वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही के दौरान निजी कॉर्पोरेट कारोबार क्षेत्र का कार्यनिष्पादन – आरबीआई के आंकड़ों का प्रकाशन
30 जून 2017 वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही के दौरान निजी कॉर्पोरेट कारोबार क्षेत्र का कार्यनिष्पादन – आरबीआई के आंकड़ों का प्रकाशन रिज़र्व बैंक सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनफ) कंपनियों के संक्षिप्त वित्तीय परिणामों के आधार पर आंकड़ों को संकलित कर जारी करता है। इस प्रकाशन का संबंध वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही के लिए 2,726 सूचीबद्ध एनजीएनएफ कंपनियों के संक्षिप्त वित्तीय परिणामों से है। वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही और वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही के आंकड़े भी तुलना करने के लिए सारणियों में प्रस्तुत किए गए हैं। इन आंकड़ों को https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=statistics#!2_42 पर प्राप्त किया जा सकता है। मुख्य-मुख्य बातें बिक्री
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वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र में समग्र बिक्री वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) में सुधार हुआ, इस क्षेत्र में लोहा और इस्पात तथा पेट्रोलियम उत्पादों और खनन एवं उत्खनन जैसे उद्योग प्रमुख है। जबकि सूचना और प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में बिक्री वृद्धि में गिरावट आई।
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तथापि, सेवा क्षेत्र की कंपनियों (आईटी को छोड़कर) की बिक्री वृद्धि में लगातार पिछली चार तिमाहियों में कमी जारी रही।
व्यय
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समग्र स्तर पर और विनिर्माण के लिए कच्चे माल के खर्च में पिछली तिमाही से तेजी से वृद्धि हुई है जबकि सेवा (आईटी को छोड़कर) क्षेत्र के लिए स्टाफ लागत उच्चतर दर पर बढ़ी।
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बिक्री के अनुपात में कच्चे माल की लागत विनिर्माण क्षेत्र के लिए थोड़ी सी बढ़ी जबकि सेवा (आईटी को छोड़कर) और आईटी क्षेत्रों के लिए बिक्री अनुपात की तुलना में स्टाफ लागत में बढ़ोतरी हुई।
परिचालन लाभ
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बिक्री वृद्धि में सुधार के बावजूद, कच्चे माल के व्यय में वृद्धि के कारण परिचालन लाभ वृद्धि में समग्र स्तर और विनिर्माण क्षेत्र के लिए काफी कमी आई।
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सेवा (आईटी को छोड़कर) क्षेत्र में कम होती बिक्री और व्यय में बड़ी वृद्धि के कारण परिचालन लाभ में कमी दर्ज की गई।
ब्याज
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वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में ब्याज व्यय में समग्र स्तर और विनिर्माण क्षेत्र में पिछले वर्ष की तुलना में गिरावट दर्ज की गई।
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विनिर्माण क्षेत्र के अंदर, मोटर वाहन और लोहा तथा इस्पात उद्योगों ने पिछली तिमाही की तुलना में ब्याज व्यय में कम वृद्धि देखी गई।
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सेवाओं (आईटी को छोड़कर) ब्याज कवरेज़ अनुपात में और गिरावट देखी गई।
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दूरसंचार उद्योग के लिए ब्याज कवरेज़ अनुपात वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में एक से कम रहा।
निवल लाभ
- दूर संचार उद्योग में हुई भारी हानि के कारण और अन्य/गैर-परिचालन आय से सहायता के अभाव में समग्र स्तर पर निवल लाभ में कमी देखी गई।
मूल्यनिर्धारण क्षमता
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सभी क्षेत्रों में परिचालन लाभ मार्जिन में गिरावट आई।
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दूरसंचार कंपनियों को छोड़कर दूरसंचार उद्योग के कारण सेवाओं (आईटी को छोड़कर) के लिए निवल लाभ मार्जिन नकारात्मक हो गया, सेवा (आईटी को छोड़कर) कंपनियों का निवल लाभ मार्जिन 5.4 प्रतिशत रहा।
जोस. जे. कट्टूर मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी: 2016-17/3538
सारणियों की सूची |
सारणी सं. |
शीर्षक |
1 |
क |
सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन |
वृद्धि दर |
ख |
चयनित अनुपात |
2 |
क |
सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन – क्षेत्र-वार |
वृद्धि दर |
ख |
चयनित अनुपात |
3 |
क |
चुकता पूंजी के आकार के अनुसार सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन |
वृद्धि दर |
ख |
चयनित अनुपात |
4 |
क |
बिक्री के आकार के अनुसार सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन |
वृद्धि दर |
ख |
चयनित अनुपात |
5 |
क |
उद्योग के अनुसार सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन |
वृद्धि दर |
ख |
चयनित अनुपात |
व्याख्यात्मक टिप्पणियां |
शब्दावली |
नोट:
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विभिन्न तिमाहियों में परिणामों की घोषणा की तारीख के आधार पर कंपनियों का कवरेज़ भिन्न-भिन्न है, तथापि इससे समग्र स्थिति में ज्यादा परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।
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₹ 500 करोड़ से अधिक मालियत वाली सूचीबद्ध कंपनियां और उनकी सहयोगी कंपनियां वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही से कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) के अधिदेश के अनुसार भारतीय लेखांकन मानकों में चली गई हैं। इस परिवर्तन का प्रभाव वृद्धि दर के मामले में समग्र स्तर पर मंद प्रतीत हो रहा है, हालांकि इसका अनुपातों पर प्रभाव नहीं हो सकता।
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‘व्याख्यात्मक टिप्पणियां’ जिनमें आंकड़ों के संकलन के लिए अपनाई जाने वाली संक्षिप्त पद्धति दी गई है और शब्दावली (संशोधित परिभाषा और परिकलन सहित जो पिछले प्रकाशनों से भिन्न हैं) को अंत में दिया गया है।
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