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बचत बैंक जमा खाता (बीएसबीडीए) – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (आरआरबी/एसटीसीबी/डीसीसीबी)

उत्तर

हाँ। कृपया उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर देखें (प्रश्न संख्या 14)। हालांकि, यदि बैंक कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाता है और न्यूनतम शेष राशि के बिना बीडीबीडीए खातों के तहत निर्धारित सुविधाओं से अधिक मुफ्त सुविधाएं प्रदान करता है तो ऐसे खातों को बीएसबीडीए के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।

उत्तर: आईडीएफ-एनबीएफसी की पूंजी पर्याप्तता की गणना के उद्देश्य से,

  1. एक वर्ष से अधिक वाणिज्यिक परिचालन के अस्तित्व में रहने वाले पीपीपी को कवर करने वाले बांड और वाणिज्यिक संचालन तिथि (सीओडी) परियोजनाएं।

  2. अन्य सभी आस्तियां गैर-बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार न करने वाली या धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2007 के पैरा 16 में दिए गए मौजूदा विनियमों के अनुसार जोखिम भारित होंगी।

  • आईआईबी जी-सेक है और अनुमोदित सरकारी बाज़ार उधारी कार्यक्रम के रूप में जारी किया गया है।
  • अतः, आईआईबी को स्वतः ही एसएलआर स्थिति मिल जाएगी।

ढांचे की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

(i) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उध्यम के ऋण खाते को अनर्जक आस्तियों (एनपीए) में परिवर्तित होने से पूर्व बैंकों/ ऋणदाताओं को चाहिए कि वे ढांचे में दिए गए अनुसार विशेष उल्लिखित खाता (एसएमए) के अधीन तीन उपश्रेणियाँ सृजित कर खाते में आरंभिक दबाव की पहचान करें।

(ii) कोई भी एमएसएमई उधारकर्ता स्वेच्छा से इस ढांचे के तहत कार्यवाही शुरू कर सकता है।

(iii) सुधारात्मक कार्य योजना तय करने के लिए समिति दृष्टिकोण अपनाया जाना।

(iv) ढांचे के तहत विभिन्न निर्णय लेने के लिए समय सीमा तय की गई है।

हां। ग्राहक चेक के बट्टे या खरीदने के लिए बैंक से संपर्क कर सकता है। लेकिन यह बात ध्यान में रखी जानी चाहिए कि खरीदने/बट्टे के लिए प्रभार काफी अधिक होंगे क्योंकि राशियां प्राप्त होने से पहले ही बैंक वे राशियां देंगे। प्रभार इस बात पर निर्भर करेंगे कि ग्राहक ने बट्टे खरीदने के लिए अनुरोध कब किया है और कितनी अवधि के लिए बैंक निधि रहित रहती है।नोट: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकों को ळएअ् चेकों की वसूली नीति के संबंध में दिए गए स्थूल दिशानिर्देशों/सिफारिशों के आधार पर ग्राहकों की सामान्य जागरुकता के लिए तैयार किए गए हैं। ग्राहकों से अनुरोध है कि वे विशिष्ट विवरण प्राप्त करने के लिए संबंधित बैंक की चेक वसूली नीति देखें या शाखा प्रबंधक से संपर्क करें।
On return from a foreign trip travellers are required to surrender unspent foreign exchange held in the form of currency notes within 90days and travellers’ cheques within 180 days of return. However, they are free to retain foreign exchange upto USD 2,000, in the form of foreign currency notes or TCs for future use or credit to their RFC(Domestic) Account without any limit.

उत्तर: प्रेषक और लाभार्थी क्रमशः अपने बैंक के एनईएफटी ग्राहक सुविधा केंद्र (सीएफसी) से संपर्क करके एनईएफटी लेनदेन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं। बैंकों के एनईएफटी सीएफसी का विवरण संबंधित बैंकों की वेबसाइटों पर उपलब्ध है। सदस्य बैंकों के सीएफसी का विवरण आरबीआई की वेबसाइट /en/web/rbi/-/customer-facilitation-centres-neft-updated-as-on-june-16-2023-2070-1 पर भी उपलब्ध है।

लेन-देन को तेजी से ट्रैक करने के उद्देश्य से, आपको आपके बैंक को लेन-देन से संबंधित कुछ विवरण प्रदान करने की आवश्यकता हो सकती है जैसे कि विशिष्ट लेनदेन संदर्भ (यूटीआर) संख्या / लेनदेन संदर्भ संख्या, लेनदेन की तिथि, प्रेषक आईएफएससी, राशि, लाभार्थी का नाम, लाभार्थी आईएफएससी, आदि।

