बचत बैंक जमा खाता (बीएसबीडीए) – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (आरआरबी/एसटीसीबी/डीसीसीबी)
उत्तर
हाँ। कृपया उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर देखें (प्रश्न संख्या 14)। हालांकि, यदि बैंक कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाता है और न्यूनतम शेष राशि के बिना बीडीबीडीए खातों के तहत निर्धारित सुविधाओं से अधिक मुफ्त सुविधाएं प्रदान करता है तो ऐसे खातों को बीएसबीडीए के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
उत्तर: आईडीएफ-एनबीएफसी की पूंजी पर्याप्तता की गणना के उद्देश्य से,
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एक वर्ष से अधिक वाणिज्यिक परिचालन के अस्तित्व में रहने वाले पीपीपी को कवर करने वाले बांड और वाणिज्यिक संचालन तिथि (सीओडी) परियोजनाएं।
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अन्य सभी आस्तियां गैर-बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार न करने वाली या धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2007 के पैरा 16 में दिए गए मौजूदा विनियमों के अनुसार जोखिम भारित होंगी।
- आईआईबी जी-सेक है और अनुमोदित सरकारी बाज़ार उधारी कार्यक्रम के रूप में जारी किया गया है।
- अतः, आईआईबी को स्वतः ही एसएलआर स्थिति मिल जाएगी।
ढांचे की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
(i) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उध्यम के ऋण खाते को अनर्जक आस्तियों (एनपीए) में परिवर्तित होने से पूर्व बैंकों/ ऋणदाताओं को चाहिए कि वे ढांचे में दिए गए अनुसार विशेष उल्लिखित खाता (एसएमए) के अधीन तीन उपश्रेणियाँ सृजित कर खाते में आरंभिक दबाव की पहचान करें।
(ii) कोई भी एमएसएमई उधारकर्ता स्वेच्छा से इस ढांचे के तहत कार्यवाही शुरू कर सकता है।
(iii) सुधारात्मक कार्य योजना तय करने के लिए समिति दृष्टिकोण अपनाया जाना।
(iv) ढांचे के तहत विभिन्न निर्णय लेने के लिए समय सीमा तय की गई है।
उत्तर: प्रेषक और लाभार्थी क्रमशः अपने बैंक के एनईएफटी ग्राहक सुविधा केंद्र (सीएफसी) से संपर्क करके एनईएफटी लेनदेन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं। बैंकों के एनईएफटी सीएफसी का विवरण संबंधित बैंकों की वेबसाइटों पर उपलब्ध है। सदस्य बैंकों के सीएफसी का विवरण आरबीआई की वेबसाइट /en/web/rbi/-/customer-facilitation-centres-neft-updated-as-on-june-16-2023-2070-1 पर भी उपलब्ध है।
लेन-देन को तेजी से ट्रैक करने के उद्देश्य से, आपको आपके बैंक को लेन-देन से संबंधित कुछ विवरण प्रदान करने की आवश्यकता हो सकती है जैसे कि विशिष्ट लेनदेन संदर्भ (यूटीआर) संख्या / लेनदेन संदर्भ संख्या, लेनदेन की तिथि, प्रेषक आईएफएससी, राशि, लाभार्थी का नाम, लाभार्थी आईएफएससी, आदि।
उत्तर: जहां किसी अनिवासी भारतीय निकट संबंधी (कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2(77)में यथा प्रभाषित किए गए “निकट संबंधी ”) का चिकित्सा व्यय किसी निवासी व्यक्ति द्वारा उठाया जाता है, ऐसा व्यय निवासी से निवासी को लेनदेन होने के कारण अधिसूचना सं फेमा 14(आर) / 2016- आर बी दिनांक 2 मई 2016 के विनियम 6(2) के अधीन “उससे संबंधित सेवाओं” के अधीन कवर किया जाए ।
परिपक्वता की तारीख को रिकॉर्ड में उल्लिखित बैंक खाते में प्रोसीड्स क्रेडिट किया जाएगा।
यदि किसी प्रकार की सूचना जैसे खाता संख्या, आईएफ़एससी कोड आदि में परिवर्तन हुआ है तो निवेशक द्वारा प्राधिकृत बैंकों के माध्यम से भारतीय रिज़र्व बैंक को यथाशीघ्र सूचित किया जाए।
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न्यूनतम निवेश सीमा रु.5000/- (पाँच हज़ार) है।
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पात्र वैयक्तिक के लिए प्रति वर्ष रु. 10 लाख और हिन्दू अविभाजित परिवार, धर्मार्थ संस्थाएं, शिक्षण विन्यास और इसी तरह की अन्य संस्थाओं के लिए हैं जो लाभार्थ प्रकृति के नहीं है।
