बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949, (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के अंतर्गत निदेश की अवधि को बढ़ाना- डॉ शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर यूसीबीएल, निलंगा, जिला लातूर
14 जून 2021 बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949, (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनहित में, डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर यूसीबीएल, निलंगा, जिला लातूर, महाराष्ट्र को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए 16 फरवरी 2019 को कारोबार की समाप्ति से निदेश जारी किए थे। इन निदेशों को समय-समय पर संशोधित किया गया था, जिसकी वैधता पिछली बार 14 जून 2021 तक बढ़ाई गई थी। ये निदेश बैंक पर 15 जून 2021 से 14 जुलाई 2021 तक और एक महीने की अवधि के लिए लागू रहेंगे, जो कि समीक्षाधीन होगा। उक्त निदेश जमाराशि की निकासी/स्वीकृति पर कुछ प्रतिबंध और/ या उच्चतम सीमा निर्धारित करते हैं। निदेश की प्रतिलिपि जनता के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर निदेशों में संशोधन पर विचार कर सकता है। निदेश जारी करने का यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/362 |
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