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भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट
वापस लिए गए परिपत्रों
जनवरी 07, 2011
वापस लिया गया w.e.f. 16/11/2021
तालिबान/अल-कायदा संगठन से संबंधित यूएनएससीआर 1267(1999) तथा 1822 (2008) के अंतर्गत आतंकवादी व्यक्तियों/संस्थाओं की सूची
आरबीआइ/2010-11/362 भुनिप्रवि केंका.एडी.सं. 1568/02.27.005/2010-11 07 जनवरी 2011 भुगतान एवं निपटान अधिनियम, 2007 के अंतर्गत प्राधिकृत सभी भुगतान प्रणाली ऑपरेटर महोदय तालिबान/अल-कायदा संगठन से संबंधित यूएनएससीआर 1267(1999)तथा 1822 (2008) के अंतर्गत आतंकवादी व्यक्तियों/संस्थाओं की सूची हमें भारत सरकार (विदेश मंत्रालय) के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति के अध्यक्ष की निम्नलिखित टिप्पणों की प्रतिलिपियां प्राप्त हुई हैं, जिसमें अल-कायदा और तालिबान से
आरबीआइ/2010-11/362 भुनिप्रवि केंका.एडी.सं. 1568/02.27.005/2010-11 07 जनवरी 2011 भुगतान एवं निपटान अधिनियम, 2007 के अंतर्गत प्राधिकृत सभी भुगतान प्रणाली ऑपरेटर महोदय तालिबान/अल-कायदा संगठन से संबंधित यूएनएससीआर 1267(1999)तथा 1822 (2008) के अंतर्गत आतंकवादी व्यक्तियों/संस्थाओं की सूची हमें भारत सरकार (विदेश मंत्रालय) के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति के अध्यक्ष की निम्नलिखित टिप्पणों की प्रतिलिपियां प्राप्त हुई हैं, जिसमें अल-कायदा और तालिबान से
जनवरी 04, 2011
वापस लिया गया w.e.f. 16/11/2021
शीघ्र समाशोधन (स्पीड क्लीयरिंग) का दायरा बढ़ाना
आरबीआइ/2010-11/352 डीपीएसएस.सीओ.सीएचडी.सं. 1514/03.01.03/2010-2011 4 जनवरी 2011 अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक /मुख्य कार्यपालक अधिकारी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक/ शहरी सहकारी बैंक/ राज्य सहकारी बैंक/ जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक महोदया / प्रिय महोदय, शीघ्र समाशोधन (स्पीड क्लीयरिंग) का दायरा बढ़ाना शीघ्र समाशोधन (स्पीड क्लीयरिंग) के अनुपालन से संबंधित क्रमश : दिनांक 5 मई, 2008 एवं दिनांक 22 सितम्बर 2008 के हमारे परिपत्र डीपीएसएस.सीओ.1808/0
आरबीआइ/2010-11/352 डीपीएसएस.सीओ.सीएचडी.सं. 1514/03.01.03/2010-2011 4 जनवरी 2011 अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक /मुख्य कार्यपालक अधिकारी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक/ शहरी सहकारी बैंक/ राज्य सहकारी बैंक/ जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक महोदया / प्रिय महोदय, शीघ्र समाशोधन (स्पीड क्लीयरिंग) का दायरा बढ़ाना शीघ्र समाशोधन (स्पीड क्लीयरिंग) के अनुपालन से संबंधित क्रमश : दिनांक 5 मई, 2008 एवं दिनांक 22 सितम्बर 2008 के हमारे परिपत्र डीपीएसएस.सीओ.1808/0
दिसंबर 15, 2010
वापस लिया गया w.e.f. 13/05/2022
स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना – समूह जीवन बीमा योजना
आरबीआई/2010-2011/314 ग्राआऋवि.जीएसएसडी.बीसी.सं. 30/09.01.01/2010-11 15 दिसंबर 2010 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशकसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय, स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना – समूह जीवन बीमा योजना कृपया प्राथमिकता क्षेत्रों को ऋण –विशेष कार्यक्रम – स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के संबंध में 1 जुलाई 2010 के हमारे मास्टर परिपत्र आरबीआई/2010-11-56 ग्राआऋवि. एसपी.बीसी.सं.7/09.01.01/2010-11 का पैरा 9 और भारत सरकार द्वारा जारी स्वर्णजयंत