उत्तर: एक सेटलमेंट फ़ाइल इस बात की सूचना उपलब्ध कराती है कि प्रतिभागियों (विक्रेताओं, खरीदारों और फाइनेंसरों) के खातों में से कितनी राशि डेबिट की जानी है कितनी राशि क्रेडिट की जानी है, जो एक विशेष तिथि / समय पर देय है। दूसरे शब्दों में, यह इंगित करता है कि एक फाइनेंसर को एमएसएमई विक्रेता को कितना भुगतान करना है, और एक खरीदार को किसी विशेष तारीख / समय पर फाइनेंसर को कितना देना है। ट्रेड्स संस्थाएँ निपटान फ़ाइल उत्पन्न करती हैं और धन के वास्तविक भुगतान के लिए मौजूदा भुगतान प्रणालियों (उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह) को भेजती हैं।
उत्तर. दस्तावेजों की एक सांकेतिक जांच सूची नीचे दी गई है:
ए) सीपीएस की सदस्यता के लिए आवरण पत्र, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
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भाग-क: सामान्य जानकारी
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भाग-ख: वित्तीय और जोखिम प्रबंधन पहलू
बी) चालू खाते के लिए:
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आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय में चालू खाता खोलने के लिए आवेदन पत्र (भुगतान प्रणाली के लिए पहुँच मानदंड पर मास्टर निदेश का अनुबंध-I)
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निगमन/पंजीकरण संबंधी मूल प्रमाणपत्र
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व्यवसाय आरंभ करने संबंधी मूल प्रमाणपत्र
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बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा विधिवत प्रमाणित संस्था के बहिर्नियम और अंतर्नियम / उपनियमों की एक अद्यतन प्रति
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अध्यक्ष द्वारा विधिवत सत्यापित प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं के हस्ताक्षर के नमूने के साथ खाता खोलने हेतु प्राधिकृत करने वाले निदेशक मंडल के संकल्प (पीछे दिए गए नमूने के अनुसार) की सही प्रतिलिपि
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खाता परिचालित करने के लिए प्राधिकृत अधिकारियों की सूची
सी) इनफिनेट सदस्यता के लिए:
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इनफिनेट सदस्यता के लिए आवेदन पत्र (भुगतान प्रणाली के लिए पहुँच मानदंड पर मास्टर निदेश का अनुबंध-IV)
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संस्था के पत्र शीर्ष पर आवेदक द्वारा दिया जाने वाला वचन पत्र
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इनफिनेट सदस्यता प्राप्त करने के लिए बोर्ड के संकल्प की प्रति
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मौजूदा आईटी बुनियादी संरचना का विवरण
डी) आरटीजीएस सदस्यता के लिए:
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आरटीजीएस सदस्यता के लिए आवेदन पत्र (भुगतान प्रणाली के लिए पहुँच मानदंड पर मास्टर निदेश का अनुबंध-V)
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इनफिनेट सदस्यता संबंधी सूचना की प्रमाणित प्रति
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निर्धारित प्रपत्र में वचन पत्र (स्टाम्प पेपर)
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निर्धारित प्रपत्र (स्टाम्प पेपर) में मुख्तारनामा, मूल रूप में
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आरटीजीएस प्रणाली की सदस्यता हेतु आवेदन करने के लिए प्राधिकृत करने वाले निदेशक मंडल के संकल्प की प्रमाणित सही प्रतिलिपि
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दिन की शुरुआत संबंधी निधि अंतरण के लिए स्थायी अनुदेश
ई) एनईएफटी सदस्यता के लिए:
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एनईएफटी सदस्यता के लिए आवेदन पत्र (भुगतान प्रणाली के लिए पहुँच मानदंड पर मास्टर निदेश का अनुबंध-VI)
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आरटीजीएस सदस्यता प्रमाणपत्र की प्रमाणित असल प्रति
उत्तर: नहीं।
