देशी जमा
I . देशी जमा
II. अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की जमाराशियाँ
III. अग्रिम
(i) क. टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद के लिए ऋण
ख. शेयरों और डिबेंचरों / बांडों की जमानत पर व्यक्तियों को ऋण
ग. प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र से इतर अन्य वैयक्तिक ऋण
घ. बैंक के पास रखी देशी / अनिवासी /विदेशी मुद्रा अनिवासी रुपया (बैंक) जमाराशियों की जमानत पर अग्रिम / ओवर ड्राफ्ट, बशर्ते उक्त जमाराशि (याँ) या तो उधारकर्ता / उधारकर्ताओं के अपने नाम (मों) पर हो /हों अथवा अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त रूप से उधारकर्ता के नामों पर हो /हों।
ड मध्यवर्ती एजेन्सियों (आवास संबंधी एजेन्सियों को छोड़कर)को दिया गया वित्त जो आगे अंतिम लाभार्थियों तथा निविष्टि आधार प्रदान करने वाली एजेन्सियों को उधार देती हैं।
च. अंतिम लाभार्थी को उधार देने के लिए आवास वित्त मध्यवर्ती एजेन्सियों को दिया गया वित्त
छ. बिलों की बट्टे पर भुनाई
ज. चयनात्मक ऋण नियंत्रण के अधीन पण्यों की जमानत पर ऋण /अग्रिम /नकदी ऋण/ ओवर ड्राफ्ट
(ii) |
मीयादी उधार देनेवाली संस्थाओं की ब्याज पुनर्वित्त पोषण योजनाओं में सहभागिता के अंतर्गत आनेवाले ऋण |
बैंक आधारभूत मूल उधार दर के संदर्भ के बगैर पुनर्वित्त पोषण करनेवाली एजेन्सियों की शर्तों के अनुसार दरें लगाने के लिए स्वंतत्र हैं। |
IV. शेयरों और डिबेंचरों की जमानत पर अग्रिम
V. दान
VI. परिसर ऋण
VII सेवा प्रभार
भारतीय बैंक संघ ने बैंकों द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं के लिए सेवा प्रभार निर्धारित करने की प्रथा बंद कर दी है। सितंबर 1999 से भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को यह स्वतंत्रता दी है कि वे अपने निदेशक मंडल के अनुमोदन से सेवा प्रभार निर्धारित कर सकते हैं।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 10, 2022