उत्तर: जहां किसी अनिवासी भारतीय निकट संबंधी (कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2(77)में यथा प्रभाषित किए गए “निकट संबंधी ”) का चिकित्सा व्यय किसी निवासी व्यक्ति द्वारा उठाया जाता है, ऐसा व्यय निवासी से निवासी को लेनदेन होने के कारण अधिसूचना सं फेमा 14(आर) / 2016- आर बी दिनांक 2 मई 2016 के विनियम 6(2) के अधीन “उससे संबंधित सेवाओं” के अधीन कवर किया जाए ।

उ. हाल ही अक्टूबर 2008 में ईसीएस क्रेडिट का एक केन्द्रीयकृत वर्जन नेशनल ईसीएस (एनईसीएस ) प्रारंभ किया गया है. एनईसीएस में केन्द्र अथवा भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिबंध नहीं है. यह प्रणाली बैंकों द्वारा प्रयुक्त केन्द्रीयकृत लेखा प्रणाली से जुड़ी है। तदनुसार भुगतान अनुदेश प्राप्त करने/ भेजने वाले बैंको के खाते केन्द्रीयकृत रूप से मुंबई में डेबिट अथवा क्रेडिट किये जाते हैं. तथापि एनईसीएस में सहभाग लेने वाली शाखाएं देश के किसी भी भाग में स्थित हो सकती है.बैंकें अपनी कोर बैंकिंग से जुड़ी किसी भी क्षेत्र में स्थित शाखाओं को एनईसीएस में शामिल करने के लिए स्वतंत्र हैं. वर्तमान में 114 बैंकों की लगभग 32000 शाखाएं एनईसीएस में सहभागी है. भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट http://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/Content/PDFs/87706.pdf. पर एनईसीएस योजना का विवरण प्राप्त किया जा सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक, राष्ट्रीय समाशोधन केन्द्र, प्रथम तल, फ्री प्रेस हाउस, नारीमन प्वाइंट, मुंबई- 400021 से एनईसीएस में सहभागी बैंक शाखाओं की सूची प्राप्त की जा सकती है.भारतीय रिजर्व बैंक के बंगलौर क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा ईसीएस क्रेडिट प्रणाली का एक और संस्करण क्षेत्रीय ईसीएस (आरईसीएस ) क्रेडिट शुरु किया है. आरईसीएस के अंतर्गत कर्नाटक राज्य में स्थित सभी कोर बैंकिंग आधारित शाखाएं शामिल होंगी और राज्य के भीतर हिताधिकारियों तक पहुंचने की इच्छुक संस्थाओं द्वारा इसका उपयोग किया जा सकता है. यह प्रणाली बैंकों की केंद्रीकृत लेखांकन प्रणाली का लाभ लेती है. तदनुसार भुगतान अनुदेश प्राप्त करने/ भेजने वाले बैंकों के खाते केन्द्रीयकृत रूप से बंगलौर में डेबिट अथवा क्रेडिट किये जाते हैं. तथापि आरईसीएस में सहभाग लेने वाली शाखाएं राज्य के किसी भी भाग में स्थित हो सकती है.
दो प्रकार के जीएएच प्रयोगकर्ता होते हैं (।) ट्रांजेक्‍शनल प्रयोगकर्ता – वे प्रयोगकर्ता जो ऑर्डर प्रबंधन कर सकते हैं – ऑर्डर देना/परिवर्तन करना/ रद्द करना/ जारी करना और सौदा करना । (।।) व्‍यू प्रयोगकर्ता – जो केवल उसी जीएएच के अंतर्गत लेन-देन करने वाले विभिन्‍न प्रयोगकर्ताओं द्वारा दिए गए ऑर्डर/ किए गए सौदे को देख सकते हैं।

परिपक्वता की तारीख को रिकॉर्ड में उल्लिखित बैंक खाते में प्रोसीड्स क्रेडिट किया जाएगा।

यदि किसी प्रकार की सूचना जैसे खाता संख्या, आईएफ़एससी कोड आदि में परिवर्तन हुआ है तो निवेशक द्वारा प्राधिकृत बैंकों के माध्यम से भारतीय रिज़र्व बैंक को यथाशीघ्र सूचित किया जाए।

हां।
  • न्यूनतम निवेश सीमा रु.5000/- (पाँच हज़ार) है।

  • पात्र वैयक्तिक के लिए प्रति वर्ष रु. 10 लाख और हिन्दू अविभाजित परिवार, धर्मार्थ संस्थाएं, शिक्षण विन्यास और इसी तरह की अन्य संस्थाओं के लिए हैं जो लाभार्थ प्रकृति के नहीं है।

