बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 24 – सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) का अनुरक्षण
भारिबैं/2014-15/162 5 अगस्त 2014 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/ महोदय, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 24 – कृपया उक्त विषय पर 5 जून 2014 का हमारा परिपत्र सं.शबैंवि.बीपीडी(पीसीबी).परि.सं.68/ 16.26.000/2013-14 देखें। 2. 5 अगस्त 2014 को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा तीसरा द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2014-15 में घोषित अनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि सभी शहरी सहकारी बैंकों के लिए सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) को उनकी निवल मांग और देयताओं (एनडीटीएल) के 22.50 प्रतिशत से घटाकर 22.00 प्रतिशत कर दिया जाए। ये अंक 9 अगस्त 2014 के आरंभ होने वाले पखवाड़े से लागू होंगे। 3. 5 अगस्त 2014 के संबंधित अधिसूचना सं. शबैंवि.बीपीडी.(पीसीबी) अधि सं 1/16.26.000/2014-15 की प्रतिलिपि संलग्न है। भवदीय, (ए.के.बेरा) संलग्नक: 1 शबैंवि.बीपीडी(पीसीबी).अधि. सं. 1/16.26.000/2014-15 5 अगस्त 2014 अधिसूचना बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) की धारा 56 के साथ पठित धारा 24 की उप धारा (2क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 5 जून 2014 की अधिसूचना सं.शबैंवि.बीपीडी(पीसीबी).अधि. सं.2/16.26.000/2013-14 के आंशिक संशोधन में भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा यह निर्दिष्ट करता है कि 9 अगस्त 2014 को आरंभ होने वाले पखवाड़े से प्रत्येक प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक उक्त अधिसूचना में दिये गये विवरण के अनुसार भारत में अस्तियां रखना जारी रखेगा, जिनका मूल्य दूसरे पूर्ववर्ती पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को किसी भी दिन कारोबार की समप्ति पर भारत में कुल निवल मांग और मीयादी देयताओं के 22.0 प्रतिशत से कम नहीं होगा। (एन एस विश्वनाथन) |
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