भारतीय रिज़र्व बैंक ने जारी किए मास ट्रैंजि़ट सिस्टम की पीपीआई (पीपीआई-एमटीएस) संबंधी अंतिम दिशानिर्देश
09 जुलाई 2015 भारतीय रिज़र्व बैंक ने जारी किए मास ट्रैंजि़ट सिस्टम की पीपीआई (पीपीआई-एमटीएस) भारतीय रिज़र्व बैंक ने मास टैंजिट सिस्टमों की अलग प्रकार की सेमी-क्लोज़्ड प्रीपैड भुगतान लिखतों के निर्गम को सुगम बनाने की दृष्टि से मास टैंजिट सिस्टम की प्रीपैड भुगतान लिखतों (पीपीआई-एमटीएस) से संबंधित दिशानिर्देश आज अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराए। पीपीआई-एमटीएस से कम्यूटर सुविधा बढ़ेगी और इससे कम-नकदी समाज की ओर आगे बढ़ने के देश के विज़न के अनुरूप इलेक्ट्रॉनिक भुगतानों के माइग्रेशन को साकार किया जा सकेगा। पीपीआई-एमटीएस का उपयोग मास टैंजिट सिस्टम व्यवस्था के अंतर्गत किया जा सकता है और इसकी न्यूनतम वैधता अवधि निर्गम तारीख से छह माह होगी। ऐसी पीपीआई रीलोडबल लिखतें होंगी, बशर्ते किसी भी काल-खंड में इसकी बकाया सीमा ₹ 2,000/- हो। ऐसी पीपीआई-एमटीएस लिखतों का उपयोग मास ट्रैंजि़ट सिस्टम को छोड़कर ऐसे अन्य व्यापारियों के पास किया जा सकता है जिनके कार्यकलाप ट्रैंजि़ट सिस्टम से संबद्ध हों या जिनके कार्यकलाप ट्रैंजि़ट सिस्टम के परिसर के अंदर होते हों। यह याद होगा कि रिज़र्व बैंक ने जनता की राय 15 जून 2015 तक भेजने के लिए “मास ट्रैंजि़ट सिस्टम की प्रीपैड भुगतान लिखतों (पीपीआई)” से संबंधित परिपत्र का मसौदा 28 मई 2015 को अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराया था। इस नए प्रकार की सेमी-क्लोज़्ड पीपीआई की शुरुआत विभिन्न समूहों, जैसे मेट्रो ट्रेन और सड़क परिवहन सेवाएं, से प्राप्त अनुरोधों को ध्यान में रखते हुए की गई है, जिससे यह पता चलता है कि कम्यूटर सुविधा को बढ़ाने की दृष्टि से इन समूहों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए पीपीआई ज़रूरी है। अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/87
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