उत्तर: एक सेटलमेंट फ़ाइल इस बात की सूचना उपलब्ध कराती है कि प्रतिभागियों (विक्रेताओं, खरीदारों और फाइनेंसरों) के खातों में से कितनी राशि डेबिट की जानी है कितनी राशि क्रेडिट की जानी है, जो एक विशेष तिथि / समय पर देय है। दूसरे शब्दों में, यह इंगित करता है कि एक फाइनेंसर को एमएसएमई विक्रेता को कितना भुगतान करना है, और एक खरीदार को किसी विशेष तारीख / समय पर फाइनेंसर को कितना देना है। ट्रेड्स संस्थाएँ निपटान फ़ाइल उत्पन्न करती हैं और धन के वास्तविक भुगतान के लिए मौजूदा भुगतान प्रणालियों (उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय स्वचालित समाशोधन गृह) को भेजती हैं।

उत्तर. दस्तावेजों की एक सांकेतिक जांच सूची नीचे दी गई है:

ए) सीपीएस की सदस्यता के लिए आवरण पत्र, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. भाग-क: सामान्य जानकारी

  2. भाग-ख: वित्तीय और जोखिम प्रबंधन पहलू

बी) चालू खाते के लिए:

  1. आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय में चालू खाता खोलने के लिए आवेदन पत्र (भुगतान प्रणाली के लिए पहुँच मानदंड पर मास्टर निदेश का अनुबंध-I)

  2. निगमन/पंजीकरण संबंधी मूल प्रमाणपत्र

  3. व्यवसाय आरंभ करने संबंधी मूल प्रमाणपत्र

  4. बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा विधिवत प्रमाणित संस्था के बहिर्नियम और अंतर्नियम / उपनियमों की एक अद्यतन प्रति

  5. अध्यक्ष द्वारा विधिवत सत्यापित प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं के हस्ताक्षर के नमूने के साथ खाता खोलने हेतु प्राधिकृत करने वाले निदेशक मंडल के संकल्प (पीछे दिए गए नमूने के अनुसार) की सही प्रतिलिपि

  6. खाता परिचालित करने के लिए प्राधिकृत अधिकारियों की सूची

सी) इनफिनेट सदस्यता के लिए:

  1. इनफिनेट सदस्यता के लिए आवेदन पत्र (भुगतान प्रणाली के लिए पहुँच मानदंड पर मास्टर निदेश का अनुबंध-IV)

  2. संस्था के पत्र शीर्ष पर आवेदक द्वारा दिया जाने वाला वचन पत्र

  3. इनफिनेट सदस्यता प्राप्त करने के लिए बोर्ड के संकल्प की प्रति

  4. मौजूदा आईटी बुनियादी संरचना का विवरण

डी) आरटीजीएस सदस्यता के लिए:

  1. आरटीजीएस सदस्यता के लिए आवेदन पत्र (भुगतान प्रणाली के लिए पहुँच मानदंड पर मास्टर निदेश का अनुबंध-V)

  2. इनफिनेट सदस्यता संबंधी सूचना की प्रमाणित प्रति

  3. निर्धारित प्रपत्र में वचन पत्र (स्टाम्प पेपर)

  4. निर्धारित प्रपत्र (स्टाम्प पेपर) में मुख्तारनामा, मूल रूप में

  5. आरटीजीएस प्रणाली की सदस्यता हेतु आवेदन करने के लिए प्राधिकृत करने वाले निदेशक मंडल के संकल्प की प्रमाणित सही प्रतिलिपि

  6. दिन की शुरुआत संबंधी निधि अंतरण के लिए स्थायी अनुदेश

ई) एनईएफटी सदस्यता के लिए:

  1. एनईएफटी सदस्यता के लिए आवेदन पत्र (भुगतान प्रणाली के लिए पहुँच मानदंड पर मास्टर निदेश का अनुबंध-VI)

  2. आरटीजीएस सदस्यता प्रमाणपत्र की प्रमाणित असल प्रति

उत्तर: नहीं।

नहीं। जमा बीमा स्कीम अनिवार्य है और कोई बैंक इससे अलग नहीं हो सकता है।
उत्तर: हां, खाते में शेष आईएनआर से हुई आय को यथालागू विनियामक दिशानिर्देशों और कर प्रावधानों के अधीन संप्रत्यावर्तित किया जा सकता है।
A. The NOFHC has to be wholly owned by the Promoters/Promoter Group. However, at least 51 per cent of the voting equity shares of the NOFHC have to be held by companies in the Promoter Group in which public hold not less than 51 per cent of the voting equity of those companies.[para 2 (C) (ii) (b) of the guidelines]

