हासिल करने की आवश्यकता के लिए निम्नलिखित उपायों की घोषणा की गई है:
रिज़र्व बैंक बाजारों, चलनिधि स्थिति और समष्टि आर्थिक गतिविधियों की ध्यानपूर्वक निगरानी करेगा और विकास-मुद्रास्फीति गतिशीलता और समष्टि आर्थिक स्थिरता के अनुरूप ऐसे आवश्यक अन्य कदम उठाएगा। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/100 |
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