सरकारी प्रतिभूति अधिनियम 2006 और सरकारी प्रतिभूति विनियमावली 2007
उत्तर. पीपीआई जारीकर्ता एक औपचारिक, सार्वजनिक रूप से प्रकट ग्राहक शिकायत निवारण ढांचा लागू करेंगे, जिसमें ग्राहकों की शिकायतों को देखने के लिए एक नोडल अधिकारी, एस्केलेशन मैट्रिक्स और शिकायत समाधान के लिए टर्न-अराउंड-टाइम शामिल हैं। ढांचे में, कम से कम, निम्नलिखित शामिल होंगे:
ए. सरल भाषा में पीपीआई जारीकर्ता की ग्राहक सुरक्षा और शिकायत निवारण नीति की जानकारी का प्रसार;
बी. पीपीआई जारीकर्ता के ग्राहक सेवा संपर्क विवरण का स्पष्ट उल्लेख, जिसमें वेबसाइट, मोबाइल ऐप और कार्ड पर शिकायत निवारण के लिए नोडल अधिकारी का विवरण शामिल है;
सी. पीपीआई जारीकर्ता के एजेंटों द्वारा उचित साइनेज और ऊपर (बी) के अनुसार ग्राहक सेवा संपर्क विवरण का प्रदर्शन;
डी. ग्राहक द्वारा दर्ज शिकायत की स्थिति को ट्रैक करने की सुविधा के साथ-साथ दर्ज की गई शिकायतों के लिए विशिष्ट शिकायत संख्या प्रदान करना;
ई. किसी भी ग्राहक शिकायत का शीघ्रता से समाधान करने के लिए कार्रवाई शुरू करना, प्राथमिकता देते हुए 48 घंटों के भीतर और ऐसी किसी शिकायत के प्राप्त होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर इसका समाधान करने का प्रयास करना;
एफ. वेबसाइट / मोबाइल ऐप पर पीपीआई जारीकर्ता के प्राधिकृत / नामित एजेंटों (नाम, एजेंट आईडी, पता, संपर्क विवरण, आदि) की विस्तृत सूची प्रदर्शित करना; तथा
जी. पीपीआई से संबंधित वेबसाइट/मोबाइल ऐप पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के उत्तर उपलब्ध कराएं।
बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बांड के आबंटन पत्र निम्नलिखित शर्तों के अधीन खरीद सकते हैं -
- अंतर बैंक लेनदेन को छो?कर सभी लेनदेन केवल मान्यता प्राप्त शेयर बाज़ारों और पंजीकृत दलालों के माध्यम से किए जाने चाहिए।
- बांड खरीदते समय बैंक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसे प्रतिभूति का स्पष्ट हक मिलता है तथा द्वितीयक बाजार में उस प्रतिभूति का क्रय-विक्रय किया जा सकता है।
- इस प्रकार का लेनदेन करने के लिए बैंक को बोर्ड के अनुमोदन से अपना आंतरिक दिशानिर्देश निर्धारित करना चाहिए।
हां, अन्य सरकारी प्रतिभूतियों की तरह प्रश्न 14 के स्पष्टीकरण के अनुसार यह हस्तांतरणीय है, हालांकि 7% बचत बांड 2002, 6.5% बचत बांड 2003 (कर मुक्त) एवं 8% बचत बांड, 2003 (कर योग्य) के लिए जारी सरकारी अधिसूचना में हस्तांतरण की आवश्यक शर्ते दी गई है । ये सभी तीन बांड धारक की मृत्यु की दशा में हस्तांतरणीय है एवं इसके अलावा 7% बचत बांड 2002 एवं 6.5% बचत बांड 2003 (कर मुक्त) रिश्तेदारों को उपहार के रुप में हस्तांतरणीय है रिश्तेदारों की परिभाषा भारतीय कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 6 के अनुसार होगी, जोकि नीचे दी गई है :
एक व्यक्ति दूसरे का रिश्तेदार तभी माना जाएगा यदि,
ए) वे हिन्दू अविभक्त परिवार के सदस्य हो, या
बी) वे पति-पत्नी हो, या
सी) वे भारतीय कंपनी अधिनियम,1956 की अनुसूचित 1 ए के दर्शाए तरीके से एक दूसरे से संबंधित हो ।
उपरोक्त के अलावा, स.प्र.विनियमावली के विनियम 21(3) के अनुसार उपरोक्त तीन बचत बॉन्ड यदि गिरवी रखने वाला/ उधारदाता यदि गिरवी, दृष्टिबंधक या ग्रहणाधिकृत पर स्वामित्व करना चाहे, तो यह उसके हक में हस्तांतरणीय होगी ।
