रुपए में मूल्यवर्गीकृत व्यापार (Rupee Trade) को सुविधाजनक बनाना-अनिवासी कंपनियों (इंटिटीज़) को इसके लिए हेज करनेकी सुविधा देना
भारिबैं/2011-12/115 21 जुलाई 2011 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक महोदया/महोदय, रुपए में मूल्यवर्गीकृत व्यापार (Rupee Trade) को सुविधाजनक बनाना- प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव संविदाएं) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा/25/आरबी-2000), की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. वर्ष 2011-12 (पैरा 85) के लिए मौद्रिक नीति संबंधी वक्तब्य में यथाघोषित व्यापार (ट्रेड) संबंधी लेनदेनों में भारतीय रुपए के वृहत्तर प्रयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि अनिवासी आयातकों तथा निर्यातकों को भारतीय रुपए में इनवाइस किए गए भारत से निर्यात एवं भारत में आयात के लिए अपने मुद्रा जोखिमों को भारत में प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों के साथ, अनुबंध में दिए गए ब्योरे के अनुसार, हेज करने की अनुमति दी जाए। 3. 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा/25/आरबी-2000 [3 मई 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव संविदाएं) विनियमावली, 2000] में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किए जा रहे हैं। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की वियवस्तु अपने संबंधित घटकों/ ग्राहकों के ध्यान में लाएं। 5. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) तथा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं। भवदीया, [डा. (श्रीमती) सुजाता एलिजाबेथ प्रसाद] |
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: