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कोविड-19 से संबंधित दबाव के लिए समाधान ढांचे पर 6 अगस्त 2020 को जारी परिपत्र के तहत समाधान के लिए पात्र उधारकर्ताओं हेतु, यदि परिपत्र के तहत समाधान प्रक्रिया लागू की जाती है तो 6 अगस्त 2020 का परिपत्र लागू होगा। अन्य सभी उधारकर्ताओं के लिए मौजूदा निर्देश जैसा कि अन्यथा लागू है, अभी भी लागू होंगे। हालांकि, यदि कोई संस्था अन्यथा समाधान ढांचे के तहत समाधान के लिए पात्र है, तो महामारी से उत्पन्न दबाव के समाधान के लिए केवल समाधान ढांचे का ही उपयोग किया जा सकता है।

उत्तर. एनईएफटी एक इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर प्रणाली है जिसमें एक विशेष समय तक प्राप्त लेनदेन को बैचों में संसाधित किया जाता है। इसके विपरीत, आरटीजीएस में, लेनदेन को पूरे दिन लेनदेन-दर-लेनदेन के आधार पर लगातार संसाधित किया जाता है।

उत्तर. पीपीआई का धारक वह व्यक्ति होता है जो पीपीआई जारीकर्ता से पीपीआई प्राप्त करता/खरीदता है। तथापि, उपहार पीपीआई के मामले में, कोई अन्य इच्छित/लक्षित लाभार्थी, हालांकि वह एक खरीदार नहीं है, भी धारक हो सकता है।

बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' धारी उस बैंक में अन्‍य बचत खाता खोलने के लिए पात्र नहीं है। यदि ग्राहक का उस बैंक में अन्‍य बचत खाता मौजूद हो तो उसे वह खाता 'बुनियादी बचत बैंक जमा खाता' खोलने के 30 दिनों के भीतर बंद कर देना होगा।
विदेशी मुद्रा विनिमय प्रबंध अधिनियम, 1999 में दी गई परिभाषा के अनुसार कोई भी निवासी भारतीय इसमें निवेश कर सकता है। इसमें व्‍यक्ति, हिंदू अविभक्‍त परिवार, ट्रस्‍ट, विश्‍वविद्यालय, धर्मादाय संस्‍थाएं आदि भी शामिल हैं। आवासीय स्थिति में निवासी से अनिवासी के आगामी परिवर्तन के साथ व्यक्तिगत निवेशक प्रारंभिक मोचन / परिपक्वता तक एसजीबी को रख सकते हैं।
चयन/निष्कासन/योग्यता आदि की प्रक्रिया से संबंधित प्रावधान शाखा मॉडल के तहत संचालित विदेशी बैंकों (एफबीओबीएम) पर पूरी तरह से लागू होंगे। हालांकि, एफबीओबीएम के संबंध में चयन प्रक्रिया का ब्यौरा देने वाले उपर्युक्त परिपत्र के पैरा 2.5 के अनुसार बोर्ड को दिए गए किसी भी संदर्भ को क्षेत्रीय अथवा प्रधान कार्यालय अनुपालन के समकक्ष माना जाएगा। इसके अलावा, रिपोर्टिंग लाइन के विवरण संबंधी पैरा 2.7 के संदर्भ में, बोर्ड/एसीबी के किसी भी संदर्भ को एफबीओबीएम के मामले में क्षेत्रीय या प्रधान कार्यालय अनुपालन के समकक्ष माना जाएगा।

As per Clause 8 of the Scheme, the Ombudsman for Digital Transactions shall receive and consider complaints on deficiency in services against System Participants defined in the Scheme on any of the following grounds:

4.(1) Prepaid Payment Instruments: Non-adherence to the instructions of Reserve Bank by System Participants about Prepaid Payment Instruments1 on any of the following:

