बैंकों द्वारा स्मार्ट काड़ जारी करना
बैंकों द्वारा स्मार्ट काड़ जारी करना
संदर्भ : बैंपविवि. सं. एफएससी. बीसी. 88 /24.01.011ए/2001-02
11 अप्रैल 2002
21 चैत्र 1924(शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
प्रिय महोदय,
बैंकों द्वारा स्मार्ट काड़ जारी करना
12 नवंबर 1999 के परिपत्र बैंपविवि.सं. एफएससी. बीसी. 123/24.01.019/99-2000 में निहित अनुदेशों (अनुबंध - I - मद 3 - ग्राहकों की पात्रता) के अनुसार बैंकों को अन्य बातों के साथ-साथ यह सूचित किया गया था कि वे अच्छी वित्तीय प्रतिष्ठा वाले तथा कम से कम पिछले छ: महीनों से संतोषजनक ढंग से खाते रखने वाले अपने ग्राहकों को स्मार्ट / डेबिट काड़ जारी करें ।
2. इसकी समीक्षा करने पर यह निर्णय किया गया है कि वे अच्छी वित्तीय प्रतिष्ठा वाले चुने हुए ग्राहकों को स्मार्ट काड़ (ऑन लाइन- ऑफ लाइन दोनों) जारी कर सकते हैं, भले ही उन्होंने बैंक के पास छ: महीनों से कम खाता रखा हो, परन्तु शर्त यह है कि उन्होंने 21 जून 1999 के परिपत्र सं. डीबीएस. एफजीवी. बीसी. 56/23.04.001/98-99 द्वारा बैंकों को भेजी गयी उच्च मूल्य की बैंक धोखाधड़ियों पर अध्ययन दल की रिपोर्ट के पैरा 9.2 में निर्दिष्ट ‘अपने ग्राहक को जानिए’ संकल्पना का अनुपालन सुनिश्चित किया हो । तथापि, डेबिट काड़ के ऑफ-लाइन कार्यकलाप शुरू करने वाले बैंकों को छ: महीनों के लिए संतोषजनक खाते रखने की न्यूनतम अवधि का पालन करना चाहिए ।
3. इसके परिणामस्वरूप, कृपया अनुदेश पुस्तिका, खंड I - भाग II के अध्याय 15 के पैराग्राफ 5.11 के अनुबंध - I की मद 3 में (30 जून 2000 तक अद्यतन की गयी) संलग्न स्लिप के अनुसार संशोधन करें ।
4. कृपया पावती दें ।
भवदीय
(सी. आर. मुरलीधरन )
मुख्य महा प्रबंधक
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