फ्रैंचाइज़र, अर्थात प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक/ प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-II/ एफएफएमसी फ्रैंचाइज़ी के संबंध में पर्याप्त सावधानी बरतते हुए निम्नवत न्यूनतम जांचें अवश्य करें:-
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फ्रैंचाइज़ी के वर्तमान कारोबार की गतिविधियां/ इस क्षेत्र में उसकी स्थिति।
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फ्रैंचाइज़ी की न्यूनतम निवल स्वामित्व वाली निधि।
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फ्रैंचाइज़ी के पास उपलब्ध दूकानें और दफ्तर/ नगरपालिका से प्राप्त अन्य यथालागू प्रमाणपत्र।
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जिस स्थान पर फ्रैंचाइज़ी सीमित मुद्रा परिवर्तन का कार्य करेगी उस स्थान के अस्तित्व का भौतिक सत्यापन।
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स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों से फ्रैंचाइज़ी के आचरण का प्रमाणपत्र (निगमित संस्थाओं के संबंध में संस्था के बहिर्नियम एवं निगमन प्रमाणपत्र की सत्यापित प्रतिलिपि)
नोट:- स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों से फ्रैंचाइज़ी का आचरण का प्रमाणपत्र हासिल करना फ्रेंचाइजर के लिए वैकल्पिक होगा। तथापि, फ्रेंचाइज़ी के रूप में व्यक्तियों/ संस्थाओं को नियुक्त करते समय फ्रेंचाइज़र इस बारे में समुचित सावधानी बरतें कि इनके विरुद्ध किसी भी विधि प्रवर्तन एजेंसी में कोई मामला न हो/ कार्यवाही शुरू न की गयी हो/ मामला लंबित न हो।
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फ्रैंचाइज़ी या इसके निदेशकों/ साझेदारों के विरुद्ध किसी भी विधि प्रवर्तन एजेंसी द्वारा कोई पिछला आपराधिक मामला हो, कोई मामला शुरू किया गया हो/लंबित हो, यो उनकी घोषणा।
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फ्रैंचाइज़ी एवं इसके निदेशकों/ साझीदारों के पैन कार्ड।
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फ्रैंचाइज़ी के निदेशकों/ साझेदारों एवं मुख्य व्यक्तियों के फोटोग्राफ ।
उपर्युक्त बिंदुओं की जाँच नियमित आधार पर किन्तु वर्ष में कम-से-कम एक बार की जाए। फ्रैंचाइज़र्स को चाहिए कि वे फ्रैंचाइज़ी के कारोबार स्थल की पुष्टि के लिए साइट का व्यक्तिगत तौर पर दौरा करने के साथ-साथ उसका समुचित दस्तावेजी सबूत भी हासिल करें। फ्रैंचाइज़र्स किसी सनदी लेखाकार से इस आशय का प्रमाणपत्र भी हासिल करें कि फ्रैंचाइज़ी की निवल स्वामित्व वाली निधि लगातार कम से कम रु.10 लाख रहती है।
यदि कुल राशि की बोली गैर-प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से आरक्षित राशि से अधिक है, तो आवंटन यथानुपात आधार पर किया जाएगा।
उदाहरण:
गैर-प्रतिस्पर्धी आधार पर आवंटन के लिए आरक्षित राशि यदि ₹ 10 करोड़ है और गैर-प्रतिस्पर्धी खंड के लिए बोली की कुल राशि ₹ 12 करोड़ है। आंशिक आवंटन प्रतिशत = 10/12 = 83.33% है। अर्थात्, प्रत्येक बैंक या पीडी या विनिर्दिष्ट शेयर बाज़ार जो पात्र निवेशकों से प्राप्त गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियों को प्रस्तुत किया है उन्हें कुल जमा राशि का 83.33% प्राप्त होगा। यह ध्यान दिया जाए कि आबंटित राशि ₹ 10,000/- के गुणकों में होना सुनिश्चित करने के लिए आंशिक आबंटन अनुपात से वास्तविक आबंटन अलग हो सकते हैं।
इस प्रकार की सेवा में कमी के मामले में शिकायत के समाधान के लिए शिकायतकर्ता/परेशान ग्राहक सबसे पहले संबंधित बैंक से संपर्क कर सकता है। यदि शिकायत दर्ज़ कराने के बाद 30 दिन के भीतर बैंक कोई जवाब नहीं देता है अथवा शिकायतकर्ता बैंक द्वारा दिए गए जवाब/समाधान से संतुष्ट नहीं है तो शिकायतकर्ता भारतीय रिज़र्व बैंक की एकीकृत लोकपाल योजना 2021 के अंतर्गत आरबीआई की शिकायत प्रबंधन प्रणाली पोर्टल (cms.rbi.org.in) पर शिकायत दर्ज कर सकता है।
Ans : No. There is no value limit on the amount of individual transactions.