  1. Failure in crediting merchant's account within reasonable time;

  2. Failure to load funds within reasonable time in wallets / cards;

  3. Unauthorized electronic fund transfer;

  4. Non-Transfer / Refusal to transfer/ failure to transfer within reasonable time, the balance in the Prepaid Payment Instruments to the holder’s ‘own’ bank account or back to source at the time of closure, expiry of validity period etc., of the Prepaid Payment Instrument;

  5. Failure to refund within reasonable time / refusal to refund in case of unsuccessful / returned / rejected / cancelled / transactions;

  6. Non-credit / delay in crediting the account of the Prepaid Payment Instrument holder as per the terms and conditions of the promotions offer(s) from time to time, if any;

  7. Non-adherence to any other instruction of the Reserve Bank on Prepaid Payment Instruments.

संस्था के मौजूदा एससीए/एसए (संयुक्त लेखा परीक्षकों के रूप में भी) अपना कार्य केवल तभी जारी रख सकते हैं यदि वे पात्रता मानदंड को पूरा करते हैं और जिन्होंने संस्था के एससीए/एसए के रूप में तीन साल के निर्धारित कार्यकाल को पूरा नहीं किया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए एससीए/एसए की नियुक्ति तक, परिपत्र की आवश्यकताओं और लागू संविधिक प्रावधानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 के लिए एससीए/एसए प्रथम तिमाही, द्वितीय तिमाही, आदि, हेतु सीमित समीक्षा के लिए जारी रह सकते हैं।

उत्तर:

ए. फेटर्स (FETERS) के तहत आवश्यक विनियामक रिपोर्टिंग (आर-विवरणी) एसएनआरआर खाते रखने वाले बैंक द्वारा की जाएगी।

बी. एसएनआरआर खाते को धारण करने वाली अनिवासी इकाई के किसी ऑफशोर खाते से एसएनआरआर खाते में/ खाते से किसी भी तरह के क्रेडिट/ डेबिट को एडी बैंक अंतरण प्रक्रिया के तहत रिपोर्ट किया जाएगा।

सी. किसी घरेलू (भारतीय) पक्ष से/को एसएनआरआर खाते से/ खाते में किए जाने वाले किसी भी क्रेडिट/ डेबिट को संबंधित अंतर्निहित लेनदेन (आयात, निर्यात, व्यापार ऋण, सेवाएं, ईसीबी, आदि) के आधार पर रिपोर्ट किया जाएगा।

ध्यान रहे कि एसएनआरआर खाता रखने वाला बैंक इन खातों के संबंध में अपने पास धारित अन्य आईएनआर वोस्ट्रो खातों पर लागू रिपोर्टिंग प्रक्रिया के समान ही रिपोर्टिंग प्रक्रिया का अनुपालन करेगा। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए कृपया ‘आर-विवरणियों का समेकन : फेटर्स के तहत रिपोर्टिंग’ विषय पर जारी दिनांक 20 मार्च 2019 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 25 का भी संदर्भ लें।

It is not necessary that individual alongwith his related parties have shareholding in the NOFHC. However, if any individual belonging to the Promoter Group chooses to become a promoter of the NOFHC, he along with his relatives (as defined in Section 6 of the Companies Act 1956) and along with entities in which he and / or his relatives hold not less than 50 per cent of the voting equity shares can hold voting equity shares not exceeding 10 per cent of the total voting equity shares of the NOFHC. [para 2 ( C ) (ii) (a) of the guidelines]
आवेदन तथा जमा राशि किसी भी बैंकिंग कंपनी (सहकारी बैंकों को छोडकर) जिस पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 [1949 का 10] लागू है (प्राधिकृत बैंक) द्वारा स्वीकार किया जाएगा।

प्रतिक्रिया: किसी भी समय न्यूनतम जमा 10 ग्राम कच्चा सोना (बार, सिक्के, पत्थर और अन्य धातुओं को छोड़कर आभूषण) है और इस योजना के तहत जमा करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है। जमा किए गए सोने की मात्रा को एक ग्राम के तीन दशमलव तक व्यक्त किया जाएगा।

