म्यूचुअल फंड /बीमा आदि उत्पादों का शहरी सहकारी बैंकों द्वारा विपणन /वितरण
आरबीआइ /2009-10/245 3 दिसंबर 2009 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय /महोदया म्यूचुअल फंड /बीमा आदि उत्पादों का शहरी सहकारी कृपया 18 अगस्त 2009 का हमारा परिपत्र सं.शबैंवि.बीपीडी.पीसीबी.परि.सं.9/09.11.200/2003-04 तथा 7 मई 2007 का परिपत्र सं.शबैंवि.बीपीडी.पीसीबी.परि.सं.42/09.11.200/2006-07 देखें जिसमें शहरी सहकारी बैंकें को निर्धारित शर्तो के अधीन कारपोरेट एजंट तथा /या संदर्भ व्यवस्था पर बिना जोखिम लिए बीमा कारोबार करने की अनुमति दी गयी थी । शहरी सहकारी बैंकों को यह सूचित किया गया है कि वे बैंकों के ग्राहको को पर्याप्त प्रकटीकरण तथा पारदर्शिता के साथ बीमा उत्पाद बेचे तथा बैंक द्वारा विपणन किए जा रहे किसी बीमा कंपनी के उत्पाद लेने के लिए ग्राहाकों को विवश न करें । ग्राहकों को अपनी पसंद का विकल्प चुनने की अनुमति देनी चाहिए। 2. 13 अप्रैल 2006 के परिपत्र शबैंवि.बीपीडी (पीसीबी) परि.सं.44 /09.18.100 /2005-06 के माध्यम से शहरी सहकारी बैंकों को एजंट के रूप में म्यूचुअल फंड के युनिट का विपणन करने के अनुमति दी गयी है । 3. ऊपर संदर्भित सभी गतिविधियों में यह संभावित है कि बैंक विभिन्न म्यूचुअल फंड /बीमा /वित्तीय कंपनियों के कई प्रतिस्पर्धी उत्पादों की अपने ग्राहकों को बिक्री /संदर्भ सेवाएं प्रदान करें । जिन ग्राहकों को उत्पाद बेचे या संदर्भित किए जा रहे हैं उनके हित में पारदर्शिता की आवश्यकता को देखते हुए अब यह निर्णय किया गया है कि बैंक अपने ग्राहकों को ऐसे कमीशन /अन्य शुल्क (किसी भी रूप में प्राप्त ) के ब्योरे बताएं जो उन्हें विभिन्न म्यूचुअल फंड /बीमा से उनके उत्पादों के विपणन /संदर्भ के लिए प्राप्त होते हैं । 4. उपर्युक्त अनुदेश तुरंत प्रभाव से लागू होंगे । भवदीय (ए.के. खौंड) |
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