फ्रैंचाइज़र, अर्थात प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक/ प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-II/ एफएफएमसी फ्रैंचाइज़ी के संबंध में पर्याप्त सावधानी बरतते हुए निम्नवत न्यूनतम जांचें अवश्य करें:-

  1. फ्रैंचाइज़ी के वर्तमान कारोबार की गतिविधियां/ इस क्षेत्र में उसकी स्थिति।

  2. फ्रैंचाइज़ी की न्यूनतम निवल स्वामित्व वाली निधि।

  3. फ्रैंचाइज़ी के पास उपलब्ध दूकानें और दफ्तर/ नगरपालिका से प्राप्त अन्य यथालागू प्रमाणपत्र।

  4. जिस स्थान पर फ्रैंचाइज़ी सीमित मुद्रा परिवर्तन का कार्य करेगी उस स्थान के अस्तित्व का भौतिक सत्यापन।

  5. स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों से फ्रैंचाइज़ी के आचरण का प्रमाणपत्र (निगमित संस्थाओं के संबंध में संस्था के बहिर्नियम एवं निगमन प्रमाणपत्र की सत्यापित प्रतिलिपि)

नोट:- स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों से फ्रैंचाइज़ी का आचरण का प्रमाणपत्र हासिल करना फ्रेंचाइजर के लिए वैकल्पिक होगा। तथापि, फ्रेंचाइज़ी के रूप में व्यक्तियों/ संस्थाओं को नियुक्त करते समय फ्रेंचाइज़र इस बारे में समुचित सावधानी बरतें कि इनके विरुद्ध किसी भी विधि प्रवर्तन एजेंसी में कोई मामला न हो/ कार्यवाही शुरू न की गयी हो/ मामला लंबित न हो।

  1. फ्रैंचाइज़ी या इसके निदेशकों/ साझेदारों के विरुद्ध किसी भी विधि प्रवर्तन एजेंसी द्वारा कोई पिछला आपराधिक मामला हो, कोई मामला शुरू किया गया हो/लंबित हो, यो उनकी घोषणा।

  2. फ्रैंचाइज़ी एवं इसके निदेशकों/ साझीदारों के पैन कार्ड।

  3. फ्रैंचाइज़ी के निदेशकों/ साझेदारों एवं मुख्य व्यक्तियों के फोटोग्राफ ।

उपर्युक्त बिंदुओं की जाँच नियमित आधार पर किन्तु वर्ष में कम-से-कम एक बार की जाए। फ्रैंचाइज़र्स को चाहिए कि वे फ्रैंचाइज़ी के कारोबार स्थल की पुष्टि के लिए साइट का व्यक्तिगत तौर पर दौरा करने के साथ-साथ उसका समुचित दस्तावेजी सबूत भी हासिल करें। फ्रैंचाइज़र्स किसी सनदी लेखाकार से इस आशय का प्रमाणपत्र भी हासिल करें कि फ्रैंचाइज़ी की निवल स्वामित्व वाली निधि लगातार कम से कम रु.10 लाख रहती है।

यदि कुल राशि की बोली गैर-प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से आरक्षित राशि से अधिक है, तो आवंटन यथानुपात आधार पर किया जाएगा।

उदाहरण:

गैर-प्रतिस्पर्धी आधार पर आवंटन के लिए आरक्षित राशि यदि 10 करोड़ है और गैर-प्रतिस्पर्धी खंड के लिए बोली की कुल राशि 12 करोड़ है। आंशिक आवंटन प्रतिशत = 10/12 = 83.33% है। अर्थात्, प्रत्येक बैंक या पीडी या विनिर्दिष्ट शेयर बाज़ार जो पात्र निवेशकों से प्राप्त गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियों को प्रस्तुत किया है उन्हें कुल जमा राशि का 83.33% प्राप्त होगा। यह ध्यान दिया जाए कि आबंटित राशि 10,000/- के गुणकों में होना सुनिश्चित करने के लिए आंशिक आबंटन अनुपात से वास्तविक आबंटन अलग हो सकते हैं।

उत्तर. ग्राहक को केवल उन्ही शुल्कों का भुगतान करना है जो ऋणदाता द्वारा प्रदान की गयी फैक्टशीट में स्पष्ट रूप से उल्लिखित हैं। इसके अलावा, ग्राहक को निम्नलिखित बातों का भी ध्यान रखना चाहिए:सूक्ष्मवित्त ऋणों पर कोई पूर्व-भुगतान दंड नहीं है।विलंबित भुगतान के लिए जुर्माना, यदि कुछ है तो, केवल अतिदेय राशि पर लागू किया जा सकता है, न कि संपूर्ण ऋण राशि पर।ब्याज दर या किसी अन्य शुल्क में कोई भी परिवर्तन उधारकर्ता को लिखित रूप में अग्रिम रूप से सूचित किया जाएगा और ये परिवर्तन केवल संभावित रूप से प्रभावी होंगे।

