निवासी व्यक्तियों के लिए उदारीकृत विप्रेषण योजना – स्पष्टीकरण
भारिबैंक/2014-15/171 11 अगस्त 2014 सभी श्रेणी - I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, निवासी व्यक्तियों के लिए उदारीकृत विप्रेषण योजना – स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - I बैंकों का ध्यान 17 जुलाई 2014 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.5 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि इस योजना का उपयोग भारत से बाहर अचल संपत्ति के अर्जन के लिए भी किया जा सकता है। 2. उपर्युक्त स्पष्टीकरण के मद्देनज़र, 4 सितम्बर 2013 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 32 (परिपत्र के अनुबंध के क्रमांक 4) में विनिर्दिष्ट कार्योत्तर (post facto) रिपोर्टिंग की अपेक्षा समाप्त कर दी गई है। 3. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं। भवदीय, (सी.डी.श्रीनिवासन) |
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