ऐसे खाते समाधान ढांचे के तहत समाधान के लिए पात्र नहीं होंगे क्योंकि समाधान ढांचा केवल उन पात्र उधारकर्ताओं के लिए लागू होगा, जिन्हें मानक के रूप में वर्गीकृत किया गया था, लेकिन 1 मार्च, 2020 की स्थिति के अनुसार 30 दिनों से अधिक के लिए डिफ़ॉल्ट में नहीं थे। तथापि, ऐसे खातों का समाधान 7 जून, 2019 के विवेकपूर्ण ढ़ांचे के तहत किया जा सकता है।
उत्तर: नहीं। डिफ़ॉल्ट हैंडलिंग ट्रेड्स प्लेटफ़ॉर्म के दायरे से बाहर है।
हां, भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 के भाग ‘X’ के अंतर्गत जारी उत्तराधिकार प्रमाणपत्र (सक्सेशन सर्टिफिकट ) के आधार पर ही नहीं बल्कि किसी सक्षम न्यायालय द्वारा जारी डिक्री , आदेश अथवा निर्देश या किसी अन्य कानून के अंतर्गत किसी व्यक्ति को मालिकाना हक प्रदान करने के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाणपत्र या आदेश के आधार पर भी मालिकाना हक निर्धारित किया जा सकता है । मृत्तक या संयुक्त धारकों की सरकारी प्रतिभूति पर मालिकाना हक भारतीय रिजर्व बैंक /एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी प्रतिभूति विनियमावली मे निर्धारित निम्नांकित छह मे से किसी एक दस्तावेज द्वारा भी निर्धारित किया जा सकता है ।
'ए ' सरकारी प्रतिभूति के मृत्तक धारक द्वारा तैयार की गई वसीयत में जिस व्यक्ति को दावा हेतु अधिकार दिया है, बशर्ते कि दावेदार बैंक को न्यायालय द्वारा जारी प्रोबेट प्रस्तुत करता है ; अथवा
'बी ' परिवार समझौता का पंजीकृत विलेख, जिसमें दावा की गए सरकारी प्रतिभूति को शामिल किया गया है और वह सरकारी प्रतिभूति दावेदार को दी गई है; अथवा
‘सी’ दावा की गई सरकारी प्रतिभूति के लिए, संबंधित कानून के अनुसार उपहार विलेख (गीफ्ट डीड ) बनाया है, अथवा
'डी ' अन्य कानूनी वारिस या मृतक के उत्तराधिकारी द्वारा दावेदार के पक्ष मे सरकारी प्रतिभूति के संबंध में कानून के अनुसार बनाई गयी त्याग विलेख अथवा
‘ई ‘ दावा की गई सरकारी प्रतिभूति के संबंध में विदेशी कोर्ट द्वारा पारित डिक्री, जोकि सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 कोड, (1908 का 5) की धारा 44 ए के प्रावधान के अनुसार कार्रवाई करने हेतु स्वीकार्य हो ।
‘एफ’ बटवारा निष्पादन विलेख , जिसमें दावा की गई सरकारी प्रतिभूति को शामिल किया गया है और दावेदार का हिस्सा निर्धारित किया गया हो ।
प्रतिक्रिया: जी हाँ। जीएमएस के अंतर्गत बैंकों द्वारा जारी जमा प्रमाणपत्रों के संपार्श्विक के प्रति रुपी ऋण का लाभ उठाया जा सकता है।
उत्तर
