नेपाली नागरिक अब बैंकों के माध्यम से घर पर आसानी से रुपया भेज सकते हैं
5 मई 2008
नेपाली नागरिक अब बैंकों के माध्यम से घर पर आसानी से रुपया भेज सकते हैं
भारत में काम करनेवाले नेपाली नागरिक अब राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनइएफटी) प्रणाली का उपयोग करते हुए नेपाल में अपने परिवारों को निधियाँ विप्रेषित कर सकते हैं। बैंकों की 44,000 से अधिक शाखाएं जो भारत में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनइएफटी) प्रणाली में सहभागिता कर रही हैं यह विप्रेषण सुविधा उपलब्ध करा सकती हैं। भारत में रहनेवाले नेपाली नागरिक या तो एक चलते-फिरते ग्राहक के रूप में अथवा एक खाताधारक के रूप में 50,000 रुपए तक नेपाल में किसी हिताधिकारी को यह विप्रेषण कर सकते हैं। इस योजना में रियायती प्रभारों की परिकल्पना की गई है क्योंकि इसका लक्ष्य भारत में नेपाली मूल के प्रवासी गरीब मज़दूर हैं जो अपने सगे-संबंधियों को रुपया विप्रेषित कर सकते हैं। यह राशि भारतीय स्टेट बैंक की किसी पदनामित शाखा के पास जाएगी, वहाँ से इसे समेकित किया जाएगा और इसे भारतीय स्टेट बैंक, नेपाल को भेजा जाएगा जो बदले में हिताधिकारियों को विप्रेषण आगम का वितरण करेगा।
यह प्रणाली भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा "भारत और नेपाल के बीच मज़दूरों के विप्रेषण के तौर-तरीकों" पर गठित समिति (अध्यक्ष - डॉ. आर.बी.बर्मन, कार्यपालक निदेशक) की रिपोर्ट के अनुपालन के रूप में भारतीय रिज़र्व बैंक के निकट सहयोग से भारतीय स्टेट बैंक द्वारा विकसित की गई है।
भारत और नेपाल के बीच एक-तरफा निधि अंतरण व्यवस्था को आज परिचालित किया गया। इस प्रणाली का उद्घाटन रिज़र्व बैंक के कार्यपालक निदेशक डॉ. आर.बी.बर्मन द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक, नेपाल राष्ट्रीय बैंक, भारत में बड़े वाणिज्यिक बैंकों और नेपाल भारतीय स्टेट बैंक लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक ने इसकी शुरूआत दक्षिण एशिआई सहयोग संघ (एसएएआरसी) वित्त गतिविधियों के रूप में की।
बैंकों को परिचालित प्रक्रियात्मक दिशानिर्देश भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2007-2008/1464
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