मृत जमाकर्ताओं के संबंध में दावों का निपटान - प्रक्रिया का सरलीकरण – शहरी सहकारी बैंक
आरबीआई/2012-13/386 21 जनवरी 2013 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / प्रिय महोदय, मृत जमाकर्ताओं के संबंध में दावों का निपटान - कृपया उपर्युक्त विषय पर 14 जुलाई 2005 के हमारे परिपत्र शबैंवि. बीपीडी.परि सं.4/13.01.000 / 2005-06 का पैरा 2 देखें। शहरी सहकारी बैंकों को सूचित किया गया है कि उत्तरजीवी / नामिती की जमाखाते की शेष राशि तक पहूच होने की स्थिति में उत्तरजीवी (ओं) / मृत जमाकर्ता के नामिती को भुगतान करते समय, बैंकों को उत्तराधिकार प्रमाणपत्र, प्रशासन पत्र या प्रोबेट, आदि, प्रस्तुत करने के लिए जोर नहीं देना चाहिए या उत्तरजीवी (ओं) / नामिती से क्षतिपूर्ति बांड या ज़मानत नहीं लेनी चाहिए, चाहे मृत खाता धारक के खाते में कितनी भी राशि हो। उत्तरजीवी / नामिती खंड के बिना जमाखाते की शेष राशि तक पहूच के संदर्भ में, बैंकों को सूचित किया गया था कि अपनी जोखिम प्रबंधन प्रणाली को ध्यान में रखकर, मृतक जमाकर्ता के खाते की शेष राशि के लिए एक न्यूनतम सीमा निर्धारित करे ताकि मृत जमाकर्ताओं के खातों की जमा राशि के दावें, किसी भी अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने पर जोर दिए बिना केवल क्षतिपूर्ति पत्र पाप्त कर निपटाए जा सकते है। शहरी सहकारी बैंकों को यह भी सूचित किया गया था कि इसका व्यापक प्रचार करे तथा जमा खाता धारकों को इस संबंध में मार्गदर्शन करे। 2. हमारे ध्यान में लाया गया है कि शहरी सहकारी बैंकों की कुछ शाखाएं मृतक जमाकर्ताओं के संबंध में दावों के निपटान के लिए हमारे संदर्भित परिपत्र में निर्धारित सरलीकरण प्रक्रिया का पालन नहीं कर रहे है और नामितयों से क्षतिपूर्ति बांड / कानूनी अभ्यावेदन प्रस्तुत करने पर जोर दे रही है। इसलिए, हम सभी शहरी सहकारी बैंकों को, अपनी सभी शाखाओं को, विषय पर दिए गए निर्देशों का पालन करने के अनुदेश देने के लिए सूचित करते है ताकि जमाकर्ता की मृत्यु पर दावों का त्वरित और बिना किसी परेशानी से निपटान किया जा सकें। 3. कृपया हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को इस परिपत्र की प्राप्ति सूचना दें। भवदीय (ए.उदगाता) |
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