इस प्रकार की सेवा में कमी के मामले में शिकायत के समाधान के लिए शिकायतकर्ता/परेशान ग्राहक सबसे पहले संबंधित बैंक से संपर्क कर सकता है। यदि शिकायत दर्ज़ कराने के बाद 30 दिन के भीतर बैंक कोई जवाब नहीं देता है अथवा शिकायतकर्ता बैंक द्वारा दिए गए जवाब/समाधान से संतुष्ट नहीं है तो शिकायतकर्ता भारतीय रिज़र्व बैंक की एकीकृत लोकपाल योजना 2021 के अंतर्गत आरबीआई की शिकायत प्रबंधन प्रणाली पोर्टल (cms.rbi.org.in) पर शिकायत दर्ज कर सकता है।

यदि गैर-प्रतिस्पर्धी बोली के अंतर्गत बोली की कुल राशि आरक्षित राशि से कम है, तो सभी आवेदकों को आवंटित किया जाएगा और प्रतिस्पर्धी नीलामी के लिए उपलब्ध राशि में कमी को जोड़ा जाएगा।
Yes. The Banking Ombudsman may reject a complaint at any stage if it appears to him that a complaint made to him is:not on the grounds of complaint referred to abovecompensation sought from the Banking Ombudsman is beyond ₹ 20 lakh (₹ Two Million).requires consideration of elaborate documentary and oral evidence and the proceedings before the Banking Ombudsman are not appropriate for adjudication of such complaintthe complaint is without any sufficient causethe complaint that it is not pursued by the complainant with reasonable diligencein the opinion of the Banking Ombudsman there is no loss or damage or inconvenience caused to the complainant.
The RBI will allot the bids under the non-competitive segment to the bank or PD which, in turn, will allocate to the bidders.
एफसीएनआर (बी) जमाराशियों की प्रतिभूति पर जमाकर्ताओं को दिए गए ऋणों एवं अग्रिमों पर लगायी जानेवाली ब्याज दर तय करने के लिए बैंक स्वतंत्र हैं। वे यह दर अपनी बेंचमार्क मूल उधार दर से असंबद्ध रखकर निर्धारित कर सकते हैं, चाहे चुकौती रुपये में हो या विदेशी मुद्रा में।
Any person resident in India can remit upto US$5,000 in any one year as a gift to a person residing outside India or as donation to a charitable/educational / religious /cultural organisation outside India. Remittances exceeding the limit require prior permission from the Reserve Bank.
उत्तर: यदि आदेश की तारीख से 15 दिनों के भीतर रकम अदा नहीं की जाती है तो यह समझा जाएगा कि आवेदक ने रिज़र्व बैंक को कंपाउंडिंग के लिए कभी भी आवदेन नहीं किया था और उल्लंघन के संबंध में फेमा, 1999 के अन्य उपबंधों लागू होंगे। ऐसे मामले आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय को संदर्भित किए जाएंगे।
जी नहीं, बीएसबीडीए में बैंकों से अपेक्षित है कि वे एटीएम और अन्‍य माध्‍यम जिसमें आरटीजीएस/ एनइएफटी/ समाशोधन/ शाखा/ नकद आहरण/ अंतरण/ इंटरनेट नामे / स्‍थायी अनुदेश/ ईएमआइ आदि शामिल है, के माध्‍यम से न्‍यूनतम चार आहरण बिना प्रभार के उपलब्‍ध करायें। यह बैंक पर निर्भर रहेगा कि वह अतिरिक्‍त आहरण/णों के लिए मुफ्त में या प्रभार के साथ अनुमति दें। तथापि, यदि बैंक अतिरिक्‍त आहरण के लिए प्रभार लगाने का निर्णय लें तो बैंक द्वारा उचित, पक्षपातरहित और पारदर्शी ढंग से मूल्‍यन संरचना तैयार की जाए।
उत्तर: हाँ, ग्राहकों से एटीएम पर किए गए लेनदेन के संबंध में शुल्क लिया जा सकता है यदि वे निर्धारित मुफ्त लेनदेन की संख्या (जैसा कि, उपर्युक्त प्रश्न संख्या 11 के उत्तर में दर्शाया गया है) से अधिक बार लेनदेन करते हैं। तथापि उनके बैंक द्वारा ये शुल्क प्रति लेनदेन अधिकतम 21/- रुपये (साथ में लागू कर, यदि कोई हो) से अधिक नहीं लिया जा सकता है।
उत्तर. समान मोबाइल नंबर और समान न्यूनतम विवरण का उपयोग करके ऐसे पीपीआई को पुनः जारी करने की अनुमति नहीं है।
उत्तर. जबकि ग्राहकों के पास लेन-देन को ट्रैक करने की सुविधा नहीं है, आरबीआई ने आरटीजीएस लेनदेन में सकारात्मक पुष्टि की सुविधा लागू की है। इसके तहत, प्रेषक बैंक को आरबीआई (लाभार्थी बैंक के माध्यम से) से एक संदेश प्राप्त होगा कि पैसा लाभार्थी बैंक / ग्राहक खाते में जमा किया गया है। इसके आधार पर, प्रेषक बैंक को प्रेषक ग्राहक को सूचित करना चाहिए कि धन प्राप्त करने वाले बैंक के लाभार्थी खाते में जमा कर दिया गया है।