उत्तर: निवेशयोग्य फंड का तात्पर्य है एनबीएफसी-पी2पी के व्यवसाय में लगाई गई पूंजी और व्यवसाय से प्राप्त अधिशेष। इसमें उधारदाताओं और उधारकर्ताओं की निधियाँ शामिल नहीं हैं जो एस्क्रो खातों के माध्यम से आदान-प्रदान की जाती हैं। प्लेटफॉर्म का उपयोग करके ऋण दिये गए/लिए गए ग्राहकों की निधि का उपयोग प्लेटफॉर्म द्वारा नहीं किया जा सकता।

As per Clause 8 of the Scheme, the NBFC Ombudsman can receive and consider any complaint on the following grounds:non-payment or inordinate delay in the payment of interest on deposits;non-adherence to the Reserve Bank directives, if any, applicable to rate of interest on deposits;non-repayment or inordinate delay in the repayment of deposits;non-presentation or inordinate delay in the presentation of post-dated cheques provided by the customer;failure to convey in writing, the amount of loan sanctioned along with terms and conditions including annualised rate of interest and method of application thereof;failure or refusal to provide sanction letter/ terms and conditions of sanction in vernacular language or a language as understood by the borrower;failure or refusal to provide adequate notice on proposed changes being made in sanctioned terms and conditions in vernacular language as understood by the borrower;failure or inordinate delay in releasing the securities/ documents to the borrower on repayment of all dues;levying of charges without adequate prior notice to the borrower/customer;failure to provide legally enforceable built-in repossession clause in the contract/ loan agreement;failure to ensure transparency in the contract/ loan agreement regarding (i) notice period before taking possession of security; (ii) circumstances under which the notice period can be waived; (iii) the procedure for taking possession of the security; (iv) provision of final chance to be given to the borrower for repayment of loan before the sale/ auction of the security; (v) the procedure for giving repossession to the borrower and (vi) the procedure for sale/ auction of the security;non-observance of directions issued by Reserve Bank to the NBFCs;non-adherence to any of the other provisions of Reserve Bank Guidelines on Fair Practices Code for NBFCs.The Ombudsman may also deal with such other matter as may be specified by the Reserve Bank from time to time.
  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) बड़े पैमाने पर लोगों को मुद्रास्फीति दर्शाता है और इसलिए, वैश्विक रूप में, सीपीआई या रिटेल मूल्य सूचकांक (आरपीआई) का केंद्रीय बैंक द्वारा मुद्रास्फीति लक्ष्य के साथ ही साथ आईआईबी में मुद्रास्फीति सुरक्षा के लिए प्रयोग किया जाता है।

  • भारत में, पूरे भारत का सीपीआई जनवरी 2011 से जारी किया जा रहा है और यह स्थायी होने में कुछ समय लेगा। मौद्रिक नीति अपने मूल्य स्थिरीकरण के लिए डबल्यूपीआई को लक्षित करना जारी रखेगा। उक्त को देखते हुए, आईआईबी में मुद्रास्फीति संरक्षण के लिए डबल्यूपीआई पर विचार करने का निर्णय लिया है।

The Department / Office selected by the applicant, while submitting his/her application through ATS, will receive the application.
उ : ऐसी कंपनी को भारतीय रिजर्व बैंक को, एक फैक्टर बनने या व्यवसाय को पूरी तरह से खोलने के अपने इरादे का एक पत्र और इस आशय का एक रोड मैप प्रस्तुत करना होगा। वित्तीय आस्तियों और आय के दोहरे मानदंडों का अनुपालन करने के बाद ही कंपनी को एनबीएफसी-फैक्टर के रूप में सीओआर प्रदान किया जाएगा। यदि कंपनी बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर अनुपालन नहीं करती है, तो उसे फैक्टरिंग व्यवसाय को खोलना होगा।
एडीएफ प्राप्त करने के लिए किसी विशिष्ट दृष्टिकोण की सिफारिश नहीं की गई है क्योंकि विभिन्न बैंक आईटी और प्रक्रिया परिपक्वता के विभिन्न स्तरों पर हैं। तथापि, एडीएफ पर दृष्टिकोण पत्र स्पष्ट रूप से एडीएफ के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सामान्य अंत स्थिति को स्पष्ट करता है।

