सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005
भारत सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (http://righttoinformation.gov.in/rti-actinhindi.pdf) बनाया है जो 12 अक्तूबर 2005 से लागू हो गया है। इस अधिनियम के अंतर्गत सूचना का अधिकार सार्वजनिक प्राधिकरणों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ाने के लिए इन प्राधिकरणों के नियंत्रण में रहने वाली सूचना तक भारतीय नागरिकों की पहुंचके लिए एक साधन है। इस अधिनियम की धारा 8 और 9 में सूचना की कतिपय श्रेणियां दी गयी है जिन्हें प्रकटीकरण से छूट दी गयी है। इस अधिनियम में एक मुख्य जनसूचना अधिकारी नियुक्त करने की व्यवस्था भी की गयी है जो सूचना के अनुरोधों का कार्य देखेगा।
इस अधिनियम के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक का दायित्व
भारतीय रिज़र्व बैंक एक सार्वजनिक प्राधिकरण है जैसा कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 में परिभाषित है। इस प्रकार, भारतीय रिज़र्व बैंक का यह दायित्व है कि वह जनसाधारण को सूचना उपलब्ध कराए।भारतीय रिज़र्व बैंक में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत पारदर्शिता अधिकारी के पदनाम


सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 19 (8) (ए) के तहत केंद्रीय सूचना आयोग को प्रदत्त शक्तियों के तहत सभी सार्वजनिक प्राधिकरणों को जारी केंद्रीय सूचना आयोग के दिनांक 15 नवंबर 2010 के निदेश के अनुसरण में पारदर्शिता अधिकारी का विवरण इस प्रकार हैं:
श्री सुब्रत दास प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
मानव संसाधन प्रबंध विभाग भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय केंद्रीय कार्यालय भवन (21वीं मंजिल) शहीद भगत सिंह मार्ग, फोर्ट मुंबई-400001
पात्र आवेदको को सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत जानकारी अधिनियम के प्रावधानों और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार प्रदान की जाएगी।
भारतीय रिज़र्व बैंक यदि यह समझता है कि कोई विशिष्ट जानकारी सामान्य जनता के हित की हो सकती है, तो सूचना का अधिकार, 2005 के अंतर्गत प्राप्त अनुरोधों की प्रतिक्रिया में जारी सभी जानकारी भी अपनी वेबसाइट पर प्रस्तुत करेगा।
आपके सुझाव
यदि आपको ऐसा लगता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा पहले जारी की गयी जानकारी के अलावा उसे और कोई जानकारी जारी करनी चाहिए तो कृपया अपने सुझाव ईमेल से प्रेषित करें। तथापि, यदि आपको तदर्थ आधार पर किसी विशिष्ट जानकारी की आवश्यकता हो, तो आप सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं। इस बात पर बल देना जरूरी है कि यह पद्धति केवल जानकारी प्राप्त करने के लिए निर्धारित की गयी है, न कि शिकायतें करने के लिए। भारतीय रिज़र्व बैंक के पास बैंकों और अपने स्वयं के विभागों के विरुद्ध शिकायतों के निवारण के लिए एक स्वतंत्र प्रणाली है।
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत आवेदन करना
भारतीय नागरिकों को सूचना का अधिकार अधिनिय, 2005 के अंतर्गत मांगी जाने वाली विशिष्ट जानकारी का स्पष्ट रूप से उल्लेख करते हुए सूचना के लिए लिखित अनुरोध करना होगा। अनुरोध आवेदन में संपर्क के विवरण (डाक पता, टेलीफोन संख्या, फैक्स संख्या, ई-मेल पता) दिये जाने होंगे ताकि स्पष्टीकरण या सूचना के लिए आवेदक से संपर्क किया जा सकता है। चूंकि अधिनियम के अनुसार, सूचना केवल भारतीय नागरिकों को दी जा सकती है आपको अपनी नागरिकता की स्थिति भी बतानी होगी। हमारे लिंक https://rtionline.gov.in/ ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी हमारे नागरिक अपना अनुरोध दायर कर सकते हैं। इस माध्यम से अनुरोधकर्ता को शुल्क का भुगतान भी ऑनलाइन ही करना होगा और उसे एक पंजीकरण नम्बर दिया जाएगा, ऑनलाइन आवेदनों की ट्रैकिंग भी की जा सकेगी।
भारतीय रिज़र्व बैंक को सूचना देने के लिए कितना समय लगेगा?
