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चुनिंदा अखि‍ल भारतीय वि‍त्तीय संस्थाओं (एआइएफआइ) द्वारा अग्रि‍मों की पुनर्रचना पर वि‍वेकपूर्ण दि‍शानि‍र्देश :माइक्रो वि‍त्त संस्थाओं (एमएफआइ) को ऋण सहायता

आरबीआइ/2010-11/385
बैंपवि‍वि‍. एफआइडी. एफआइसी. सं. 10 /01.02.00/2010-11

25 जनवरी  2011
5 माघ 1932 (शक)

मुख्य कार्यपालक अधि‍कारी
चुनिंदा अखि‍ल भारतीय मीयादी ऋण तथा पुनर्वि‍त्त प्रदान करनेवाली संस्थाएं
(एक्जि‍म बैंक, नाबार्ड, एनएचबी और सि‍डबी)

महोदय

चुनिंदा अखि‍ल भारतीय वि‍त्तीय संस्थाओं (एआइएफआइ) द्वारा अग्रि‍मों की पुनर्रचना पर वि‍वेकपूर्ण दि‍शानि‍र्देश :माइक्रो वि‍त्त संस्थाओं (एमएफआइ) को ऋण सहायता

कृपया उपर्युक्त वि‍षय पर 14 अक्तूबर 2010 के हमारे पत्र बैंपवि‍वि‍. सं. एफआइडी. एफआइसी. 6/01.02.00/2010-11 के अनुक्रम में `माइक्रो वि‍त्त संस्थाओं को ऋण सहायता' पर अनुसूचि‍त वाणि‍ज्य बैंकों को जारी 19 जनवरी 2011 का संलग्न परि‍पत्र बैंपवि‍वि‍. सं. बीपी. सं. 74/21.04.132/2010-11 देखें । इस संबंध में यह सूचि‍त कि‍या जाता है कि‍ ये दि‍शानि‍र्देश यथोचि‍त परि‍वर्तनों के साथ चुनिंदा अखि‍ल भारतीय वि‍त्तीय संस्थाओं पर लागू होंगे ।

2. तथापि‍, सामान्यत: वि‍त्तीय संस्थाओं द्वारा कार्यशील पूंजी प्रदान करने, ओवरड्राफ्ट तथा वैयक्ति‍क ऋण देने, आदि‍ जैसे कति‍पय क्रि‍याकलाप नहीं कि‍ए जाते हैं । परि‍पत्र में ऐसे क्रि‍याकलापों से संबंधि‍त प्रावधान अखि‍ल भारतीय वि‍त्तीय संस्थाओं पर लागू नहीं होंगे ।

कृपया प्राप्ति‍ सूचना दें ।

भवदीय

(वि‍नय बैजल)
मुख्य महाप्रबंधक

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