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आदाता खाता चेक का संग्रह - चेकों की राशि को तृतीय पक्षकार (थर्ड पार्टी) के खाते में जमा करने पर प्रतिबंध

आरबीआई/2009-10/130
बैंपविवि.बीपी.बीसी.सं.32/21.01.001/2009-10 


27 अगस्त 2009
3 भाद्र 1931 (शक)

अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय

आदाता खाता चेक का संग्रह -
चेकों की राशि को तृतीय पक्षकार (थर्ड पार्टी) के खाते में जमा करने पर प्रतिबंध

कृपया 23 जनवरी 2006 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.बीपी.बीसी.सं.56/21.01.001/2005-06 देखें जिसके अनुसार बैंकों को मना किया गया था कि वे ’आदाता खाता’ चेकों को उनमें अंकित आदाता के नाम के सिवाय किसी दूसरे व्यक्ति के खाते में जमा न करें।

2. यह बात हमारे ध्यान में लाई गई है कि कुछ बैंक ऐसी सहकारी ऋण समितियों की ओर से तृतीय पक्षकार आदाता खाता चेकों का संग्रह कर रहे हैं जो उनके ग्राहक हैं। ’आदाता खाता’ के रूप में आरेखित चेकों का तृतीय पक्षकार खातों (सहकारी ऋण समितियां) के माध्यम से संग्रह करने की इस प्रथा को अनुमति नहीं दी जा सकती।

3. चेकों के संग्रह को भुगतान प्रणाली की दृष्टि से सुगम बनाने के लिए उप सदस्य के पास उनके ग्राहकों के खातों में क्रेडिट करने के लिए जमा आदाता खाता चेकों का संग्रह समाशोधन गृह के सदस्य बैंक (प्रायोजक बैंक के रूप में उल्लिखित) द्वारा किया जा सकता है। इस प्रकार की व्यवस्था में इस आशय की स्पष्ट वचनबद्धता होनी चाहिए कि वसूली होने के बाद आदाता खाता चेक की राशि केवल आदाता के खाते में जमा की जाएगी।

भवदीय

(बी.महापात्र)
मुख्य महाप्रबंधक

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