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भारतीय रिज़र्व बैंक की आधिकारिक वेबसाइट
मास्टर परिपत्र
जुलाई 01, 2008
’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनशोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध / धनशोधन निवारण अधिनियम ( पी एल एम ए) , 2002 के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व से संबंधित मास्टर परिपत्र्
आरबीआइ/2008-09/72आरबीआइ/2008-09/72 बैंपविवि.एएमएल. बीसी. सं. 12/14.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालकसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)सभी वित्तीय संस्थाएंमहोदय’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनशोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध / धनशोधन निवारण अधिनियम ( पी एल एम ए) , 2002 के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व से संबंधित मास्टर परिपत्रभारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर ’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनश
आरबीआइ/2008-09/72आरबीआइ/2008-09/72 बैंपविवि.एएमएल. बीसी. सं. 12/14.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक)अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालकसभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)सभी वित्तीय संस्थाएंमहोदय’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनशोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध / धनशोधन निवारण अधिनियम ( पी एल एम ए) , 2002 के अन्तर्गत बैंकों के दायित्व से संबंधित मास्टर परिपत्रभारतीय रिज़र्व बैंक ने समय-समय पर ’अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनश
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार
आरबीआइ/2008-09/20 मास्टर परिपत्र सं. 07/2008-09 01 जुलाई 2008सेवा में, विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंकमहोदया /महोदयमास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार निवासियों द्वारा लिए गए बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार, समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.3/2000-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 की धारा 6 की उप धारा 3 के खंड (घ) द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। 2. यह मास्टर परिपत्र "बाह्य वाणिज्यिक
आरबीआइ/2008-09/20 मास्टर परिपत्र सं. 07/2008-09 01 जुलाई 2008सेवा में, विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंकमहोदया /महोदयमास्टर परिपत्र - बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार निवासियों द्वारा लिए गए बाह्य वाणिज्यिक उधार और व्यापारिक उधार, समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.3/2000-आरबी के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 की धारा 6 की उप धारा 3 के खंड (घ) द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं। 2. यह मास्टर परिपत्र "बाह्य वाणिज्यिक
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - वाणिज्यिक पत्र जारी करने के लिये दिशानिर्देश
वाणिज्यिक पत्र जारी करने के लिये दिशानिर्देश पर मास्टर परिपत्र आरबीआई/2008-09/23 संदर्भ: एफएमडी.एमएसआरजी.सं.20/02.08.003/2008-09 01 जुलाई 2008 आषाढ़ 10, 1930 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक सभी अनुसूचित बैंक, प्राथमिक व्यापारी और सभी आखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं महोदय मास्टर परिपत्र - वाणिज्यिक पत्र जारी करने के लिये दिशानिर्देश जैसा कि आप जानते हैं, वाणिज्यिक पत्र (सीपी), वचन पत्र के रूप में जारी की जानेवाली एक गैर-जमानती मुद्रा बाज़ार लिखत है जिसे भारत में 1990 में
वाणिज्यिक पत्र जारी करने के लिये दिशानिर्देश पर मास्टर परिपत्र आरबीआई/2008-09/23 संदर्भ: एफएमडी.एमएसआरजी.सं.20/02.08.003/2008-09 01 जुलाई 2008 आषाढ़ 10, 1930 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक सभी अनुसूचित बैंक, प्राथमिक व्यापारी और सभी आखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं महोदय मास्टर परिपत्र - वाणिज्यिक पत्र जारी करने के लिये दिशानिर्देश जैसा कि आप जानते हैं, वाणिज्यिक पत्र (सीपी), वचन पत्र के रूप में जारी की जानेवाली एक गैर-जमानती मुद्रा बाज़ार लिखत है जिसे भारत में 1990 में
जुलाई 01, 2008