अनुरोधकर्ता से शुल्क के साथ सूचना प्राप्त करने के लिए आवेदन की प्राप्ति के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक 30 दिन के भीतर अनुरोधकर्ता को यह सूचित करेगा कि क्या वह सूचना दे सकता है या नहीं दे सकता।
क्या भारतीय रिज़र्व बैंक मुझे सूचना देने से इन्कार कर सकता है?
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 8 और 9 सूचना की कतिपय श्रेणियों को प्रकटीकरण से छूट देती है। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं -
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ऐसी सूचना, जिसके प्रकटीकरण से भारत की प्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, रणनीतिगत, वैज्ञानिक या आर्थिक हित, विदेशी राज्य के साथ संबंध प्रतिकूलत: प्रभावित होंगे या किसी अपराध के लिए उत्तेजन मिलेगी।
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ऐसी सूचना, जिसे किसी न्यायालय या अधिकरण द्वारा प्रकाशित करने के लिए स्पष्ट रूप से मना कर दिया गया है या ऐसी किसी बात का प्रकटीकरण जिससे न्यायालय का अवमान हो सकता हो। ऐसी सूचना, जिसके प्रकटीकरण से संसद या राज्य विधान मण्डल के विशेषाधिकार का उल्लंघन होता हो।
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वाणिज्यिक गोपनीयता, व्यापारिक गोपनीयता या बौद्धिक संपदा सहित ऐसी सूचना जिसे प्रकट करने से अन्य व्यक्ति की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति को हानि पहुंच सकती है, जब तक सक्षम प्राधिकारी इस बात से संतुष्ट न हो कि इस तरह की सूचना का प्रकटीकरण अधिकांश जनता के हित में है।
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किसी व्यक्ति को उसके विश्वास्थ संबंधों से उपलब्ध सूचना, जब तक सक्षम प्राधिकारी इस बात से संतुष्ट न हो कि इस तरह की सूचना का प्रकटीकरण अधिकांश जनता के हित में है।
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विदेशी सरकार से गोपनीय रूप से प्राप्त सूचना, ऐसी सूचना जिसके प्रकटीकरण से किसी व्यक्ति के जीवित को या शारीरिक सुरक्षा को खतरा पहुंच सकता हो या कानून लागू करने या सुरक्षा प्रयोजनों के लिए गोपनीय रूप से दिये गये सूचना स्रोत या सहायता की पहचान कराता हो।
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ऐसी सूचना को छानबीन या गिरफ्तारी या मुज़रिम या मुक़दमा चलाने की प्रक्रिया में बाधा डालेगी।
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मंत्रिमण्डल के कागज़ात, जिसमें मंत्री, सचिव और अन्य अधिकारी परिषद की चर्चाओं के अभिलेखों का समावेश हो। वैयक्तिक जानकारी से संबंधित ऐसी सूचना जिसके प्रकटीकरण का किसी सार्वजनिक गतिविधि या हित से कोई संबंध नहीं है, या जिसके कारण व्यक्तिगत गोपनीयता को अवांछित क्षति पहुंचती हो।
क्या मुझे अपील करने का अधिकार है?
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत यदि आप रिज़र्व बैंक द्वारा दी गयी सूचना या आपके द्वारा अनुरोध की गयी सूचना न देने के उसके निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं, तो आपको अपील करने का अधिकार है।
मुझे अपनी अपील किसे भेजनी होगी?
आप अपनी अपील निम्नलिखित को संबोधित कर सकते हैं
1) श्री राधा श्याम रथ
कार्यपालक निदेशक
(प्रथम अपीलीय प्राधिकारी)
भारतीय रिज़र्व बैंक
केंद्रीय कार्यालय भवन
शहीद भगत सिंह मार्ग,
मुंबई-400 001.
2) श्री विवेक दीप
कार्यपालक निदेशक
(वैकल्पिक अपीलीय प्राधिकारी)
भारतीय रिज़र्व बैंक
केंद्रीय कार्यालय भवन
शहीद भगत सिंह मार्ग,
मुंबई-400 001.
नागरिक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से https://rtionline.gov.in लिंक को एक्सेस कर प्रस्तुत किए गए आरटीआई अनुरोध के लिए अपनी पहली अपील प्रस्तुत कर सकते हैं और पहली अपील प्रस्तुत करने पर अनुरोधकर्ता को एक पंजीकरण संख्या प्राप्त होती है और वह अपनी अपील की स्थिति का पता लगा सकता है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: मई 23, 2022