आरबीआई/2010-2011/314 ग्राआऋवि.जीएसएसडी.बीसी.सं. 30/09.01.01/2010-11 15 दिसंबर 2010 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशकसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय, स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना – समूह जीवन बीमा योजना कृपया प्राथमिकता क्षेत्रों को ऋण –विशेष कार्यक्रम – स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के संबंध में 1 जुलाई 2010 के हमारे मास्टर परिपत्र आरबीआई/2010-11-56 ग्राआऋवि. एसपी.बीसी.सं.7/09.01.01/2010-11 का पैरा 9 और भारत सरकार द्वारा जारी स्वर्णजयंत
दिसंबर 08, 2010
वापस लिया गया w.e.f. 13/05/2022
इकाइयों का स्वामित्व – एक ही स्वामित्व के अंतर्गत दो या उससे अधिक उपक्रम – इकाई की स्थिति
आरबीआई /2010-11/305 ग्राआऋवि.एसएमई.एवं एनएफएस.बीसी.सं. 35 /06.02.31(पी)/2010-11 6 दिसंबर 2010 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशकसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को छोड़कर) महोदया / महोदय, इकाइयों का स्वामित्व – एक ही स्वामित्व के अंतर्गत दो या उससे अधिक उपक्रम – इकाई की स्थिति कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 22 नवंबर 1993 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. सं. पीएलएनएफएस. सं.बीसी.67/06.03.01/93-94 (प्रतिलिपि संलग्न) देखें जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि वे इकाइयों क
आरबीआई /2010-11/305 ग्राआऋवि.एसएमई.एवं एनएफएस.बीसी.सं. 35 /06.02.31(पी)/2010-11 6 दिसंबर 2010 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशकसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को छोड़कर) महोदया / महोदय, इकाइयों का स्वामित्व – एक ही स्वामित्व के अंतर्गत दो या उससे अधिक उपक्रम – इकाई की स्थिति कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 22 नवंबर 1993 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि. सं. पीएलएनएफएस. सं.बीसी.67/06.03.01/93-94 (प्रतिलिपि संलग्न) देखें जिसमें बैंकों को सूचित किया गया था कि वे इकाइयों क
नवंबर 12, 2010
वापस लिया गया w.e.f. 16/11/2021
सी एफ एम एस प्रणाली का विन्डोज 2008 में अपग्रेडेशन
आरबीआई/2010/273 भु.नि.प्र.वि.(केका) आरटीजीएस सं.1065/04.08.002/2010-11 12 नवंबर 2010 सी एफ एम एस के सभी सदस्य महोदय, सी एफ एम एस प्रणाली का विन्डोज 2008 में अपग्रेडेशन आपको ज्ञात ही है कि सी एफ एम एस प्रणाली इस समय आईबीएम वेब स्फीयर एमक्यू सीरीज 5.3 के साथ विन्डोज 2008 एडवांस्ड सर्वर पर चल रहा है। 2. सी एफ एम एस प्रणाली को अद्यतन उपलब्ध संस्करण अर्थात माइक्रोसॉफ्ट विन्डोज 2008 इंटरप्राइज एडीशन तथा आईबीएम वेब स्फीयर एमक्यू सीरीज 7.0 में अपग्रड करने का निर्णय लिया गया ह
आरबीआई/2010/273 भु.नि.प्र.वि.(केका) आरटीजीएस सं.1065/04.08.002/2010-11 12 नवंबर 2010 सी एफ एम एस के सभी सदस्य महोदय, सी एफ एम एस प्रणाली का विन्डोज 2008 में अपग्रेडेशन आपको ज्ञात ही है कि सी एफ एम एस प्रणाली इस समय आईबीएम वेब स्फीयर एमक्यू सीरीज 5.3 के साथ विन्डोज 2008 एडवांस्ड सर्वर पर चल रहा है। 2. सी एफ एम एस प्रणाली को अद्यतन उपलब्ध संस्करण अर्थात माइक्रोसॉफ्ट विन्डोज 2008 इंटरप्राइज एडीशन तथा आईबीएम वेब स्फीयर एमक्यू सीरीज 7.0 में अपग्रड करने का निर्णय लिया गया ह