यह एफएक्यू भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा केवल सामान्य जानकारी एवं मार्गदर्शन के लिए दिया है, बैंक इसके आधार पर लिए गए निर्णय / की गई कार्रवाई के लिए उत्तरदायी नही है । व्याख्या / स्पष्टीकरण के लिए निवेशक कृपया सरकार एवं बैंक द्वारा समय -समय पर जारी संबंधित परिपत्र / अधिसूचना एवं सरकारी प्रतिभूति अधिनियम 2006 एवं सरकारी प्रतिभूति विनियम 2007 से मार्गदर्शन प्राप्त करें ।
उत्तर. बैंकों और गैर-बैंकों द्वारा ज़ारी किए गए पीपीआई के मामले में, ग्राहक शिकायत निवारण के लिए रिजर्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना, 2021 का सहारा ले सकते है। यह योजना आरबीआई की वेबसाइट https://cms.rbi.org.in लिंक पर उपलब्ध है।
उत्तर. एक पीपीआई जारीकर्ता ग्राहक को निम्नलिखित तीन प्रकारों में से कोई एक जारी कर सकता है:
ए) ₹10,000 तक के लघु पीपीआई (नकद लोडिंग सुविधा के साथ);
बी) ₹10,000 तक के लघु पीपीआई (कैश लोडिंग सुविधा के बिना); और
सी) पूर्ण-केवाईसी पीपीआई।
उत्तर. ऊपर वर्णित प्रकारों में, यदि कोई पीपीआई जारीकर्ता विभिन्न कारणों (उदाहरण के लिए कई सह-ब्रांडिंग साझेदार, वॉलेट/कार्ड जैसे विभिन्न रूपों में पीपीआई ज़ारी करना) से एक ही ग्राहक को कई पीपीआई जारी कर रहा है, तब पीपीआई ज़ारीकर्ता केंद्रीकृत डेटाबेस/प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) के माध्यम से सीमाओं की निगरानी करेगा।
उदाहरण के लिए, किसी विशिष्ट पीपीआई ज़ारीकर्ता द्वारा विभिन्न व्यवस्थाओं/फॉर्म फैक्टर के तहत किसी ग्राहक को ज़ारी किए गए सभी पूर्ण-केवाईसी पीपीआई के मूल्य को मिलाकर किसी भी समय ₹2,00,000/- की सीमा की गणना की जाएगी। इसी तरह, एमडी-पीपीआई के पैराग्राफ 9.1 (i) में उल्लिखित ₹10,000 की सीमा सभी छोटे पीपीआई (विभिन्न व्यवस्थाओं / फॉर्म फैक्टर के तहत पीपीआई जारीकर्ता द्वारा जारी) के लिए है। एक पीपीआई जारीकर्ता एक ही समय में एक ही मोबाइल नंबर पर दोनों प्रकार के छोटे पीपीआई ज़ारी नहीं कर सकता है।
हालांकि, सीमाओं में एमडी-पीपीआई के पैराग्राफ 10 में उल्लिखित दो श्रेणियां (उपहार पीपीआई और पीपीआई-एमटीएस) शामिल नहीं हैं।
इलेक्ट्रानिक क्लिअरिंग सर्विस (क्रेडिट क्लिअरिंग) मेंडेट फार्म
(क्रेडिट क्लिअरिंग प्रणाली के द्वारा परिपक्वता एवं ब्याज की राशि पाने के लिए निवेशक का विकल्प)
1. निवेशक /कों का नाम एवं पता :
2॰ ए) सदस्यता आईडी क्र. /बीएलए सं. :
बी) पैन/ जीआईआर संख्या* :
सी) दूरभाष / मोबाइल सं / ईमेल आईडी :
3. बैंक खाते के विवरण
ए) बैंक का नाम :
बी) शाखा का नाम :
(i) पता :
(ii) दूरभाष सं. :
सी) बैंक द्वारा जारी एमआईसीआर चेक पर छपा हुआ बैंक एवं शाखा का 9 अंकीय कोड नंबर :
डी) खाते का प्रकार (बचत, चालू या केश क्रेडिट) कोड निहित (10/11/13) :
ई) लेजर एवं लेजर फोलियो संख्या :
एफ) खाता संख्या (जैसा कि चेक बुक पर दिया है) :
(निम्नांकित बैंक प्रमाणपत्र के स्थान पर आप उपरोक्त जानकारी के सत्यापन के लिए एक निरस्त किया हुआ खाली चैक या उसकी फोटो कॉपी या बचत बैंक पास बुक के प्रथम पृष्ठ की प्रतिलिपि संलग्न कर सकते है )
4. प्रभावी होने की तिथि :
