मास्टर परिपत्र-"अपने ग्राहक को जानने (केवाईसी)" संबंधी दिशानिर्देश- धन शोधन निवारणमानदंड-धनशोधन निवारण अधिनियम, 2002- उनके अंतर्गत अधिसूचित नियमों के अनुसार गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के दायित्व
भारिबैं /2010-11/24 1 जुलाई 2010 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (एनबीएफसीज) महोदय, मास्टर परिपत्र-"अपने ग्राहक को जानने (केवाईसी)" संबंधी दिशानिर्देश- आपको ज्ञात होगा कि उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारतीय रिज़र्व बैंक विविध विषयों पर म्ाास्टर परिपत्र जारी करता है। इसी दृष्टिकोण से उल्लिखित विषय पर 30 जून 2010 तक अद्यतनीकृत मास्टर परिपत्र जारी किया जा रहा है। यह नोट किया जाए कि परिशिष्ट में सूचीबद्ध अधिसूचनाओं में अंतर्विष्ट सभी अनुदेश, जहाँ तक वे इस विषय से संबंधित हैं, मास्टर परिपत्र में समेकित एवं अद्यतन कर दिये गये हैं। मास्टर परिपत्र बैंक की वेब साइट (http://www.rbi.org.in). पर भी उपलब्ध है। संशोधित मास्टर परिपत्र की एक प्रति संलग्न है। भवन्निष्ठ (उमा सुब्रमणियम) |
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