नहीं। बीएसबीडीए में, बैंकों को एटीएम और आरटीजीएस/एनईएफटी/समाशोधन/शाखा नकद निकासी/स्थानांतरण/इंटरनेट डेबिट/स्थायी निर्देश/ईएमआई आदि सहित अन्य मोड के माध्यम से न्यूनतम चार निकासी मुफ्त प्रदान करने की आवश्यकता है। यह बैंकों पर छोड़ दिया गया है कि वे या तो मुफ्त में पेशकश करें या अतिरिक्त निकासी के लिए शुल्क लें। हालांकि, यदि बैंक अतिरिक्त निकासी के लिए शुल्क लेने का निर्णय लेते हैं, तो बैंकों द्वारा उचित, गैर-भेदभावपूर्ण और पारदर्शी तरीके से मूल्य निर्धारण संरचना को बैंकों द्वारा स्थापित किया जा सकता है।
- आईआईबी के निपटान चक्र टी+1 होगा जैसा कि नियत दर के परंपरागत बॉन्ड।
उत्तर: लाभार्थी के खाते में जमा करने के बाद, लाभार्थी बैंक लाभार्थी को प्राप्त धन की सूचना देगा। प्रेषक का नाम लाभार्थी के खाता विवरण/पासबुक में मुद्रित किया जाएगा।
एनईएफटी भुगतान संदेश में टैग 7495 के साथ एक वैकल्पिक फ़ील्ड है जो अतिरिक्त “प्रेषक-से-प्राप्तकर्ता” जानकारी को शामिल करने में सक्षम बनाता है। गंतव्य बैंकों को अनुरोध पर ग्राहक को प्रदान की जाने वाली उचित जानकारी को अपने सीबीएस / अन्य प्रणालियों में इस जानकारी को कैप्चर और स्टोर करना चाहिए।
यदि प्रेषक के भुगतान निर्देश में निर्दिष्ट लाभार्थी कुछ वैध कारणों से एनईएफटी प्रणाली के माध्यम से भुगतान प्राप्त करने में विफल रहता है, तो मूल बैंक उस प्रवर्तक की पासबुक/खाता विवरण में "एनईएफटी-रिटर्न" विवरण प्रदान करेगा जिसका एनईएफटी लेनदेन लौटाया गया है।
फ्रैंचाइज़र, अर्थात एडी श्रेणी-I बैंक/ एडी श्रेणी-II/ एफएफएमसी अपनी संबंधित नियंत्रक शाखाओं से 100 किमी के दायरे में फ्रैंचाइज़ी नियुक्त कर सकते हैं।
तथापि, फ्रैंचाइज़ी के रूप में नियुक्त जाने-माने समूहों/ होटलों की श्रृंखला के मामले में दूरी के मानक में छूट है, बशर्ते समूह/ होटल श्रृंखला का मुख्यालय संबंधित फ्रैंचाइज़र की नियंत्रक शाखा से 100 किमी के दायरे में हो।
इसके अलावा, ऐसे क्षेत्र जो पहाड़ी क्षेत्र (संबंधित राज्य सरकार/ संघशासित प्रदेश द्वारा यथा परिभाषित) के रूप में घोषित हों एवं उत्तर-पूर्वी राज्यों पर उक्त मद संख्या (i) में दिया गया दूरी से संबंधित प्रतिबंध लागू नहीं होगा।
उत्तर: विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा (6) की उप-धारा 4 के अनुसार भारत का निवासी कोई भी व्यक्ति विदेशी मुद्रा, विदेशी प्रतिभूति अथवा भारत के बाहर स्थित किसी अचल संपत्ति को धारित करने, उसका स्वामित्व प्राप्त करने, अंतरण करने अथवा उसमे निवेश करने के लिए स्वतंत्र है यदि इस प्रकार की मुद्रा, प्रतिभूति अथवा संपत्ति को ऐसे व्यक्ति द्वारा तब अर्जित, धारित अथवा उसका स्वामित्व तब प्राप्त किया गया हो जब वह भारत के बाहर का निवासी था अथवा ऐसे व्यक्ति से विरासत पाया हो जो भारत के बाहर का निवासी है ।
साथ ही कोई निवासी व्यक्ति एलआरएस के अंतर्गत विदेशों में संपत्ति तथा अन्य आस्तियां भी अर्जित कर सकता है।
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022