Ans : No. There is no value limit on the amount of individual transactions.

ऐसे खाते समाधान ढांचे के तहत समाधान के लिए पात्र नहीं होंगे क्योंकि समाधान ढांचा केवल उन पात्र उधारकर्ताओं के लिए लागू होगा, जिन्हें मानक के रूप में वर्गीकृत किया गया था, लेकिन 1 मार्च, 2020 की स्थिति के अनुसार 30 दिनों से अधिक के लिए डिफ़ॉल्ट में नहीं थे। तथापि, ऐसे खातों का समाधान 7 जून, 2019 के विवेकपूर्ण ढ़ांचे के तहत किया जा सकता है।

The NBFC Ombudsman proceeds to pass an Award if the the complaint is not settled by an agreement within a specified period as allowed by the NBFC Ombudsman. Before passing an Award, the NBFC Ombudsman will provide reasonable opportunity to the complainant and the NBFC to present their case. It is upto the complainant to accept the Award in full and final settlement or reject it.

उत्तर: नहीं। डिफ़ॉल्ट हैंडलिंग ट्रेड्स प्लेटफ़ॉर्म के दायरे से बाहर है।

If the Ombudsman is satisfied that there is indeed a deficiency of service on the part of the System Participant and the complaint is not settled by agreement within a specified period as allowed by the Ombudsman, he/she proceeds to pass an Award. Before passing an Award, the Ombudsman will provide reasonable opportunity to the complainant and the System Participant to present their case. It is upto the complainant to accept the Award in full and final settlement or reject it.

हां, भारतीय उत्तराधि‍कार अधि‍नि‍यम, 1925 के भाग ‘X’ के अंतर्गत जारी उत्तराधि‍कार प्रमाणपत्र (सक्सेशन सर्टिफिकट ) के आधार पर ही नहीं बल्कि कि‍सी सक्षम न्यायालय द्वारा जारी डि‍क्री , आदेश अथवा निर्देश या किसी अन्य कानून के अंतर्गत किसी व्यक्ति को मालिकाना हक प्रदान करने के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाणपत्र या आदेश के आधार पर भी मालिकाना हक निर्धारित किया जा सकता है । मृत्तक या संयुक्त धारकों की सरकारी प्रतिभूति पर मालिकाना हक भारतीय रि‍जर्व बैंक /एजेंसी बैंकों द्वारा सरकारी प्रति‍भूति विनियमावली मे निर्धारित निम्नांकित छह मे से किसी एक दस्तावेज द्वारा भी निर्धारित किया जा सकता है ।

' ' सरकारी प्रति‍भूति के मृत्तक धारक द्वारा तैयार की गई वसीयत में जि‍स व्यक्ति को दावा हेतु अधि‍कार दि‍या है, बशर्ते कि दावेदार बैंक को न्यायालय द्वारा जारी प्रोबेट प्रस्तुत करता है ; अथवा

'बी ' परि‍वार समझौता का पंजीकृत वि‍लेख, जि‍समें दावा की गए सरकारी प्रति‍भूति‍ को शामि‍ल कि‍या गया है और वह सरकारी प्रतिभूति दावेदार को दी गई है; अथवा

‘सी’ दावा की गई सरकारी प्रति‍भूति के लिए, संबंधि‍त कानून के अनुसार उपहार वि‍लेख (गीफ्ट डीड ) बनाया है, अथवा

'डी ' अन्य कानूनी वारि‍स या मृतक के उत्तराधि‍कारी द्वारा दावेदार के पक्ष मे सरकारी प्रति‍भूति‍ के संबंध में कानून के अनुसार बनाई गयी त्याग विलेख अथवा