मैं/हम एतदद्वारा घोषणा करता हूं / करते है कि उपरोक्त विवरण सही और पूर्ण है । यदि जानकारी के अपूर्ण या गलत होने से लेनदेन पूर्ण नही होता है, तो मैं /हम उपयोगकर्ता संस्था को जिम्मेदार नही मानेंगे । मैंने /हमने विकल्प आमंत्रण पत्र को पढ़ लिया है एवं इस योजना के सहभागी होने के नाते अपेक्षित जिम्मदारी निभाने के लिए सहमत है ।
दिनांक :
( -----------------------)
निवेशक(कों) के हस्ताक्षर
(संयुक्त धारिता के मामलें में, वे सभी निवेशक जिनके हस्ताक्षर लोक ऋण कार्यालय द्वारा पंजीकृत किए गए है, यहां हस्ताक्षर करें ।)
प्रमाणित किया जाता है कि उपरोक्त विवरण हमारे अभिलेख के अनुसार सही है । बैंक की मुहर
दिनांक
(------------------------)
बैंक के प्राधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर
* (उन निवेशकों के लिए अनिवार्य है, जिनकी परिपक्वता राशि रु.एक लाख से अधिक है ।)
उत्तर. अंतरपरिचालनीयता तकनीकी अनुकूलता है जो किसी भुगतान प्रणाली को अन्य भुगतान प्रणालियों के संयोजन में उपयोग में लाने में सक्षम बनाती है। 16 अक्तूबर 2018 के परिपत्र के माध्यम से पीपीआई में अंतरपरिचालनीयता की अनुमति दी गई है और इसे 19 मई 2021 के परिपत्र के माध्यम से अनिवार्य कर दिया गया है।
General Information
For further details/guidance, please approach any bank authorised to deal in foreign exchange or contact Regional Offices of the Foreign Exchange Department of the Reserve Bank.
FAQ-as on July 1, 2004
i. बैंकों के निदेशक मंडल को बैंकों के उपयोग के लिए पट्टा/किराये के आधार पर परिसर लेने के संबंध में सभी पहलुओं को शामिल करते हुए नीति निर्धारित करनी चाहिए और महानगरीय, शहरी, अर्द्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग परिचालनात्मक दिशानिर्देश बनाना चाहिए। इन दिशानिर्देशों में विभिन्न स्तरों पर शक्तियों का प्रत्यायोजन भी शामिल होना चाहिए। ग्रामीण केंद्रों को छो?कर अन्य केंद्रों पर परिसर छो?ने या दूसरा परिसर लेने के संबंध में निर्णय केंद्रीय कार्यालय के स्तर पर वरिष्ठ कार्यपालकों की एक समिति द्वारा लिया जाना चाहिए।
ii. पट्टा /किराये के आधार पर परिसर देने वाले मकान मालिकों को ऋण मंजूर करने के संबंध में बैंक के निदेशक मंडल को अलग से नीति निर्धारित करनी चाहिए। ऐसे ऋणों पर ब्याज दर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उधार दर संबंधी निदेशों के अनुरूप निर्धारित की जानी चाहिए तथा 2 लाख रुपये से अधिक के ऋण के मामले में न्यूनतम उधार दर बेंचमार्क मूल उधार दर (बीपीएलआर) होनी चाहिए। बैंक की सामान्य प्रथा के अनुरूप ब्याज दर साधारण या चक्रवृद्धि हो सकती है, जैसा कि अन्य मीयादी ऋणों पर लागू हो।
iii. मकान मालिकों की वास्तविक शिकायतों को शीघ्रता से दूर करने के लिए बैंकों को एक उपयुक्त पद्धति विकसित करनी चाहिए।
iv. सरकारी क्षेत्र के बेंकों द्वारा मकान मालिकों को दिए गए अग्रिमों तथा पट्टे /किराये पर लिए गए परिसरों पर किराये (कर आदि तथा 25 लाख रुपये और उससे अधिक की जमाराशियों सहित) के संबंध में तय की गयी संविदा के ब्यौरे सरकार के विद्यमान निर्देशों के अनुसार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को भेजे जाने चाहिए। यह अपेक्षा निजी क्षेत्र के बैंकों पर लागू नहीं होगी।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022