उत्तर: “स्थायी रूप से भारत में निवास न करने वाले” अर्थात भारत में किसी विशिष्ट अवधि अथवा विशिष्ट जॉब/ असाइनमेंट, जिसकी अवधि तीन वर्ष से अधिक न हो, में नियोजन के लिए भारत में निवासी व्यक्ति ।

उत्तर: भारतीय वित्तीय प्रणाली कोड (आईएफएससी) एक अल्फा-न्यूमेरिक कोड है जो विशिष्ट रूप से एनईएफटी प्रणाली में भाग लेने वाली बैंक-शाखा की पहचान करता है। यह एक 11-अंकीय कोड है जिसमें पहले 4 अल्फा वर्ण बैंक का प्रतिनिधित्व करते हैं, और अंतिम 6 वर्ण शाखा का प्रतिनिधित्व करते हैं। पांचवां वर्ण 0 (शून्य) है। आईएफएसई का उपयोग एनईएफटी प्रणाली द्वारा मूल/गंतव्य बैंकों/शाखाओं की पहचान करने और संबंधित बैंकों/शाखाओं को उचित रूप से संदेश भेजने के लिए किया जाता है।

आवेदक कंपनी अधिनियम, 1956/ कंपनी अधिनियम 2013/ रजिस्ट्रेशन ऑफ कंपनीज़ (सिक्किम) एक्ट, 1961 के तहत पंजीकृत कंपनी होनी चाहिए और उसकी न्यूनतम निवल स्वामित्व निधि (एनओएफ) एकल-शाखा एफएफएमसी लाइसेंस हेतु आवेदन करने के लिए 25 लाख तथा बहु-शाखा एफएफएमसी लाइसेंस हेतु आवेदन करने के लिए 50 लाख होनी चाहिए ।

उत्तर: भारत का कोई निवासी, जो भारत के बाहर अस्थायी दौरे पर गया है, भारत के बाहर किसी भी स्थान (नेपाल और भूतान को छोड़कर) से अपनी भारत वापसी के समय भारत सरकार के मुद्रा नोट तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के नोट ला सकता है जिनका मूल्य रु25,000/- से अधिक न हो। कोई व्यक्ति नेपाल अथवा भूटान से रु100 से अधिक मूल्यवर्ग के भारत सरकार के मुद्रा नोट तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के नोट नहीं ला सकता। भारत का दौरा करने वाला भारत के बाहर का निवासी कोई व्यक्ति, जो पाकिस्तान तथा बांग्लादेश का नागरिक नहीं है तथा जो पाकिस्तान तथा बांग्लादेश से न तो आ रहा है और न वहाँ जा रहा है, अगर किसी हवाई अड्डे के माध्यम से भारत में प्रवेश करता है केवल तभी भारत सरकार के मुद्रा नोट तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के नोट ला सकता है परंतु उनका मूल्य रु25,000/- से अधिक नहीं होना चाहिए।

Ans Step-1: The remitter fills in the EFT Application form giving the particulars of the beneficiary (city, bank, branch, beneficiary’s name, account type and account number) and authorises the branch to remit a specified amount to the beneficiary by raising a debit to the remitter’s account. Step-2: The remitting branch prepares a schedule and sends the duplicate of the EFT application form to its Service branch for EFT data preparation. If the branch is equipped with a computer system, data preparation can be done at the branch level in the specified format. Step-3: The Service branch prepares the EFT data file by using a software package supplied by RBI and transmits the same to the local RBI (National Clearing Cell) to be included for the settlement. Step-4: The RBI at the remitting centre consolidates the files received from all banks, sorts the transactions city-wise and prepares vouchers for debiting the remitting banks on Day-1 itself. City-wise files are transmitted to the RBI offices at the respective destination centres. Step-5: RBI at the destination centre receives the files from the originating centres, consolidates them and sorts them bank-wise. Thereafter, bank-wise remittance data files are transmitted to banks on Day 1 itself. Bank-wise vouchers are prepared for crediting the receiving banks’ accounts the same day or next day. Step-6: On Day 1/2 morning the receiving banks at the destination centres process the remittance files transmitted by RBI and forward credit reports to the destination branches for crediting the beneficiaries’ accounts.