नवंबर 09, 2010
वापस लिया गया w.e.f. 16/11/2021
भारत में इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण अवसंरचना – आरटीजीएस और एनईएफटी का प्रयोग
आरबीआई/2010-11/265 डीपीएसएस(केका) आरटीजीएस.सं.1051/04.04.002/2010-2011 9 नवम्बर 2010 आरटीजीएस और एनईएफटी में सहभागी सभी बैंकों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / प्रिय महोदय, भारत में इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण अवसंरचना – आरटीजीएस और एनईएफटी का प्रयोग कृपया उपयुक्त विषय पर हमारे परिपत्र डीपीएसएस (केका) आरटीजीएस. सं1008/04.04.002/2010-2011 दिनांक 3 नवम्बर 2010 का अवलोकन कीजिए। 2. सहभागी सदस्य बैंकों से प्राप्त अनुरोधों के आधार पर यह स्
आरबीआई/2010-11/265 डीपीएसएस(केका) आरटीजीएस.सं.1051/04.04.002/2010-2011 9 नवम्बर 2010 आरटीजीएस और एनईएफटी में सहभागी सभी बैंकों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / प्रिय महोदय, भारत में इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण अवसंरचना – आरटीजीएस और एनईएफटी का प्रयोग कृपया उपयुक्त विषय पर हमारे परिपत्र डीपीएसएस (केका) आरटीजीएस. सं1008/04.04.002/2010-2011 दिनांक 3 नवम्बर 2010 का अवलोकन कीजिए। 2. सहभागी सदस्य बैंकों से प्राप्त अनुरोधों के आधार पर यह स्
नवंबर 03, 2010
वापस लिया गया w.e.f. 16/11/2021
भारत में इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण अवसंरचना – आरटीजीएस और एनईएफटी का प्रयोग
आरबीआई/2010-11/259 डीपीएसएस(केका) आरटीजीएस.सं.1008/04.04.002/2010-2011 03 नवम्बर 2010 आरटीजीएस और एनईएफटी में सहभागी सभी बैंकों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / प्रिय महोदय, भारत में इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण अवसंरचना – आरटीजीएस और एनईएफटी का प्रयोग कृपया हमारे पहले के परिपत्रों डीपीएसएस(केका) आरटीजीएस.सं.729/04.04.002/2006–2007 दिनांक 1 दिसम्बर 2006 (जिसमें आरटीजीएस में ग्राहक लेनदेनों के लिए मूल्यगत सीमा को रु.1 लाख किया गया) और डीप
आरबीआई/2010-11/259 डीपीएसएस(केका) आरटीजीएस.सं.1008/04.04.002/2010-2011 03 नवम्बर 2010 आरटीजीएस और एनईएफटी में सहभागी सभी बैंकों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / प्रिय महोदय, भारत में इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण अवसंरचना – आरटीजीएस और एनईएफटी का प्रयोग कृपया हमारे पहले के परिपत्रों डीपीएसएस(केका) आरटीजीएस.सं.729/04.04.002/2006–2007 दिनांक 1 दिसम्बर 2006 (जिसमें आरटीजीएस में ग्राहक लेनदेनों के लिए मूल्यगत सीमा को रु.1 लाख किया गया) और डीप
सितंबर 15, 2010
वापस लिया गया w.e.f. 16/11/2021
धनशोधन निवारन का दूसरा संशोधन नियमावली, 2010 – भुगतान प्रणाली संचालित करने वाले संस्थाओं का दायित्व
आरबीआई/2010-11/200 भुनिप्रवि.केका.एडी सं./552/02.27.004/2010-11 15 सितम्बर, 2010 भुगतान प्रणाली परिचालन हेतु प्राधिकृत सभी संस्थानों को प्रेषित महोदया/ प्रिय महोदय धनशोधन निवारन का दूसरा संशोधन नियमावली, 2010 – भुगतान प्रणाली संचालित करने वाले संस्थाओं का दायित्व धनशोधन निवारण (लेनदेन के स्वरुप और मूल्य के अभिलेखों का रखरखाव,सूचना प्रस्तुत करने की समय सीमा और उसके रखरखाव की क्रियाविधि और पद्धति तथा बैंकिंग कंपनियों, वित्तीयसंस्थाओंऔर मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहक
आरबीआई/2010-11/200 भुनिप्रवि.केका.एडी सं./552/02.27.004/2010-11 15 सितम्बर, 2010 भुगतान प्रणाली परिचालन हेतु प्राधिकृत सभी संस्थानों को प्रेषित महोदया/ प्रिय महोदय धनशोधन निवारन का दूसरा संशोधन नियमावली, 2010 – भुगतान प्रणाली संचालित करने वाले संस्थाओं का दायित्व धनशोधन निवारण (लेनदेन के स्वरुप और मूल्य के अभिलेखों का रखरखाव,सूचना प्रस्तुत करने की समय सीमा और उसके रखरखाव की क्रियाविधि और पद्धति तथा बैंकिंग कंपनियों, वित्तीयसंस्थाओंऔर मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहक
सितंबर 03, 2010
वापस लिया गया w.e.f. 16/11/2021
चेकों को नकारना/वापस करना - चेक वापसी ज्ञापन (चेक रिटर्न मेमो) में वापस करने की तारीख का उल्लेख करने की आवश्यकता
आरबीआइ/2010-11/190 डीपीएसएस.सीओ.सीएचडी.सं. 485/03.06.01/2010-11 1 सितंबर, 2010 अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों /शहरी सहकारी बैंकों /राज्य सहकारी बैंकों / जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदया/महोदय चेकों को नकारना/वापस करना - चेक वापसी ज्ञापन (चेक रिटर्न मेमो) में वापस करने की तारीख का उल्लेख करने की आवश्यकता जैसा कि आप जानते हैं, किसी भी कारण से नकारे गए/वापस किए गए चेक के साथ लगाया जाने वाला ’ च
आरबीआइ/2010-11/190 डीपीएसएस.सीओ.सीएचडी.सं. 485/03.06.01/2010-11 1 सितंबर, 2010 अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों /शहरी सहकारी बैंकों /राज्य सहकारी बैंकों / जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों सहित सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदया/महोदय चेकों को नकारना/वापस करना - चेक वापसी ज्ञापन (चेक रिटर्न मेमो) में वापस करने की तारीख का उल्लेख करने की आवश्यकता जैसा कि आप जानते हैं, किसी भी कारण से नकारे गए/वापस किए गए चेक के साथ लगाया जाने वाला ’ च
सितंबर 01, 2010
वापस लिया गया w.e.f. 18/02/2022
एनईएफटी / एनईसीएस / ईसीएस लेनदेन राशि की जमा / वापसी में देरी की वजह से बैंकों द्वारा देय दंडस्वरूप ब्याज में एकरूपता लाया जाना
भारिबैं / 2010-11/188 भुनिप्रवि (केंका) ईपीपीडी सं.477/04.03.01/2010-11 1 सितंबर 2010 एनईएफटी / एनईसीएस / ईसीएस में सहभागी सदस्य बैंकों के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/प्रिय महोदय,एनईएफटी / एनईसीएस / ईसीएस लेनदेन राशिकी जमा / वापसी में देरी की वजह से बैंकों द्वारा देय दंडस्वरूप ब्याज में एकरूपता लाया जाना जैसा कि आपको विदित है विगत दिनों से खुदरा इलैक्ट्रानिक भुगतान उत्पादों में पहुँच और मात्रा की दृष्टि से काफी वृद्धि हो रही है। दे
भारिबैं / 2010-11/188 भुनिप्रवि (केंका) ईपीपीडी सं.477/04.03.01/2010-11 1 सितंबर 2010 एनईएफटी / एनईसीएस / ईसीएस में सहभागी सदस्य बैंकों के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया/प्रिय महोदय,एनईएफटी / एनईसीएस / ईसीएस लेनदेन राशिकी जमा / वापसी में देरी की वजह से बैंकों द्वारा देय दंडस्वरूप ब्याज में एकरूपता लाया जाना जैसा कि आपको विदित है विगत दिनों से खुदरा इलैक्ट्रानिक भुगतान उत्पादों में पहुँच और मात्रा की दृष्टि से काफी वृद्धि हो रही है। दे
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जून 26, 2024
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