बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के पठित धारा 35 ए के अंतर्गत निदेश की अवधि का विस्तार – शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र
27 अगस्त 2020 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 56 के पठित धारा शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, महाराष्ट्र को दिनांक 3 मई 2019 के निदेश सं.DCBS.CO.BSD-I/D-14/12.22.254/2018-19 के माध्यम से 4 मई 2019 की कारोबार समाप्ति से निदेशाधीन रखा गया था जिसकी वैधता समय-समय पर जारी किए गए निदेशों जिनमे अंतिम रूप से दिनांक 24 अप्रैल 2020 के निदेश सं.DOR.CO.AID.No.D-77/12.22.254/2019-20 के माध्यम से 4 अगस्त 2020 तक बढ़ाई गई थी। 2. जन साधारण के सूचनार्थ एतद्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के पठित धारा 35ए की उपधारा (1) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिनांक 3 मई 2019 के निदेश सं.DCBS.CO.BSD-I/D-14/12.22.254/2018-19 के माध्यम से शिवाजीराव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड, पुणे, को जो निदेश जारी किया था जिसको समय-समय पर संशोधित किया गया था और जिसकी वैधता अंतिम रूप से 4 अगस्त 2020 तक बढ़ाई गई थी, अब उक्त बैंक पर दिनांक 31 जुलाई 2020 के निदेश सं.DOR.CO.AID.No.D-10/12.22.254/2020-21 के माध्यम से 5 अगस्त 2020 से 4 अक्तूबर 2020 तक अगले दो महीनों के अवधि के लिए लागू रहेगी तथा ये निदेश समीक्षाधीन रहेंगे। 3. संदर्भाधीन निदेश के अन्य नियम और शर्ते अपरिवर्तित रहेंगी। 4. उपरोक्त वैधता को सूचित करने वाले दिनांक 31 जुलाई 2020 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर मे जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। 5. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढाने और/या संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/242 |
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