उत्तर: एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) के जरि‍ये कि‍ये जाने वाले सभी लेनदेन प्राधि‍कृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों द्वारा अन्य सामान्य वि‍देशी मुद्रा लेनदेनों की तरह ही तदनुरुपी व्यवस्थाओं के माध्यम से किए जाने चाहिए।

डीआईसीजीसी बैंकों को बीमाकृत बैंकों के रूप में पंजीकृत करते समय उन्हें मुद्रित पर्चे प्रदर्शित करने के लिए उपलब्ध कराता है जिसमें बीमाकृत बैकों के जमाकर्ताओं को निगम द्वारा दी जाने वाली बीमा सुरक्षा संबंधी जानकारी दी जाती है। किसी संदेह की स्थिति में जमाकर्ता इस संबंध में शाखा अधिकारी से पूछताछ कर सकता है।
Authorized dealers can release foreign exchange up to USD 25,000 for a business trip to any country other than Nepal and Bhutan. Release of foreign exchange exceeding USD 25,000 for a travel abroad (other than Nepal and Bhutan) for business purposes, irrespective of period of stay, requires prior permission from Reserve Bank. Visits in connection with attending of an international conference, seminar, specialised training, study tour, apprentice training, etc., are treated as business visits. Visit abroad for medical treatment and/or check up also falls within this category.
पात्र निवेशक सीधे भाग नहीं ले सकते, उन्हें एक एग्रीगेटर/ फेसिलिटेटर के माध्यम से आना होगा।
उत्तर: बुनियादी ढांचा वित्त कंपनियां पीपीपी को कवर करने वाली आस्तियों और वे वाणिज्यिक परिचालन तिथि (सीओडी) परियोजनाएं जो कम से कम एक वर्ष का संतोषजनक वाणिज्यिक परिचालन पूरा कर चुकी हैं और जो एक त्रिपक्षीय करार के तहत एक विनिर्दिष्ट परियोजना / सांविधिक प्राधिकरण द्वारा बायबैक गारंटी द्वारा समर्थित हैं, के लिए 50% पर जोखिम भार बनाए रख सकती हैं

प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार में प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के हिस्से के रूप में केवल वे क्षेत्र शामिल हैं जो आबादी के बड़े हिस्से, कमजोर वर्गों और रोजगार-प्रधान क्षेत्रों जैसे कृषि, और सूक्ष्म और लघु उद्यमों को प्रभावित करते हैं। प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार पर विस्तृत दिशानिर्देश ‘प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार’ पर हमारे दिनांक 04 सितंबर 2020 के मास्टर निदेश विसविवि.केंका.प्लान.बीसी.5/04.09.01/2020-21 में उपलब्ध हैं और समय-समय पर अद्यतन किए जाते हैं।

उत्तर: "प्रायोजन" का अर्थ एनबीएफसी द्वारा आईडीएफ के 30 से 49% के बीच इक्विटी भागीदारी है।

3.5 प्रतिशत की स्वैप लागत को स्वैप की अवधि के लिए छमाही अंतरालों पर अभिकलित किया जाएगा।
जी नहीं, भारत सरकार की दिनांक 10 अगस्त, 2019 की अधिसूचना के अनुसार निर्देशों का पालन करते हुए पीसीजी योजना के तहत कवर किए गए लेनदेन और यहां दिए गए स्पष्टीकरणों को सही बिक्री मानदंडों को पूरा करने वाला माना जाएगा और मूल एनबीएफसी/एचएफसी को वे मामलें जहां मूल एनबीएफसी/एचएफसी ऋण वृद्धि प्रदान करता है, को छोड़कर खरीददार पीएसबी को पूल की गई संपत्ति के हस्तांतरण के बाद किसी भी पूंजी को बनाए रखने की आवश्यकता नहीं होगी।

