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जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन (डीलिंग्स): विदेशी मुद्रा (FCY) - भारतीय रुपया स्वैप्स

भा.रि.बैंक/2014-15/469
ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.78

13 फरवरी 2015

सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन (डीलिंग्स): विदेशी मुद्रा (FCY) - भारतीय रुपया स्वैप्स

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 25/आरबी-2000) तथा समय-समय पर यथासंशोधित 28 दिसंबर 2010 के ए.पी.(डी.आई.आर.सीरीज) परिपत्र सं. 32 की ओर आकृष्ट किया जाता है।

2. उपर्युक्त परिपत्र के संलग्नक में अंतर्विष्ट खंड "बी" के पैराग्राफ (1)(iv) के अनुसार, दीर्घावधि विदेशी मुद्रा उधार अथवा दीर्घावधि भारतीय रुपया उधार को विदेशी मुद्रा देयता में रूपांतरित करने से उत्पन्न होने वाले विनिमय दर जोखिम/ब्याज दर जोखिम को हेज करने के लिए, उसमें दिए गए परिचालानात्मक दिशानिर्देशों एवं शर्तों के तहत, पात्र निवासी विदेशी मुद्रा (FCY) – भारतीय रुपया स्वैप कांट्रैक्ट कर सकते हैं। मद सं.(ई) में दी गई शर्त के अनुसार, स्वैप लेनदेन एक बार रद्द किए जाने पर किसी भी प्रणाली, उसका नाम चाहे जो हो, के तहत फिर से बुक/ संविदाबद्ध नहीं किए जा सकते हैं।

3. विदेशी मुद्रा उधार लेने वाले निवासियों को इस बाबत अधिक लचीलापन प्रदान करने के उद्देश्य से, यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे मामलों में जहां अंतर्निहित (underlying) लेनदेन अब भी सक्रिय है, वहां स्वैप कांट्रैक्ट के रद्द किए जाने पर, ग्राहक को अंतनिर्हित लेनदेन हेज करने के लिए नया विदेशी मुद्रा (FCY) – भारतीय रुपया स्वैप कांट्रैक्ट करार करने की अनुमति, रद्द किए गए मूल स्वैप कांट्रैक्ट की अवधि के समाप्त होने पर, पुन: करार करने के लिए दी जा सकती है ताकि अंतर्निहित (underlying) लेनदेन को हेज किया जा सके। विदेशी मुद्रा (FCY) – भारतीय रुपया स्वैप कांट्रैक्ट को विनियमित करने वाले अन्य सभी परिचालनात्मक दिशानिर्देश एवं शर्तें, आदि अपरिवर्तित बने रहेंगे/बनी रहेंगी।

4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं ।

5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (FEMA), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं ।

भवदीया,

(डिम्पल भांडिया)
महाप्रबंधक

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