रिजर्व बैंक ने साइबर सुरक्षा पर अंतर-अनुशासनात्मक स्थायी समिति स्थापित की
फरवरी 28, 2017 रिजर्व बैंक ने साइबर सुरक्षा पर अंतर-अनुशासनात्मक भारतीय रिजर्व बैंक ने अन्य बातों के साथ साथ मौजूदा / उभरते प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निहित खतरों की समीक्षा; विभिन्न सुरक्षा मानकों / प्रोटोकॉल को अपनाने संबंधी अध्ययन; हितधारकों के साथ इंटरफेस; और साइबर सुरक्षा और लचीलापन मजबूत करने के लिए उचित नीतिगत हस्तक्षेप संबंधी सुझाव देने के लिए साइबर सुरक्षा पर एक अंतर-अनुशासनात्मक स्थायी समिति का गठन किया है। स्थायी समिति की वर्तमान संरचना इस प्रकार है:
आगे, समिति इस क्षेत्र में और अधिक विशेषज्ञों के सहयोजन और यदि आवश्यक हो, तो विशिष्ट मुद्दों की जांच करने के लिए उप समितियों की रूपरेखा के माध्यम से परिचालन का विकल्प चुन सकती हैं। पृष्ठभूमि साइबर सुरक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी परीक्षा पर विशेषज्ञ पैनल (अध्यक्ष: श्रीमती मीना हेमचंद्र) की सिफारिशों के आधार पर रिजर्व बैंक ने 2 जून, 2016 को बैंकों को साइबर जोखिम के समाधान के लिए अनिवार्य रूप से साइबर सुरक्षा तैयारियों पर दिशा-निर्देश जारी किए थे । यद्यपि बैंकों ने अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, वहीं साइबर हमलों के विविध और चातुर्यपूर्ण स्वरूप को देखते हुए साइबर सुरक्षा के परिदृश्य की और उभरते खतरों की निरंतर समीक्षा जरूरी है। इसलिए, 8 फरवरी, 2017 को घोषित छठे द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2016-17 के साथ जारी किए गए, विकासात्मक और विनियामक नीति वक्तव्य में, साइबर सुरक्षा पर एक अंतर-अनुशासनात्मक स्थायी समिति के गठन का प्रस्ताव किया था। जोस जे. कट्टूर प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/2303 |
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