मुद्रा परिवर्तन गतिविधियाँ
उत्तर. 'पूर्ण-केवाईसी' पीपीआई की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
ए. इनकी प्रकृति पुनः लोड करने योग्य होगी;
बी. बकाया राशि किसी भी समय ₹2,00,000/- से अधिक नहीं होगी;
सी. एक महीने के दौरान कुल क्रेडिट अथवा डेबिट के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं है; तथा
डी. उनका उपयोग वस्तुओं और सेवाओं की खरीद, नकद आहरण और निधियों के अंतरण के लिए किया जा सकता है।
उत्तर: बैच सेटलमेंट से दो घंटे की समय-सीमा की उम्मीद की जा सकती है, जिसके भीतर लाभार्थी के खाते में क्रेडिट होना चाहिए।
‘सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के पुनर्वास और पुनरुद्धार के लिए ढांचा’ के तहत कवर नहीं किए गए एमएसएमई अग्रिमों को बैंकों द्वारा ‘दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान के लिए विवेकपूर्ण ढांचा’ पर दिनांक 7 जून 2019 के परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.45/21.04.048/2018-19 में निहित निर्देशों, समय-समय पर किए गए अद्यतन के अनुसार, के अनुरूप पुनर्गठित किया जा सकता है।
उत्तर
एटीएम के माध्यम से शेष राशि की पूछताछ की गणना एटीएम से निःशुल्क निकासी की जाने वाली चार निकासी में नहीं की जानी चाहिए।
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धारकों की मृत्यु पर वैयक्तिक निवेशकों के लिए केवल नामितों को हस्तानांतरित करने की अनुमति है।
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अन्य निवेशकों के लिए हस्तानंतरणीयता की अनुमति नहीं है।
प्रतिक्रिया: जी हाँ। नामित बैंकों को योजना के तहत निर्धारित समान उपयोग के लिए अन्य नामित बैंकों को योजना के तहत जुटाया गया सोना उधार देने की अनुमति है।
उत्तर: नहीं।
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हाँ, आईआईबी का निर्गम वर्ष 2013-14 के लिए सरकारी बाज़ार उधारी कार्यक्रम लगभग रु. 579,000 करोड़ के अंतर्गत है।
Ans : The ECS Debit User intending to collect receivables through ECS Debit has to submit details of the customers (like name, bank / branch / account number of the customer, MICR code of the destination bank branch, etc.), date on which the customer’s account is to be debited, etc., in a specified format (called the input file) through its sponsor bank to the ECS Centre.
The bank managing the ECS Centre then passes on the debits to the destination banks for onward debit to the customer’s account with the destination bank branch and credits the sponsor bank's account for onward credit to the User institution. Destination bank branches will treat the electronic instructions received from the ECS Centre on par with the physical cheques and accordingly debit the customer accounts maintained with them. All the unsuccessful debits are returned to the sponsor bank through the ECS Centre (for onward return to the User Institution) within the specified time frame.
For further details about the ECS Debit scheme, the ECS Debit Procedural Guidelines – available on the website of Reserve Bank of India at http://www.rbi.org.in/Scripts/ECSUserView.aspx?Id=25 may be referred to.
फ्रैंचाइजियों से यह अपेक्षित है कि वे एडी श्रेणी-I बैंक/ एडी श्रेणी-II/ एफएफएमसी के लिए लागू एएमएल/ केवाईसी/ सीएफटी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें ।
नोट:- जिन एफएफएमसी/ गैर-बैंक प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-II के विरुद्ध डीओई/ डीआरआई/ सीबीआई/ पुलिस के बड़े मामले लंबित हों, उन्हें फ्रैंचाइज़ी नियुक्त करने के लिए लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे। जिन मामलों में एफएफएमसी/ गैर-बैंक प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-II को फ्रैंचाइज़ी नियुक्त करने की एक बार अनुमति मिल गई हो एवं अनुमति की तारीख के बाद उनके विरुद्ध डीओई/ डीआरआई/ सीबीआई/ पुलिस का मामला दर्ज़ हुआ हो तो, उक्त एफएफएमसी/ गैर-बैंक प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-II को और कोई फ्रैंचाइज़ी नियुक्त नहीं करने चाहिए एवं इस मामले को तुरंत रिज़र्व बैंक के संज्ञान में लाना चाहिए। उक्त एफएफएमसी/ गैर - बैंक प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-II को फ्रैंचाइज़ी नियुक्त की अनुमति देने के संबंध में रिज़र्व बैंक निर्णय लेगा।
उत्तर: कोई भी व्यक्ति रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध कंपाउंडिंग संबंधी मास्टर निदेश देख सकता है ।
उत्तर. लाभार्थी के खाते में देरी / क्रेडिट न होने की समस्या होने पर ग्राहक अपने बैंक / शाखा से संपर्क कर सकता है। सदस्य बैंकों के ग्राहक सुविधा केंद्र का विवरण आरबीआई की वेबसाइट https://www.rbi.org.in/Scripts/bs_viewcontent.aspx?Id=2070 पर भी उपलब्ध है।
दिनांक 6 अगस्त 2020 (समाधान ढांचा 1.0) के कोविड -19 से संबंधित दबाव के लिए समाधान ढांचे के पैरा 21 के साथ पठित पैरा 17 के अनुसार उन सभी उधार संस्थाओं के लिए आईसीए पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य है, जिनका संबंधित उधारकर्ता (पैरा 191 के अधीन) के प्रति एक्सपोजर है। चूंकि उधारकर्ता ने खाते में दबाव के परिणामस्वरूप पुनर्रचना का विकल्प चुना है, इसलिए उधारकर्ता के प्रति सभी एक्सपोजर को पुनर्रचित माना जाएगा और कार्यशील पूंजी सुविधा सहित संपूर्ण अवशिष्ट ऋण पर प्रावधान किए जाएंगे।
उत्तर
एटीएम डेबिट कार्ड बीएसबीडीए खोलते समय पेश किए जा सकते हैं और यदि ग्राहक लिखित रूप में इसके लिए अनुरोध करता है तो जारी किया जा सकता है। बैंकों को ऐसे ग्राहकों पर एटीएम डेबिट कार्ड थोपने की आवश्यकता नहीं है।
- शुरुआत में आईआईबी 10 वर्षों के लिए निर्गमित किए जाएंगे।
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जैसा कि यह सूचित किया गया कि चूंकि बेंचमार्क रखने और विविध बाज़ार मांगों को पूरा करने के लिए विभिन्न परिपक्वता बिन्दुओं पर आईआईबी जारी करना उचित है, बाद में परिपक्वता अंक बढ़ाए जा सकते हैं।
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को हमारे दिनांक 4 मई 2009 के परिपत्र ग्राआऋवि.एसएमई और एनएफएस.बीसी.सं.102/06.04.01/2008-09 के द्वारा सूचित किया गया है कि वे अपने बोर्ड द्वारा विधिवत अनुमोदित एक गैर-विवेकाधीन एकमुश्त निपटान योजना की व्यवस्था करें। बैंकों को यह भी सूचित किया गया है कि वे अपनी ओटीएस नीतियों का पर्याप्त रूप से प्रचार करें।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022