जमा प्रमाणपत्र जारी करने के लिए दिशानिर्देश
आरबीआई/2008-09/24 संदर्भ: एफएमडी.एमएसआरजी.सं. 21/02.08.003/2008-09 01 जुलाई 2008 आषाढ़ 10, 1930 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक सभी अनुसूचित बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर), और सभी आखिल भारतीय मीयादी ऋणदाता और पुनर्वित संस्थाएं महोदय/ महोदया जमा प्रमाणपत्र जारी करने के लिए दिशानिर्देश जैसा कि आप जानते हैं, मुद्रा बाजार लिखतों के विस्तार को और अधिक बढ़ाने और निवेशकों को अपनी अल्पावधि अतिरिक्त निधियों के अभिनियोजन में ज्यादा अवसर
आरबीआई/2008-09/24 संदर्भ: एफएमडी.एमएसआरजी.सं. 21/02.08.003/2008-09 01 जुलाई 2008 आषाढ़ 10, 1930 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक सभी अनुसूचित बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर), और सभी आखिल भारतीय मीयादी ऋणदाता और पुनर्वित संस्थाएं महोदय/ महोदया जमा प्रमाणपत्र जारी करने के लिए दिशानिर्देश जैसा कि आप जानते हैं, मुद्रा बाजार लिखतों के विस्तार को और अधिक बढ़ाने और निवेशकों को अपनी अल्पावधि अतिरिक्त निधियों के अभिनियोजन में ज्यादा अवसर
जुलाई 01, 2008
मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार के परिचालन पर मास्टर परिपत्र
आरबीआई/2008-09/25 एफएमडी.एमएसआरजी.सं.22/02.08.003/2008-09 1 जुलाई, 2008 आषाढ़ 10, 1930 (एस) अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (आरआरबी को छोड़कर)/ सहकारी बैंक / प्राथमिक डीलर महोदय, मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार के परिचालन पर मास्टर परिपत्र जैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक ने मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार से संबंधित मामलों के संबंध में समय-समय पर बैंकों को कई दिशानिर्देश/ अनुदेश/ निदेश जारी किए हैं। पात्र संस्थाओं को वर्तमान अनुदेश एक ही स्थान पर उपलब्ध
आरबीआई/2008-09/25 एफएमडी.एमएसआरजी.सं.22/02.08.003/2008-09 1 जुलाई, 2008 आषाढ़ 10, 1930 (एस) अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (आरआरबी को छोड़कर)/ सहकारी बैंक / प्राथमिक डीलर महोदय, मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार के परिचालन पर मास्टर परिपत्र जैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक ने मांग/नोटिस मुद्रा बाज़ार से संबंधित मामलों के संबंध में समय-समय पर बैंकों को कई दिशानिर्देश/ अनुदेश/ निदेश जारी किए हैं। पात्र संस्थाओं को वर्तमान अनुदेश एक ही स्थान पर उपलब्ध
जुलाई 01, 2008
धोखाधड़ियां - वर्गीकरण और सूचना देना
भा.रि.बैं./2008-09/30 संदर्भद.डीबीएस. कें.का.एफआरएमसी. बीसी सं. 16/23.04.001/2008-0901 जुलाई 2008मुख्य कार्यपालक सभी प्राथमिक (शहरी )सहकारी बैंक महोदयधोखाधड़ियां - वर्गीकरण और सूचना देनाकृपया आप दिनांक 2 जुलाई 2007 का हमारा पत्र डीबीएस. एफआरएमसी बीसी सं.2/23.04.001/2007-2008 देखें जिसके साथ धोखाधड़ियां-वर्गीकरण और सूचना देने से संबंधित मास्टर परिपत्र भेजा गया था। कृपया यह नोट किया जाए कि इस मास्टर परिपत्र में 2 जुलाई 2007 को जारी पिछले मास्टर परिपत्र के पश्चात वर्ष के
भा.रि.बैं./2008-09/30 संदर्भद.डीबीएस. कें.का.एफआरएमसी. बीसी सं. 16/23.04.001/2008-0901 जुलाई 2008मुख्य कार्यपालक सभी प्राथमिक (शहरी )सहकारी बैंक महोदयधोखाधड़ियां - वर्गीकरण और सूचना देनाकृपया आप दिनांक 2 जुलाई 2007 का हमारा पत्र डीबीएस. एफआरएमसी बीसी सं.2/23.04.001/2007-2008 देखें जिसके साथ धोखाधड़ियां-वर्गीकरण और सूचना देने से संबंधित मास्टर परिपत्र भेजा गया था। कृपया यह नोट किया जाए कि इस मास्टर परिपत्र में 2 जुलाई 2007 को जारी पिछले मास्टर परिपत्र के पश्चात वर्ष के
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र - वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण - लेखे पर टिप्पणियाँ
आरबीआइ संआरबीआइ सं./2008-09/32 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 3/21.04.018/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालकसभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण - लेखे पर टिप्पणियाँ कृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 14/21.04.018/2007-08 देखें जिसमें ‘लेखे पर टिप्पणियां’ में प्रकटीकरणों से संबंधित विषय पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी सभी परिचालनगत अनुदेशों को समेकि