‘ई ‘ दावा की गई सरकारी प्रति‍भूति के संबंध में वि‍देशी कोर्ट द्वारा पारि‍त डि‍क्री, जोकि सि‍वि‍ल प्रक्रि‍या संहि‍ता, 1908 कोड, (1908 का 5) की धारा 44 ए के प्रावधान के अनुसार  कार्रवाई करने हेतु स्वीकार्य हो ।

‘एफ’ बटवारा नि‍ष्पादन विलेख , जि‍समें दावा की गई सरकारी प्रति‍भूति को शामि‍ल कि‍या गया है और दावेदार का हिस्सा निर्धारित किया गया हो ।

प्रतिक्रिया: जी हाँ। जीएमएस के अंतर्गत बैंकों द्वारा जारी जमा प्रमाणपत्रों के संपार्श्विक के प्रति रुपी ऋण का लाभ उठाया जा सकता है।

उत्तर

नहीं। बीएसबीडीए में, बैंकों को एटीएम और आरटीजीएस/एनईएफटी/समाशोधन/शाखा नकद निकासी/स्थानांतरण/इंटरनेट डेबिट/स्थायी निर्देश/ईएमआई आदि सहित अन्य मोड के माध्यम से न्यूनतम चार निकासी मुफ्त प्रदान करने की आवश्यकता है। यह बैंकों पर छोड़ दिया गया है कि वे या तो मुफ्त में पेशकश करें या अतिरिक्त निकासी के लिए शुल्क लें। हालांकि, यदि बैंक अतिरिक्त निकासी के लिए शुल्क लेने का निर्णय लेते हैं, तो बैंकों द्वारा उचित, गैर-भेदभावपूर्ण और पारदर्शी तरीके से मूल्य निर्धारण संरचना को बैंकों द्वारा स्थापित किया जा सकता है।

  • आईआईबी के निपटान चक्र टी+1 होगा जैसा कि नियत दर के परंपरागत बॉन्ड।
इस ढांचे में किए गए प्रावधान ₹25 करोड़ तक की सीमा के तहत एमएसएमई ऋण, कंसोर्टियम या बहु बैंकिंग व्यवस्था (एमबीए) के अंतर्गत खातों सहित, पर लागू होंगे।
Residents are permitted to hold foreign currency up to USD 2,000 or its equivalent or credit to their RFC(Domestic) Account without any limit provided the foreign exchange was - acquired by him while on a visit to any place outside India by way of payment for services not arising from any business in or anything done in India; or acquired by him, from any person not resident in India and who is on a visit to India, as honorarium or gift or for services rendered or in settlement of any lawful obligation, or acquired by him by way of honorarium or gift while on a visit to any place outside India; or acquired by him from an authorised person for travel abroad and represents the unspent amount thereof.

उत्तर: लाभार्थी के खाते में जमा करने के बाद, लाभार्थी बैंक लाभार्थी को प्राप्त धन की सूचना देगा। प्रेषक का नाम लाभार्थी के खाता विवरण/पासबुक में मुद्रित किया जाएगा।

एनईएफटी भुगतान संदेश में टैग 7495 के साथ एक वैकल्पिक फ़ील्ड है जो अतिरिक्त “प्रेषक-से-प्राप्तकर्ता” जानकारी को शामिल करने में सक्षम बनाता है। गंतव्य बैंकों को अनुरोध पर ग्राहक को प्रदान की जाने वाली उचित जानकारी को अपने सीबीएस / अन्य प्रणालियों में इस जानकारी को कैप्चर और स्टोर करना चाहिए।

यदि प्रेषक के भुगतान निर्देश में निर्दिष्ट लाभार्थी कुछ वैध कारणों से एनईएफटी प्रणाली के माध्यम से भुगतान प्राप्त करने में विफल रहता है, तो मूल बैंक उस प्रवर्तक की पासबुक/खाता विवरण में "एनईएफटी-रिटर्न" विवरण प्रदान करेगा जिसका एनईएफटी लेनदेन लौटाया गया है।

फ्रैंचाइज़र, अर्थात एडी श्रेणी-I बैंक/ एडी श्रेणी-II/ एफएफएमसी अपनी संबंधित नियंत्रक शाखाओं से 100 किमी के दायरे में फ्रैंचाइज़ी नियुक्त कर सकते हैं।

तथापि, फ्रैंचाइज़ी के रूप में नियुक्त जाने-माने समूहों/ होटलों की श्रृंखला के मामले में दूरी के मानक में छूट है, बशर्ते समूह/ होटल श्रृंखला का मुख्यालय संबंधित फ्रैंचाइज़र की नियंत्रक शाखा से 100 किमी के दायरे में हो।