उत्तर. बैंक, गैर-बैंकों को उनके भुगतान और निपटान की जरूरतों के लिए सेवाएं प्रदान करते रहे हैं।

उत्तर

'आहरभूत बचत बैंक जमा खाता' के धारक उस बैंक में कोई अन्य बचत खाता खोलने के पात्र नहीं होंगे। यदि किसी ग्राहक का उस बैंक में कोई अन्य मौजूदा बचत खाता है, तो उसे 'आधारभूत बचत बैंक जमा खाता' खोलने की तारीख से 30 दिनों के भीतर इसे बंद करना होगा।

उत्तर: ट्रेड्स में खरीदार के रूप में कॉर्पोरेट्स, सरकारी विभाग, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और अन्य कोई संस्था भाग ले सकती है।

सीमा पारीय लेनदेन संबंधी आंकड़ा जो विदेशी घटक और घरेलू घटक से मिलकर बना है, घरेलू घटक की एक प्रति भी विदेशों में संग्रहीत की जा सकती है, यदि आवश्यक हो।
उत्तर: नहीं। यह सुविधा अधिग्रहणकर्ता बैंकों (यानी वे बैंक जो पीओएस टर्मिनल तैनात करते हैं) द्वारा निर्दिष्ट व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर उचित सत्यापन की प्रक्रिया के बाद उपलब्ध कराई जाती है। निर्दिष्ट व्यापारिक प्रतिष्ठानों को ग्राहक द्वारा देय शुल्क, यदि कोई हो, के साथ इस सुविधा की उपलब्धता को स्पष्ट रूप से इंगित/प्रदर्शित करना होगा।
सामान्यत: नकद राशि‍ प्रस्तुत करने संबंधी चालान की रसीद काउंटर पर वि‍प्रेषणकर्ता को तुरंत उपलब्ध करा दी जाती है। चेक/डीडी से भुगतान कि‍ए जाने पर स्थानीय समाशोधन गृह के समाशोधन चक्र के आधार पर लिखतों की वसूली (रि‍यलाइलेशन) होने पर ही रसीदी चालान जारी कि‍ए जाते हैं। ऐसे सभी मामलों में जमाकर्ता को पेपर टोकन जारी कि‍या जाता है, जि‍समें रसीदी चालान सुपुर्दगी की तारीख दर्शाई जाती है। रसीदी चालान, पेपर टोकन में दर्शाई गई तारीख के अनुसार सुपुर्दगी की तारीख से निर्धारित दिनों के भीतर पेपर टोकन को जमा (सरेंडर) कर प्राप्त कर लेना चाहि‍ए।
उत्तर: नहीं, यह अनिवार्य नहीं है। हालांकि, यह आदर्श होगा कि लाभार्थी नेपाल में एक बैंक शाखा के साथ एक खाता रखे जिसमें क्रेडिट किया जा सके। नेपाल में, आईएनआरएफ योजना नेपाल एसबीआई लिमिटेड (एनएसबीएल) द्वारा नियंत्रित की जाती है। यदि लाभार्थी का एनएसबीएल में बैंक खाता नहीं है या वह नेपाल में ऐसे स्थान/क्षेत्र में रहता है जहां एनएसबीएल बैंक की शाखा नहीं है, तो एनएसबीएल द्वारा नेपाल में मनी ट्रांसफर कंपनी (जिसे प्रभु मनी ट्रांसफर कहा जाता है) के साथ एक व्यवस्था की गई है जो लाभार्थी को नकद (नेपाली रुपये में) देने की व्यवस्था करेगा।
अल्पावधि उधार का अर्थ है एक वर्ष से कम अवधि तक परिपक्वता काल का उधार लेना।