आरबीआइ संआरबीआइ सं./2008-09/32 बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 3/21.04.018/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालकसभी वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)महोदयमास्टर परिपत्र - वित्तीय विवरणों में प्रकटीकरण - लेखे पर टिप्पणियाँ कृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 14/21.04.018/2007-08 देखें जिसमें ‘लेखे पर टिप्पणियां’ में प्रकटीकरणों से संबंधित विषय पर 30 जून 2007 तक बैंकों को जारी सभी परिचालनगत अनुदेशों को समेकि
जुलाई 01, 2008
मास्टर परिपत्र – जाली नोटों की पहचान और जब्ती
आरबीआई/2008-2009/87डीसीएम(एफएनवीडी) सं.जी-1/16.01.05/2008-09 1 जुलाई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक,सभी वाणिज्यिक/सहकारी बैंक/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/निजी बैंक / विदेशी बैंक / सभी राज्यों के कोषागार निदेशक महोदया/महोदय, मास्टर परिपत्र – जाली नोटों की पहचान और जब्ती कृपया 2 जुलाई 2007 के मास्टर परिपत्र डीसीएम (एफएनवीडी) सं.जी-1/16.01.05/2007-08 देखें, जिसमें जाली नोटों की पहचान और उन्हें जब्त करने के संबंध में 30 जून, 2007 तक जारी निर्देशों को समेकित किया गया है। मास्टर प
आरबीआई/2008-2009/87डीसीएम(एफएनवीडी) सं.जी-1/16.01.05/2008-09 1 जुलाई 2008 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक,सभी वाणिज्यिक/सहकारी बैंक/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक/निजी बैंक / विदेशी बैंक / सभी राज्यों के कोषागार निदेशक महोदया/महोदय, मास्टर परिपत्र – जाली नोटों की पहचान और जब्ती कृपया 2 जुलाई 2007 के मास्टर परिपत्र डीसीएम (एफएनवीडी) सं.जी-1/16.01.05/2007-08 देखें, जिसमें जाली नोटों की पहचान और उन्हें जब्त करने के संबंध में 30 जून, 2007 तक जारी निर्देशों को समेकित किया गया है। मास्टर प
जुलाई 01, 2008
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण के संबंध में
मास्टर परिपत्र
मास्टर परिपत्र
आरबीआइ/2008-09/85 1 जुलाई 2008आरबीआइ/2008-09/85 बैंपविवि. सं. बीएल.बीसी. 21 /22.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण के संबंध में मास्टर परिपत्र कृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 16/22.01.001/ 2007-08 देखें जिसमें 30 जून 2007 तक बैंकों को शाखा प्राधिकरण पर जारी अनुदेशों /दिशानिर्देशों को समेकित किया गया है। उपर्युक
आरबीआइ/2008-09/85 1 जुलाई 2008आरबीआइ/2008-09/85 बैंपविवि. सं. बीएल.बीसी. 21 /22.01.001/2008-09 1 जुलाई 2008 10 आषाढ़ 1930 (शक) सभी वाणिज्य बैंक(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदयबैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 23 - शाखा प्राधिकरण के संबंध में मास्टर परिपत्र कृपया 2 जुलाई 2007 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 16/22.01.001/ 2007-08 देखें जिसमें 30 जून 2007 तक बैंकों को शाखा प्राधिकरण पर जारी अनुदेशों /दिशानिर्देशों को समेकित किया गया है। उपर्युक
जुलाई 01, 2008
इरादतन चूककर्ताओं से संबंधित मास्टर परिपत्र
़्रड्डख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्द्दi आरबीआइ/2008-09/26 बैंपविवि.सं.डीएल बीसी. 1/20.16.003/2008-091 जुलाई 2008 11 आषाढ़ 1930 (शक)i) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बेंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर) तथा ii) अखिल भारतीय अधिसूचित वित्तीय संस्थाएँमहोदयइरादतन चूककर्ताओं से संबंधित मास्टर परिपत्रजैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को समय समय पर ऐसे अनेक परिपत्र जारी किए हैं जिनमें इरादतन चूककर्ताओं से
़्रड्डख्र्ड्ढञ्ज्ख्र् ङ्क्रढख्र्द्म्ख्र्न्न् ज़्द्दi आरबीआइ/2008-09/26 बैंपविवि.सं.डीएल बीसी. 1/20.16.003/2008-091 जुलाई 2008 11 आषाढ़ 1930 (शक)i) सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बेंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों को छोड़कर) तथा ii) अखिल भारतीय अधिसूचित वित्तीय संस्थाएँमहोदयइरादतन चूककर्ताओं से संबंधित मास्टर परिपत्रजैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को समय समय पर ऐसे अनेक परिपत्र जारी किए हैं जिनमें इरादतन चूककर्ताओं से
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: जून 26, 2024
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022