इसके अलावा, ऐसे क्षेत्र जो पहाड़ी क्षेत्र (संबंधित राज्य सरकार/ संघशासित प्रदेश द्वारा यथा परिभाषित) के रूप में घोषित हों एवं उत्तर-पूर्वी राज्यों पर उक्त मद संख्या (i) में दिया गया दूरी से संबंधित प्रतिबंध लागू नहीं होगा।

उत्तर: विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा (6) की उप-धारा 4 के अनुसार भारत का निवासी कोई भी व्यक्ति विदेशी मुद्रा, विदेशी प्रतिभूति अथवा भारत के बाहर स्थित किसी अचल संपत्ति को धारित करने, उसका स्वामित्व प्राप्त करने, अंतरण करने अथवा उसमे निवेश करने के लिए स्वतंत्र है यदि इस प्रकार की मुद्रा, प्रतिभूति अथवा संपत्ति को ऐसे व्यक्ति द्वारा तब अर्जित, धारित अथवा उसका स्वामित्व तब प्राप्त किया गया हो जब वह भारत के बाहर का निवासी था अथवा ऐसे व्यक्ति से विरासत पाया हो जो भारत के बाहर का निवासी है ।

साथ ही कोई निवासी व्यक्ति एलआरएस के अंतर्गत विदेशों में संपत्ति तथा अन्य आस्तियां भी अर्जित कर सकता है।

नहीं, बीएलए के समयपूर्व मोचन का विकल्प उपलब्ध नहीं है।
उ. ईसीएस डेबिट संव्यवहार किसी भी संस्था द्वारा प्रारंभ किया जा सकता है (जिसे ईसीएस डेबिट उपयोगकर्ता कहा जाता है) और वह संस्था टेलीफोन/ बिजली/ पानी के बकाया, उपकर/ कर वसूली, ऋण की किस्त के भुगतान, म्युचुअल फंड में आवधिक निवेश के लिए धनराशि प्राप्त/संग्रह करती हो. इस योजना में किसी बैंक शाखा का कोई खाता धारक किसी ईसीएस प्रयोक्ता को एक निर्धारित आवृत्ति में उसका बैंक खाता डेबिट करके निर्धारित राशि वसूलने के लिए प्राधिकृत कर सकता है.संस्थागत उपयोगकर्ता को पहले किसी ईसीएस केंद्र के साथ पंजीकरण करवाना होता है. भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट के http://www.rbi.org.in/scripts/ECSUser.aspx. पर अनुमोदित ईसीएस डेबिट केन्द्रों की सूची उपलब्ध है. संस्थाओं को ईसीएस डेबिट योजना में सहभागी होने से पूर्व अपने ग्राहकों से प्राधिकार और उनका बैंक खाता विवरण भी लेना होगा. उपयोगकर्ता संस्थानों को अपने ग्राहकों से प्राधिकृत प्रपत्र (मैंडेट) के माध्यम से ग्राहक के बैंक शाखा से प्राप्त पावती के साथ विवरण लेना होगा. मैंडेट की एक प्रतिलिपि गंतव्य बैंक की उस शाखा के रिकार्ड में उपलब्ध होना चाहिए, जहाँ ग्राहक का बैंक खाता हो.
यदि बीमाकृत बैंक लगातार तीन अवधियों तक प्रीमियम का भुगतान करने में विफल रहता है तो निगम उसका पंजीकरण रद्द कर सकता है। प्रीमियम के भुगतान में चूक के लिए डीआईसीजीसी द्वारा किसी भी बैंक से अपना कवरेज वापस लेने की स्थिति में जनता को समाचार पत्रों के माध्यम से सूचित किया जाएगा। यदि बैंक को नई जमा राशि प्राप्त करने से प्रतिबंधित किया जाता है; या इसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है या आरबीआई द्वारा लाइसेंस देने से इनकार कर दिया गया है; या इसे स्वेच्छा से या अनिवार्य रूप से समाप्त किया गया है; या यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 36ए(2) के अर्थ के तहत एक बैंकिंग कंपनी या सहकारी बैंक नहीं रह जाता है; या इसने अपनी सभी जमा देनदारियों को किसी अन्य संस्था को हस्तांतरित कर दिया है; या इसे किसी अन्य बैंक के साथ समामेलित किया गया है या किसी सक्षम प्राधिकारी द्वारा समझौता या व्यवस्था या पुनर्निर्माण की योजना को मंजूरी दी गई है और उक्त योजना नए जमा की स्वीकृति की अनुमति नहीं देती है, तो बीमित बैंक का पंजीकरण रद्द कर दिया जाता है। बैंक का पंजीकरण रद्द होने की स्थिति में, बैंक की जमा राशि, रद्द होने की तिथि तक बीमा द्वारा कवर की जाती है।

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: दिसंबर 11, 2022

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