भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) – सरकारी मार्ग के तहत अनुमत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) योजना के तहत ईक्विटी शेयर जारी करना
भारिबैंक/2011-12/541 08 मई 2012 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) – सरकारी मार्ग के तहत अनुमत प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 30 जून 2011 के ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं. 74 और 09 दिसंबर 2011 के ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं. 55 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जो उसमें दर्शायी गयी शर्तों के अधीन पूँजीगत माल/मशीनरी/उपकरणों (पुरानी मशीनरी सहित) के आयात के परिवर्तन तथा परिचालनपूर्व/निगमनपूर्व व्यय (किराये के भुगतान, आदि सहित) द्वारा सरकारी मार्ग के तहत ईक्विटी शेयर/अधिमानी शेयर जारी करने के संबंध में हैं। 2. हरित (ग्रीन), स्वच्छ (क्लीन) और किफायती उर्जा खपत के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने वाली अत्याधुनिक प्रोद्योगिकी की मशीनों के प्रयोग को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से अब यह निर्णय लिया गया है कि आयातित पुरानी मशीनरी के परिवर्तन को इस उपबंध के दायरे से बाहर कर दिया जाए । 3. उल्लिखित ए.पी.(डीआइआर सीरीज) परिपत्रों में निहित सभी अन्य अनुदेश यथावत बने रहेंगे । 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों/ घटकों को अवगत करायें । 5. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी) में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जा रहे हैं । 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं । भवदीय, (रुद्र नारायण कर) |
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