उत्तर: एलओ को छोड़कर किसी विदेशी इकाई के बीओ/ पीओ को अपने खुद के उपयोग के लिए संपत्ति अर्जित करने तथा अनुमत/ प्रासंगिक क्रियाकलाप करने की अनुमति है लेकिन वे उस संपत्ति को पट्टे पर अथवा किराए पर नहीं दे सकते हैं। तथापि पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान, ईरान, नेपाल, भूटान, चीन, हांगकांग तथा मकाऊ की इकाइयों को बीओ/पीओ के लिए भारत में अचल संपत्ति अर्जित करने के लिए रिज़र्व बैंक से पूर्वानुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है। बीओ/ एलओ/ पीओ को इस शर्त पर पट्टे पर ली गई संपत्ति से अनुमत/ प्रासंगिक कार्यकलाप करने की सामान्य अनुमति है कि पट्टे की अवधि पांच वर्ष से अधिक नहीं होगी।

  • हाँ, 1.5% की नियत दर आधार के रूप में होगी, जिसका अर्थ है कि प्रति वर्ष 1.5% की ब्याज दर की गारंटी है यदि उस समय अपस्फीति है।

  • उदाहरण के लिए, यदि मुद्रास्फीति दर (-) 5% है, तो ब्याज दर सामान्य गणना से (-)3.5% होना चाहिए। परंतु कुछ मामलों में, नकारात्मक मुद्रास्फीति को नहीं माना जाएगा और निवेशकों को 1.5% की नियत दर प्राप्त होगी (कृपया 23 पर उदाहरण 2 देंखें)।

उत्तर : हां, भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से जुटाए गए ईसीबी और ट्रेड क्रेडिट को एएससीएल में गिना जाएगा।
उत्तर. किसी प्रतिभूति के दृष्टिबंधक द्वारा समर्थित ऋण को सूक्ष्मवित्त ऋण नहीं माना जाएगा।
उत्तर: कॉरिस्पॉण्डेंट बैंकिंग का आशय किसी मध्यस्थ या एजेंट के रूप में कार्य करना है, जिसमें बैंकों को आपस में तार-अंतरण (वायर ट्रान्सफर) की सुविधा देना, व्यापारिक लेनदेन करना, जमाराशियां स्वीकार करना और दूसरे बैंक की ओर से दस्तावेज़ जुटाना करना, आदि शामिल हैं। घरेलू बैंक आमतौर पर कॉरिस्पॉण्डेंट बैंकों की सेवाओं का उपयोग उन लेनदेनों के लिए करते हैं, जो प्रायः विदेशों में प्रारम्भ होते हैं या ऐसे लेनदेन जिनका अंतिम निपटान विदेशों में होता है। घरेलू बैंक विदेशी वित्तीय बाजारों तक अपनी पहुंच बनाने और विदेशों में शाखाएं खोले बिना अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को सेवा प्रदान करने के लिए कॉरिस्पॉण्डेंट बैंकों का उपयोग करते हैं।

उत्तर: पाकिस्तानी राष्ट्रिक / पाकिस्तान के स्वामित्व वाले व्यक्तियों / संस्थाओं द्वारा खाते खोलने और बांग्लादेश के स्वामित्व की संस्थाओं द्वारा खाते खोलने के लिए रिज़र्व बैंक का पूर्व अनुमोदन आवश्यक है ।

तथापि, बांग्लादेशी राष्ट्रियता वाले व्यक्ति एनआरओ खाता खोल सकते हैं, बशर्ते कि व्यक्ति(यों) के पास वैध वीज़ा हो और विदेशी नागरिक पंजीकरण कार्यालय(एफआरओ)/ विदेशी नागरिक क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) द्वारा जारी वैध आवासीय परमिट हो।

