सरकारी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के लिए पेंशन का विकल्प पुन: खोलना तथा उपदान (ग्रेच्युटी) सीमाओं मे वृद्धि - विवेकपूर्ण विनियामक व्यवहार
आरबीआइ/2010-11/400 09 फरवरी 2011 सरकारी क्षेत्र के सभी बैंक महोदय सरकारी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के लिए पेंशन का विकल्प पुन: खोलना तथा उपदान (ग्रेच्युटी) सीमाओं मे वृद्धि - विवेकपूर्ण विनियामक व्यवहार सरकारी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के लिए पेंशन विकल्प पुन: खोलने तथा उपदान संदाय अधिनियम, 1972 में संशोधन के बाद उपदान सीमाओं में वृद्धि के परिणामस्वरूप बैंक एवं भारतीय बैंक संघ (आइबीए) ने इस स्थिति के कारण व्यय में हुई वृद्धि के परिशोधन के लिए हमसे संपर्क किया है । 2. पहले जिन कार्यरत कर्मचारियों ने पेंशन विकल्प नहीं चुना था उनके लिए पेंशन विकल्प पुन: खोलने तथा साथ ही उपदान सीमाओं में वृद्धि के कारण अतिरिक्त देयता का पूरा निर्धारण किया जाना चाहिए और वित्तीय वर्ष 2010-11 के लिए उस देयता को लाभ और हानि खाता में प्रभारित करना चाहिए । 3. तथापि, बैंकों ने कहा है कि इतनी बड़ी राशि को किसी एक वर्ष में खपाना उनके लिए कठिन होगा । हमने विनियामक दृष्टिकोण से इन मुद्दों की समीक्षा की है और यह निर्णय लिया गया है कि बैंक इस मामले में निम्नलिखित कार्रवाई कर सकते हैं :
4. इस संबंध में अपनायी गई लेखांकन नीति के संबंध में समुचित प्रकटीकरण वित्तीय विवरणों की लेखा पर टिप्पणी के अंतर्गत किया जाना चाहिए। 5. इस मामले की अपवादात्मक स्थिति को ध्यान में रखते हुए नए पेंशन विकल्प तथा उपदान में वृद्धि से संबंधित अपरिशोधित व्यय को टीयर 1 पूंजी से नहीं घटाया जाएगा । 6. बैंकों को अपनी पूंजी बढ़ाने की योजना बनाते समय उपर्युक्त 3(ख) को ध्यान में रखना चाहिए जिसमें बासल III अपेक्षाओं को भी समूचित रूप में शामिल किया जाना चाहिए (बासल III पर अलग से एक परिपत्र जारी किया जाएगा)। भवदीय (पी. आर. रवि मोहन) |
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