भारत में निवास करने वाले पाकिस्तान/ बांग्लादेश के नागरिक जो कि उन देशों में अल्पसंख्यक समुदायों (हिन्दू, सीख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा ईसाई) से हैं, तथा जिन्हें दीर्घावधि वीसा (एलटीवी) प्रदान किया गया है अथवा एलटीवी के लिए जिनका आवेदन विचाराधीन है, किसी प्राधिकृत व्यापारी बैंक के पास केवल एक एनआरओ खाता खोल सकते हैं और वह समय-समय पर अद्यतन की गई 1 अप्रैल 2016 की अधिसूचना सं. फेमा 5(आर)/2016-आरबी में उल्लिखित शर्तों के अधीन होगा। इस प्रकार के एनआरओ खाते खोलना दिनांक 28 मार्च 2019 के एपी (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.28 द्वारा दिए गए अनुदेश के अनुसार संबंधित प्राधिकृत बैंक द्वारा खोले गए खातों के ब्यौरे तिमाही आधार पर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करने के अधीन होगा।

जी हाँ। जनसाधारण ₹2000/- बैंकनोट का उपयोग अपने लेन-देन तथा भुगतान प्राप्त करने के लिए करते रहेंगे। लेकिन, उन्हें इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जाता है कि वे इन बैंकनोटों को 30 सितंबर, 2023 को या उससे पहले जमा कर दें/अथवा बदल लें।

विनिर्दिष्ट बैंक नोट (देयताओं की समाप्ति) अधिनियम 2017 के अनुसार, ऐसे निवासी तथा अनिवासी भारतीय नागरिकों (भारतीय पासपोर्ट आवश्यक) के लिए, जो 10 नवंबर से 30 दिसंबर, 2016 तक उक्त अवधि के दौरान भारत में उपस्थित नहीं होने के कारण इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सके, को विनिर्दिष्ट बैंक नोटों के विनिमय की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। यह सुविधा भारतीय रिजर्व बैंक के पाँच कार्यालयों मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता तथा नागपुर में निवासियों के लिए 02 जनवरी, 2017 से 31 मार्च, 2017 तक खुली थी तथा एनआरआई के लिए 02 जनवरी, 2017 से 30 जून, 2017 तक खुली रहेगी । इस धारा में निहित टिप्पण भी अदालत में लंबित किसी भी मामले के संबंध में न्यायालय के निर्देश पर किसी भी व्यक्ति को निर्दिष्ट बैंक नोटों को धारित करने के लिए प्रतिबंधित करेगा ।

इस सुविधा का लाभ केवल व्यक्तिगत क्षमता में तथा अवधि के दौरान एक बार ही उठाया जा सकता है । इस सुविधा के तहत तृतीय पक्ष जमाकर्ता को अनुमति नहीं है ।

यह सुविधा नेपाल, भूटान, पाकिस्तान तथा बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध नहीं होगी।

इस योजना के नियमों / शर्तों तथा इसके प्रकार का विवरण दिनांक 31 दिसंबर, 2016 के हमारे परिपत्र डीसीएम (आयो) सं. 2170/10.27.00/2016-17 में उपलब्ध हैं ।

निवासी भारतीयों तथा एनआरआई (भारतीय पासपोर्ट रखने वाले) के लिए निविदा फार्म का लिंक यहाँ उपलब्ध है ।

मूल पेपर टोकन खो जाने के मामले में, वि‍शेष अनुरोध पर और नि‍र्धारि‍त शुल्क अदा करने पर रसीदी चालान जारी कि‍या जाता है।
एग्रीगेटर या फेसिलिटेटर से तात्पर्य अनुसूचित बैंक या प्राथमिक डीलर या प्राथमिक नीलामी के गैर-प्रतिस्पर्धी खंड में निवेशकों से प्राप्त बोलियों को एकत्र करते हुए एकल बोली प्रस्तुत करने हेतु अनुमति प्रात निर्दिष्ट शेयर बाज़ार से है।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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